जिस रफ़्तार से ई-कॉमर्स पोर्टलों की संख्या बढ़ी है, उसने ऑनलाइन शॉपिंग के शौकीनों की उलझन भी बढ़ा दी है। कोई भी प्रॉडक्ट बेहतर शर्तों और सस्ती कीमत पर खरीदने के लिए सही ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट का चुनाव करना मुश्किल हो गया है। ऐसे में उनकी मदद के लिए आगे आई हैं कंपेरिजन शॉपिंग वेबसाइटें […]
Month: December 2012
जिस रफ़्तार से ई-कॉमर्स पोर्टलों की संख्या बढ़ी है, उसने ऑनलाइन शॉपिंग के शौकीनों की उलझन भी बढ़ा दी है। कोई भी प्रॉडक्ट बेहतर शर्तों और सस्ती कीमत पर खरीदने के लिए सही ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट का चुनाव करना मुश्किल हो गया है। ऐसे में उनकी मदद के लिए आगे आई हैं कंपेरिजन शॉपिंग वेबसाइटें […]
लोकतन्त्र और वयस्क मताधिकार
प्रगति की दौड़ में सबसे पीछे खड़े व्यक्ति को विकास से परिचित कराना और उसे विकास का लाभ पहुँचाना लोकतन्त्र का मूल उद्देश्य है। भारत के लोकतन्त्र ने विकास की किरण से अछूते व्यक्ति को छला-संविधान द्वारा वयस्क मताधिकार को प्रदान करके। आप विचार करें, जो व्यक्ति ‘अधिकार’ शब्द से ही परिचित ना हो उसे […]
लोकतन्त्र और वयस्क मताधिकार
प्रगति की दौड़ में सबसे पीछे खड़े व्यक्ति को विकास से परिचित कराना और उसे विकास का लाभ पहुँचाना लोकतन्त्र का मूल उद्देश्य है। भारत के लोकतन्त्र ने विकास की किरण से अछूते व्यक्ति को छला-संविधान द्वारा वयस्क मताधिकार को प्रदान करके। आप विचार करें, जो व्यक्ति ‘अधिकार’ शब्द से ही परिचित ना हो उसे […]
मोदी के बढ़ते कदम
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए समय सर्वथा अनुकूल चल रहा है। इसलिए उनकी हर बात को प्रमुखता मिल रही है। जब लोग किसी उदीयमान व्यक्तित्व के गुणों की चर्चा और अवगुणों की उपेक्षा करने लगें तब मानना चाहिए कि प्रारब्ध की कोई बदरी जमकर बरसना चाहती है और यह भी कि यह व्यक्ति […]
मोदी के बढ़ते कदम
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए समय सर्वथा अनुकूल चल रहा है। इसलिए उनकी हर बात को प्रमुखता मिल रही है। जब लोग किसी उदीयमान व्यक्तित्व के गुणों की चर्चा और अवगुणों की उपेक्षा करने लगें तब मानना चाहिए कि प्रारब्ध की कोई बदरी जमकर बरसना चाहती है और यह भी कि यह व्यक्ति […]
राकेश कुमार आर्य बात 1965 की है। लंदन में प्रधानमंत्री सम्मेलन हो रहा था। भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री थे। उन्हें भी उस सम्मेलन में जाना था। वहां के ठंडे मौसम के कारण शास्त्री जी के लिए कोटों की आवश्यकता थी। उन पर दो ही कोट थे, वह भी पुराने थे और एक […]
राकेश कुमार आर्य बात 1965 की है। लंदन में प्रधानमंत्री सम्मेलन हो रहा था। भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री थे। उन्हें भी उस सम्मेलन में जाना था। वहां के ठंडे मौसम के कारण शास्त्री जी के लिए कोटों की आवश्यकता थी। उन पर दो ही कोट थे, वह भी पुराने थे और एक […]
मनुष्य का व्यक्तिव्य बड़ा ही जटिल और गहन है। उसका आरपार पाना बहुत ही कठिन है। मनुष्य के इस इंसानी चोले में साधु और शैतान दोनों ही छिपे हैं। वह ऊंचा उठे तो इतना ऊंचा उठे कि देवताओं को भी पीछे छोड़ दे और यदि गिरने पर आए तो वह पशुओं से भी नीचे गिर […]
मनुष्य का व्यक्तिव्य बड़ा ही जटिल और गहन है। उसका आरपार पाना बहुत ही कठिन है। मनुष्य के इस इंसानी चोले में साधु और शैतान दोनों ही छिपे हैं। वह ऊंचा उठे तो इतना ऊंचा उठे कि देवताओं को भी पीछे छोड़ दे और यदि गिरने पर आए तो वह पशुओं से भी नीचे गिर […]