बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से धर्मनिपरपेक्ष चेहरे को राजग की ओर प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाए जाने की मांग पर भाजपा अभी कुछ बोलती, इससे पहले ही भाजपा के मातृ संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन राव भागवत ने यह कह कर कि हिंदूवादी चेहरे का प्रधानमंत्री बनाने में क्या […]
महीना: जून 2012
रायसीना की रेस, विवादों का इतिहास
देश के सर्वोच्च पद के लिए महाभारत छिड़ा है. सर्वोच्च पद की लड़ाई अब प्रतिष्ठा का सवाल बन गयी है। रायसीना की रेस..यानि राष्ट्रपति पद को लेकर मची तकरार की। सरकार और विपक्ष में तो छोडि़ए. सरकार और उनके सहयोगियों में ही तकरार चरम पर है। एक दूसरे को देख लेने तक की धमकियां दी […]
कश्मीर में खिली उम्मीद की कली
लगता है कि कश्मीर घाटी में सामान्य जनजीवन पटरी पर लौट रहा है। जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में बीते कुछ महीनों के दौरान खासी कमी आई है। वर्ष 2010 में अलगाववादियों के बहकावे में आकर पत्थरबाजी पर उतारू होने के बाद लहुलुहान हुई घाटी में यह बदलाव सबको महसूस हो रहा है। इस बार […]
रायसीना हिल्स पर बना राष्ट्रपति भवन गणतांत्रिक भारत के हर ऐतिहासिक क्षण का गवाह बना है। आजादी से पूर्व इसे वायसरीगल हाउस के नाम से जाना जाता था। लेकिन 26 जनवरी 1950 को सुबह 10.15 बजे जब डा. राजेन्द्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेकर गणतांत्रिक भारत के राजपथ पर कदम रखे […]
स्वतंत्र प्रभुतासम्पन्न भारत के निर्माताओं में डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का नाम उल्लेखनीय है। जो एक महान देशभक्त, शिक्षाविद, संसदविज्ञ, राजनेता, मानवतावादी और इन सबसे ऊपर राष्ट्रीय एकता और अखंडता के समर्थक थे। 6 जुलाई, 1901 को कलकत्ता में जन्मे श्यामा प्रसाद को विद्वत्ता, राष्ट्रीयता की भावना और निर्भयता अपने पिता श्री आशुतोष मुखर्जी से […]
अब ये हिंदुस्तान नहीं
संसद में नारेबाजी, हंगामा शोर-शराबा है।और देश में होता रहता निशदिन खून-खराबा है।। अपने देश के नेता भैया, करते रहते ताता थैया।उनको प्यारी है बस कुर्सी, चाहे रोए भारत मैया।। कैसी गंदी राजनीति ये, जिसकी अजब कहानी है।।कोई मुद्दा मिले उसी पर, होती खींता-तानी है।। देश में भ्रष्ट तंत्र हावी है,नाम की हैं सरकार […]
गौतम महात्मा,बुद्घ का संदेश
गौतम महात्मा बुद्घ ने अपने प्रिय शिष्य सारीपुत्र से कहा था- सारीपुत्र तुम्हारा रोम-रोम गुरूमय हो गया है। सारा जीवन क्रियामय हो गया है। तुम सत्य के इतने समीप पहुंच चुके हो जैसे कोई मरूस्थल को खोदते-खोदते जल स्रोत तक पहुंच जाय। काश तुम्हारा अनुकरण संसार के अन्य लोग भी करें किन्तु सबसे बडा आश्चर्य […]
राजग की दरकती दीवारें
मगन देव नारायण सिंह जनता दल (यू.) और भाजपा नेताओं के वाक्युद्ध से राजग अर्थात राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की दीवारें दरकने लगीं है। राजनीतिक विश्लेषकों को अब यह विश्वास हो गया है कि राजग के देदिप्यमान भवन के ध्वस्त होने में अब देर नहीं है। वैसे राजनीति के पंडितों का यह भी कहना है कि […]
पिछले अंक का शेष … सारे संसार को एक विश्व संस्था के रूप में शासित करके चक्रवर्ती राज्य स्थापित करने की भावना में इसके लिए कोई स्थान नही है। यहां व्यष्टि से समष्टिï की ओर दृष्टिïपात करना है। समष्टिï में प्राणिमात्र का भला करना है। अपने विचार में बाधक लोगों को सही रास्ते पर लाना […]
मोहन की बंसरी पर मोदी की तान
नरेन्द्र मोदी के समर्थन में जिस प्रकार भाजपा और संघ उतरकर मैदान में आये हैं उससे मोदी की प्रधानमंत्री पद की दावेदारी मजबूत हुई है। आर. एस. एस. के सरसंघचालक मोहन भागवत ने लातूर में स्पष्ट कह दिया है कि एक हिन्दुत्ववादी व्यक्ति प्रधानमंत्री क्यों नही हो सकता? बात सही भी है क्योंकि हिन्दुत्व एक […]