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विविधा

भविष्य बताना पाखंड मात्र है

  ज्योतिष के नाम पर विभिन्न प्रकार के प्रपंच समाज में देखने को मिलते हैं। प्राचीन काल में गणित ज्योतिष (Astronomy) का प्रचार था जिसका सम्बन्ध विभिन्न ग्रहों के परिभ्रमण, मौसम आदि में परिवर्तन, सूर्य-चन्द्रमा आदि के उदय-अस्त से सम्बंधित था। यह पूर्ण रूप से वैज्ञानिक एवं युक्तिसंगत था। कालांतर में फलित ज्योतिष प्रसिद्ध हो […]

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इतिहास के पन्नों से

आर्य हिंदू राजाओं का चारित्रिक आदर्श

भारत देश की महान वैदिक सभ्यता में नारी को पूजनीय होने के साथ साथ “माता” के पवित्र उद्बोधन से संबोधित किया गया हैं। मुस्लिम काल में भी आर्य हिन्दू राजाओं द्वारा प्रत्येक नारी को उसी प्रकार से सम्मान दिया जाता था जैसे कोई भी व्यक्ति अपनी माँ का सम्मान करता हैं। यह गौरव और मर्यादा […]

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इतिहास के पन्नों से

इतिहास का ठुकराया हुआ हीरा : वीर छत्रपति संभाजी महाराज

(14 मई को जन्मदिवस पर विशेष रूप से प्रचारित) डॉ विवेक आर्य वीर शिवाजी के पुत्र वीर शम्भा जी को अयोग्य आदि की संज्ञा देकर बदनाम करते हैं= जबकि सत्य ये है कि अगर वीर शम्भा जी कायर होते तो वे औरंगजेब की दासता स्वीकार कर इस्लाम ग्रहण कर लेते। वह न केवल अपने प्राणों […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

ईसाई मिशनरियों का एक कुत्सित तरीका – धर्मांतरण से चंगाई

डॉ विवेक आर्य विश्व इतिहास इस बात का प्रबल प्रमाण हैं की हिन्दू समाज सदा से शांतिप्रिय समाज रहा हैं। एक ओर मुस्लिम समाज ने पहले तलवार के बल पर हिन्दुओं को मुस्लमान बनाने की कोशिश करी थी, अब सूफियो की कब्रों पर हिन्दूओं के सर झुकवाकर, लव जिहाद या ज्यादा बच्चे बनाकर भारत की […]

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इतिहास के पन्नों से

पुराणों के कृष्ण बनाम महाभारत के कृष्ण

दूरदर्शन पर श्री कृष्ण जी पर धारावाहिक आरम्भ हुआ है। रामानंद सागर जी ने श्री कृष्ण पर धारावाहिक बनाने में पुराणों के सन्दर्भों का प्रयोग किया था। पुराणों में श्री कृष्ण के विषय में वर्णित स्वरुप की तुलना हम महाभारत के श्री कृष्ण से करें तो हम दोनों में बहुत भेद पाते हैं। इस लेख […]

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विविधा

महात्मा बुद्ध का मांसाहार को लेकर चिंतन

बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर प्रकाशित महात्मा बुद्ध महान समाज सुधारक थे। उस काल में प्रचलित यज्ञ में पशु बलि को देखकर उनका मन विचलित हो गया और उन्होंने उसके विरुद्ध जन आंदोलन कर उस क्रूर प्रथा को रुकवाया। महात्मा बुद्ध जैसे अहिंसा के समर्थक एवं बुद्ध धर्म के विषय में दो बातें उनके आंदोलन […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

नव बौध्द बनना फैशन या नौटंकी ?

रोहित वेमुला की माँ और भाई ने बुद्ध मत स्वीकार कर लिया। खबर है की मीडिया का लाडला और कश्मीर में सेनाओं को बलात्कारी कहने वाला “कन्हैया कुमार” भी बुद्ध मत को स्वीकार करने वाला है। वैसे कन्हैया जन्मजात भूमिहार ब्राह्मण है। मगर ब्राह्मणों को गाली देकर अपनी दुकान चलाता है। बुद्ध मत स्वीकार करने […]

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समाज

कब्र पूजा : मूर्खता या अंधविश्वास

  (हिन्दू समाज के धर्मगुरुओं ने हिन्दुओं को मूर्तिपूजा सिखाई। मूर्तिपूजा छोड़कर वेद विदित निराकार ईश्वर की पूजा करनी सिखाई होती तो आज हिन्दुओं की संतान मुसलमानों की कब्रों पर सर नहीं पटक रही होती। ) डॉ विवेक आर्य दैनिक समाचार पत्रों में सदा यह खबर छपती रहती है कि बॉलीवुड का कोई प्रसिद्द अभिनेता […]

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इतिहास के पन्नों से

आदि शंकराचार्य और महर्षि दयानंद

  (28 अप्रैल को आदि शंकराचार्य जयंती के उपलक्ष में प्रकाशित) डॉ विवेक आर्य आदि शंकराचार्य एवं स्वामी दयानन्द हमारे देश के इतिहास की दो सबसे महान विभूति है। दोनों ने अपने जीवन को धर्म रक्षा के लिए समर्पित किया था। दोनों का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था और दोनों ने जातिवाद के […]

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आतंकवाद

कश्मीर का इस्लामीकरण

डॉ विवेक आर्य कश्मीर: शैव संस्कृति के ध्वजावाहक एवं प्राचीन काल से ऋषि कश्यप की धरती कश्मीर आज मुस्लिम बहुल विवादित प्रान्त के रूप में जाना जाता हैं। 1947 के बाद से धरती पर जन्नत सी शांति के लिए प्रसिद्द यह प्रान्त आज कभी शांत नहीं रहा। इसका मुख्य कारण पिछले 700 वर्षों में घटित […]

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