समूह-जीवन जीव को एक नयी चेतना देता है। इसलिए ही आदिकाल से मानव, पशु, पक्षी, आदि समूह मे रहकर जीवन जीते आये हैं। उनमें भी मानवसमूह विशिष्टï है। भगवान ने मनुष्य को बुद्घि दी है। इसलिए समूह में भी सबका कल्याण हो, सब आनंद प्राप्त कर सकें ऐसी व्यवस्था मनुष्य करने लगा। कालक्रम में इसमें […]
महीना: मई 2012
वैदिक ऋषियों, महर्षियों, मनीषियों द्वारा वेदों, पुराणों, धर्मशास्त्रों, काव्यग्रंथों के माध्यम से समृद्घ भारतीय चिंतन को देववाणी के रूप में हमारे समक्ष प्रस्तुत किया है जो कि भारतीय संस्कृति की आधारशिला है। भारतीय संस्कृति के संदर्भ में संस्कृति: संस्कृतमाश्रिता-यह कथन पूर्णतया सार्थक है। वैदिक ऋषि ने इस संस्कृति को सबके द्वारा श्रेष्ठ प्रथम संस्कृति स्वीकार […]
किसी भी देश की संस्कृति उसकी आध्यात्मिक, वैज्ञानिक तथा कलात्मक उपलब्धियों की प्रतीक होती है। यह संस्कृति उस संपूर्ण देश के मानसिक विकास को सूचित करती है। किसी देश का सम्मान उस देश की संस्कृति पर ही निर्भर करता है। संस्कृति का रूप देश तथा काल की परिस्थितियों के अनुसार ढलता है। भारतीय संस्कृति का […]
विदेशों में भारतीय संस्कृति
एशिया महाद्वीप में भारतवर्ष की भागोलिक स्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण है। एशिया के दक्षिण में भारतवर्ष फेेला हुआ है। प्राचीनकाल से एशिया के प्रमुख सांस्कृतिक केन्द्रों से भारतवर्ष का संबंध रहा है। वस्तुत: एशिया की समृद्घि और उदय का भारतीय इतिहास से बहुत घनिष्टï संबंध रहा है। संपूर्ण एशिया के इतिहास और संस्कृति पर भारत का […]
जयाप्रदा जाएंगी भाजपा में
भाजपा में दूसरा टर्म पाने वाले अध्यक्ष नितिन गडक़री अब नई जमावट मं लग चुके हैं। मिशन 2014 के तहत संघ की हिदायतों को ध्यान में रख गडक़री अपनी नई टीम और सूबाई राजनीति के समीकरणों को टटोलने में लगे हुए हैं। मुलायम सिंह यादव से पृथक हुए कांग्रेस से दुत्कारे अमर सिंह पर गडक़री […]
सावरकर निर्मित अभिनव हिंदू ध्वज अखिल हिंदू जाति का हिंदू धर्म और हिंदू संस्कृति का प्रतीक है। हिंदुओं में किसी को भी वह आपत्ति जनक नहीं होगा। इतना ही नहीं बल्कि समस्त मानव समाज का परम श्रेय व्यक्त कर सकेगा ऐसा वह उदात्त, भव्य और दिव्य है।कैसे यह देखिये जो समाज धारण करता है वह […]
प्राचीन आर्य लोग रोग शोक उदासीनता से दूर सदा स्वस्थ तथा प्रसन्न रहकर आनंद पूर्व जीते थे। सौ वर्ष से अधिक आयु होने पर भी मस्तक पर तेज आंखों में चमक व बाजुओं में फडक़ रहती थी। सौ वर्ष की आयु में भी जवानें जैसी शक्ति तथा मस्ती का रहस्य वेदमंत्रों की श्रद्घा पूर्वक हर […]
सर्वरक्षक ओउम् का स्वरूप
संसार के रचयिता जगदीश्वर के इस सर्वोत्तम नाम में तीन अनादि सत्ता समायी हुई हैं, जिनका विस्तार से धारा प्रवाह शैली में विवेचन किया जा रहा है। जो कि निम्नलिखित है-तीन अनादि सत्ता- ईश्वर, जीव, प्रकृति।उनके प्रतिनिधि अक्षर- अ, उ, म्।अ अमृत है, म् प्रकृति है। उ अमर म् के पास रहता रहेगा तो यह […]
भूलों की भूली बिसरी पार्टी-कांग्रेस
कांग्रेस ऐतिहासिक भूलों की भूली बिसरी पार्टी है । आजादी के बाद से हर दशक और हर दौर में इसने कुछ ऐसी ऐतिहासिक भूलें की हैं जिसने खुद कांग्रेस की चूलें हिला दीं है। सत्तर के दशक की इमरजेन्सी हो, अस्सी के दशक का भिंडरावाला हो या फिर वीपी सिंह हों, नब्बे के दशक की […]
देश के अगले राष्ट्रपति का चुनाव होने में अब दो माह से भी कम का समय रह गया है। सभी राजनीति दल अपनी अपनी गोटियां फिट करने में चुपचाप भीतर ही भीतर शतरंजी चाल चल रहे हैं। जयललिता कुछ अन्य प्रभावी नेताओं को लेकर पूर्व लोकसभाध्यक्ष रहे पी.ए. संगमा को आगे बढ़ाना चाहती हैं, तो ममता […]