बेनी प्रसाद वर्मा इस समय हमारे केन्द्रीय इस्पात मंत्री हैं। उन्होंने कहा है कि वह बढ़ती हुई महंगाई से खुश हैं, क्योंकि इससे अंतत: किसान को लाभ होता है। उसके कृषि उत्पाद महंगे बिकते हैं और इस प्रकार किसान के घर में समृद्घि का वास होता है। बेनी की बानी पर विपक्षी दलों की पैनी-छैनी […]
महीना: अगस्त 2012
राकेश कुमार आर्यजीवन हर सांस के साथ कम होता जा रहा है। पल पल, क्षण-क्षण आयु घटती जा रही है। जीवन पल-पल के साथ बीत रहा है, और हम अपने बहुत से कार्यों को कल-कल करते कल पर टालते चले जा रहे हैं। हम जीवन नदी के प्रवाह के न तो साथ बह रहे हैं […]
1947 में देश विभाजन के समय पाकिस्तान में 22 प्रतिशत हिंदू थे, जो आज घटकर मात्र 5 प्रतिशत रह गये हैं। पूरा देश पाकिस्तान के हिंदुओं के प्रति गलत रवैये को लेकर और उन पर हो रहे अत्याचारों को लेकर परेशानी महसूस कर रहा था। पहली बार देश की संसद में अधिकांश राजनीतिक दलों ने […]
विजेन्द्र सिंह आर्यसीएजी की रिपोर्ट में अब तक का बंपर घोटाला (1.86 लाख करोड़ का) कोयला घोटाला सामने आया है। 2जी स्पैक्ट्रम घोटाला (1.76 लाख) से भी बड़ा यह घोटाला संप्रग सरकार का आजादी की 65वीं वर्षगांठ पर राष्ट्र को उपहार है। इसकी काली छाया में बोलते प्रधानमंत्री के भाषण का सारे देश ने बहिष्कार […]
भाजपा मुख्यमंत्री सम्मेलन में पार्टी के अध्यक्ष नितिन गडकरी ने यूपीए सरकार पर जमकर प्रहार किये। उन्होंने कहा कि केन्द्र की संप्रग सरकार में नेतृत्व के अभाव और उसके कुशासन का परिणाम देश भुगत रहा है, इससे राज्यों के विकास की गति भी प्रभावित हो रही है। इस सरकार में निर्णय लेने की क्षमता नही […]
आने वाले आम चुनाव किसकी अगुआई में लड़े जाएंगे इस बात को लेकर कांग्रेस में अंर्तद्वंद बरकरार है। राहुल या प्रियंका के प्रश्न पर कांग्रेस बंटी हुई नजर आ रही है। कांग्रेस का एक धड़ा प्रियंका गांधी को तो दूसरा राहुल गांधी को आगे करने की हिमायत करता नजर आ रहा है। यह तय माना […]
राकेश कुमार आर्य विगत 10 अगस्त 2012 को आगरा के लालकिले को अपने पूरे परिवार के साथ गहराई से देखने का अवसर मिला। यमुना एक्सप्रेस-वे पर यात्रा का आनंद लेने के लिए आगरा जाने का यह कार्यक्रम ज्येष्ठ भ्राता श्री पूज्य देवेन्द्र आर्य जी ने बनाया, यात्री दल में पूज्य ज्येष्ठ भ्राताश्री विजेन्द्र सिंह आर्य […]
अपना राष्ट्र एक भूमि का टुकड़ा ही तो नही है न वाणी का एक अलंकार है और न मस्तिष्क की कल्पना की एक उड़ान मात्र है। वह एक महानतम जीवंत शक्ति है, जिसका निर्माण उन करोड़ों अरबों जनों की शक्तियों को मिलाकर हुआ है। जैसे समस्त देवशक्तियों को एकत्र कर बलराशि संचित की गयी और उसे […]
समाज के समक्ष प्रमुख चुनौती समाज की उन्नति के लिए स्वास्थ्य अनिवार्य है। स्वस्थ समाज में प्रति व्यक्ति आय स्वत: बढ़ जाती है। हमारा देश विकासशील है। देश का बहुत बड़ा हिस्सा गरीबी में जीवन यापन कर रहा है। स्वास्थ्य के अधिकार के कई अंग हैं जिसमें पोषण, स्वच्छता, जल और पर्यावरण और स्वास्थ्य की […]
राजनीति कितनी गंदी है, नेता कितने गंदे हैं।तन के उजले मन के काले, काले इनके धंधे हैं।।इक दूजे पर सारे नेता, उंगली खूब उठाते हैं।खुद को समझें धुला दूध का, और को भ्रष्ट बताते हैं।।बुढिय़ा गुडिय़ा सांप नेवला, सब कुछ भाषण में बकते।कुत्ता कुतिया हाथी गदहा, कहने से भी ना थकते।।गंदी बोली भाषा ही […]