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मुद्दा हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

भारतीय मुसलमान और जनरल करिअप्पा

डॉ विवेक आर्य भारतीय सेना के प्रथम सेनापति जनरल करिअप्पा 1964 में अपने द्वारा लिखित पुस्तक “लेट अस वेक अप” में भारतीय मुसलमानों के विषय में लिखते है- “हमारा एक धर्म निरपेक्ष देश है। मैं मुसलमानों को उतना ही अपना भाई-बहन समझता हूँ, जितना कि भारत के अन्य सम्प्रदायों के लोगों को समझता हूँ। देश […]

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मुद्दा

शहरी नक्सली की परिभाषा

#डॉ_विवेक_आर्य वामपंथी इतिहासकार रोमिला थापर ने सरकार से ‘शहरी नक्सली’ शब्द को परिभाषित करने की मांग की है। कमाल देखिये अपने आपको बुद्धिजीवी कहने वाली और दशकों से सत्ता का समर्थन लेकर भारत के शिक्षा संस्थानों के पाठयक्रम को निर्धारित करने वाली रोमिला थापर ‘शहरी नक्सली’ की परिभाषा तक नहीं जानती। कोई बात नहीं हम […]

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कहानी धर्म-अध्यात्म भारतीय संस्कृति

क्या है धन की गति?

(दार्शनिक विचार) #डॉ_विवेक_आर्य मैंने अपने जीवन में 10 वर्ष विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में काम किया है। इस कार्य को करते हुए मुझे अनेक अच्छे-बुरे अनुभव हुए। सबसे अधिक बुरा तब लगता था जब मैं किसी जवान युवक-युवती को नशे के कारण अस्पताल में भर्ती होते हुए देखता था। इनमें से अनेक समृद्ध […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

आर्य समाज मेरे लिए माता के समान है और वैदिक धर्म मुझे पिता के तुल्य प्यारा है : लाला लाजपत राय

आज़ादी के महानायकों में लाला लाजपत राय का नाम ही देशवासियों में स्फूर्ति तथा प्रेरणा का संचार कराता है। अपने देश धर्म तथा संस्कृति के लिए उनमें जो प्रबल प्रेम तथा आदर था उसी के कारण वे स्वयं को राष्ट्र के लिए समर्पित कर अपना जीवन दे सके। भारत को स्वाधीनता दिलाने में उनका त्याग, […]

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इतिहास के पन्नों से

जब तैमूर को हराया था मेरठ के वीर योद्धा गुर्जरों व जाटों ने

  डॉ. विवेक आर्य पिछले दिनों करीना कपूर ने जब अपने बेटे का नाम तैमूर रखा तो देश में एक चर्चा चल पडी कि एक विदेशी आक्रांता और निर्मम हत्यारे के नाम पर कोई अपने बेटे का नाम कैसे रख सकता है? इस क्रम में यह बात तो सबने कहा कि तैमूर ने लाखों लोगों […]

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आओ कुछ जाने

दिल्ली में अत्याचारी बाबर के नाम से विधानसभा और मेट्रो स्टेशन आदि के नाम क्यों?

  डॉ विवेक आर्य सभ्य समाज में किसी स्थान, मार्ग, स्मारक, शहर आदि का नामकरण ऐसे नामों से किया जाता है। जो इतिहास में बड़ी विभूति अथवा महान कार्यावेता हो। जिनसे हमें प्रेरणा मिले। सम्पूर्ण विश्व में इस नियम का पालन होता हैं। मगर हमारे भारत देश में इस नियम के विपरीत विदेशी आक्रांताओं जैसे […]

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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास

अकबर को जब वीर हिंदू रमणी किरण देवी ने सिखाया था सबक

  डॉ विवेक आर्य अकबर घोर विलासी, अय्याश बादशाह था। वह एक ओर हिन्दुओं को मायाजाल में फंसाने के लिए “दीने इलाही” के नाम पर माथे पर तिलक लगाकर अपने को सहिष्णु दिखाता था, दूसरी ओर सुन्दर हिन्दू युवतियों को अपनी यौनेच्छा का शिकार बनाने की जुगत में रहता था। दिल्ली में वह “मीना बाजार” […]

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इतिहास के पन्नों से

हिंदू धर्म और सामी मजहब

—————————————————— “ईसाइयत अथवा इस्लाम का केन्द्रबिन्दु है इतिहास-प्रसिद्ध पुरुष; हिन्दू धर्म का केन्द्रबिन्दु है मनुष्य की उर्ध्वस्थ चेतना में विद्यमान सत्य। यदि ईसा मसीह अथवा मुहम्मद ने जन्म नहीं लिया होता, तो न ईसाइयत का उदय होता न इस्लाम का। किन्तु हिन्दू धर्म के अनुसार मनुष्य का धर्म इस प्रकार के किसी संयोग पर निर्भर […]

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राजनीति

अवसरवादी राजनीति और सत्य इतिहास

  डॉ विवेक आर्य भीमा कोरेगांव की घटना को कुछ तथाकथित बुद्धिजीवी लोग दलित और आदिवासियों पर हुए अत्याचार के विरुद्ध संघर्ष के रूप में दर्शाने का प्रयास कर रहे है। सत्य यह है कि हमारे देश की कुछ विभाजनकारी मानसिकता को बढ़ावा देने वाली ताकतें अपना राजनीतिक भविष्य बनाने के चक्कर में देशवासियों को […]

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आज का चिंतन

क्या है जीवन में सुख का आधार?

  एक बार एक महात्मा ने अपने शिष्यों से अनुरोध किया कि वे कल से प्रवचन में आते समय अपने साथ एक थैली में बडे़ आलू साथ लेकर आयें, उन आलुओं पर उस व्यक्ति का नाम लिखा होना चाहिये जिनसे वे ईर्ष्या, द्वेष आदि करते हैं । जो व्यक्ति जितने व्यक्तियों से घृणा करता हो, […]

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