दीनानाथ बत्रा‘ऊँ’ में जादू है, प्रभाव है, ऐसा गुण है, जो उसका जाप करने वाले साधक का मन एकाग्र और वश में कर देता है। उसके गायन से हमारी भावनाएं, हमारे विचार एक सामंजस्य पूर्ण स्थिति में पहुंच जाते हैं, उसके द्वारा आत्मा को शांति और विश्रांति मिलती है, हृदय उस दशा में पहुंच जाता […]
Month: February 2013
हिंदू आतंक की वास्तविकता
बलबीर पुंजलश्कर-ए-तैयबा के आतंकी अबू जुंदाल की गिरफ्तारी और जांच एजेंसियों द्वारा उससे की जा रही पूछताछ से सामने आ रही जानकारी आजकल समाचार पत्र पत्रिकाओं की सुर्खियों में है, किंतु सेक्यूलर दुराग्रह से ग्रस्त मीडिया द्वारा जुंदाल के एक महत्वपूर्ण खुलासे की अनदेखी कई प्रश्नों को खड़ा करती है जुंदाल की गिरफ्तारी से जहां […]
तथाकथित धर्मनिरपेक्षता की जय?
क्या आप धर्मनिरपेक्ष है? जरा फिर सोचिए और स्वयं के लिए इन प्रश्नों के उत्तर खाजिए।1.विश्व में लगभग कुछ मुस्लिम देश हैं, एक मुस्लिम देश का नाम बताईए जो हज के लिए सब्सिडी देता हो?2. एक मुस्लिम देश बताईए जहां हिंदुओं के लिए विशेष कानून है, जैसे भारत में मुसलमानों के लिए है?3. किसी एक […]
एक: अभागा(?) भारत संसार का, कोई भी देश, भाषा की दृष्टि से भारत जैसा भाग्यवान नहीं है; पर साथ-साथ यह भी जान ले कि संसार का कोई भी देश भारत जैसा अभागा भी नहीं है, मानसिक गुलाम नहीं है, मतिभ्रमित नहीं है, हीन ग्रंथि से पीडित नहीं है, और पश्चिमी रंग में रँगा नहीं है। […]
देश-द्रोह का बदला-4
शांता कुमारगतांक से आगे….वह सामने से हट गया। नरेन्द्र भागकर प्राण बचाने का प्रयत्न करने लगा। अब तक नरेन्द्र काफी दूर निकल गया था। कन्हाई भी अपनी पिस्तौल से बिलकुल तैयार था। नरेन्द्र को भागते देख वह भूखे सिंह की भांति उसकी ओर लपका। नरेन्द्र जोर जोर से चिल्लाता शोर मचाता भाग रहा था। मार […]
व्यंजन अक्षर अभी तक हमने हिंदी वर्णमाला के स्वर कहे जाने वाले अक्षरों के विषय में कुछ समझने का प्रयास किया है। अब हम व्यंजनों के विषय में चर्चा करते हैं। जिन वर्णों को बोलते समय स्वरों की सहायता लेनी पड़े उन्हें व्यंजन कहते हैं। इनकी संख्या 33 है। ये स्वरों की सहायता से बोले […]
महर्षि दयानंद का इतिहास विषयक ज्ञानमहर्षि दयानंद अपने काल के पहले व्यक्ति थे जिन्होंने इतिहास और वेद को अलग अलग निरूपित किया। उन्होंने वेदों में इतिहास होने की धारणा को निर्मूल सिद्घ किया। महर्षि दयानंद का इतिहास संबंधी ज्ञान भी उतना ही गहन और गंभीर था जितना कि उनका वेद संबंधी ज्ञान गहन और गंभीर […]
राजीव अग्रवालरेवाड़ी, शिक्षा और संस्कार किसी भी समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए अध्यापकों को चाहिए कि वे बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कारों व नैतिक शिक्षका का भी पाठ पढाएं, यह विचार हरियाणाा के बिजली मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने रविवार को स्थानीय पुष्प वाटिका में विश्वकर्मा वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के 22वें […]
सतीश तलवाड़भारतीय संस्कृति में गुरु-शिष्य की परम्परा का विशेष महत्व है। जितनी भौतिक विद्याएँ है उतने ही गुरु हो सकते हैं। भौतिक वस्तुआकृ के विषय में ज्ञान प्रदाता को शिक्षा-गुरु भी कहा जाता है जो शिष्य को आत्मानुभूति की ओर नहए ले जा सकता। सत्य की अनुभूति के लिये दीक्षा-गुरु की आवश्यकता होती है। सर्वव्यापक, […]
विश्वास खोती न्याय व्यवस्था
मुझे गर्व है कि मैं दुनिया के सबसे विशाल लोकतंत्र में रहता हूं। मुझे अपने राष्ट्र के संविधान पर गर्व है। क्योंकि इसने 120 करोड़ लोगों को जीने का हक दिया है और हमारी न्यायपालिका का अस्तित्व उस वक्त से प्रभावी है जब दुनिया अंर्तकलह और युद्घ में व्यस्त थी।हमारे देश का सर्वोच्च न्यायालय वही […]