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इतिहास के पन्नों से

नास्तिकता से आस्तिकता की ओर

स्वामी श्रद्धानन्द का प्रकाशमय जीवन एक काल में घोर अन्धकार में था। आप लिखते हैं जब मैं छोटा था मेरे पिताजी पक्के ईश्वरविश्वासी थे। प्रतिदिन धार्मिक ग्रंथों का स्वाध्याय किया करते थे। मुझे जब वे ऐसा करने को कहते तो मैं उनसे स्पष्ट कह देता कि मुझे ईश्वर की सत्ता पर जरा भी विश्वास नहीं […]

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इतिहास के पन्नों से

महात्मा गांधी और गौ रक्षा

#डॉविवेकआर्य 1947 के दौर की बात है। देश में विभाजन की चर्चा आम हो गई थी। स्पष्ट था कि विभाजन का आधार धर्म बनाम मज़हब था। भारतीय विधान परिषद के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद के पास देश भर से गौवध निषेध आज्ञा का प्रस्ताव पारित करने के लिए पत्र और तार आने लगे। महात्मा गाँधी […]

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इतिहास के पन्नों से

महात्मा गांधी और बाल्मीकि मंदिर की घटना

#डॉविवेकआर्य घटना 2 मई, 1947 की है। दिल्ली के वाल्मीकि मंदिर में प्रार्थना करने के लिए उपस्थित हुए महात्मा गाँधी ने क़ुरान की कुछ आयतों का पाठ किया। इस पर प्रस्तुत सज्जन ने आक्षेप किया तो उसे पुलिस ने पकड़ लिया। गाँधी जी ने प्रार्थना बंद कर दी और अपने भाषण में कहा कि ऐसी […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

दलितोद्धार के लिए प्राण न्योछावर करने वाले हुतात्मा वीर मेघराज जी जाट

डॉ विवेक आर्य क्या आपने किसी ऐसे समाज सुधारक का नाम सुना है जिनका जन्म सवर्ण जाट परिवार में हुआ हो और उन्होंने दलितों के सामाजिक उत्थान के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए हो? संभवत नहीं। ऐसे महान आत्मा का नाम था वीर मेघराज जी। वीर मेघराज जी स्वामी दयानंद की उसी शिष्य परम्परा […]

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इतिहास के पन्नों से

हैदराबाद आंदोलन और आर्य समाज

डॉ विवेक आर्य आपको इतिहास की किसी भी इतिहास पुस्तक में आर्यसमाज द्वारा 1939 में चलाये गये हैदराबाद आंदोलन के विषय में कोई जानकारी नहीं मिलेगी। स्वतन्त्र भारत के पहले मदरसा पठित शिक्षा मंत्री अब्दुल कलाम को यह खास हिदायत मिली थीं कि इतिहास में हिन्दुओं पर जितने भी अत्याचार हुए हैं। उनका किसी इतिहास […]

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इतिहास के पन्नों से

डांडी यात्रा और स्वामी दयानंद

#डॉविवेकआर्य आज 12 मार्च को डांडी यात्रा के 90 वर्ष पूर्ण होते है। डांडी यात्रा के माध्यम से गांधी जी ने अग्रेजों द्वारा बनाए गए नमक कानून को तोड़कर उनकी सत्ता को चुनौती दी थी। बहुत कम लोग जानते है कि गाँधी जी के प्रयासों से लगभग अर्ध शताब्दी पहले स्वामी दयानन्द ने अंग्रेजों द्वारा […]

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आज का चिंतन

कंकर से शंकर

कंकर से शंकर (दार्शनिक विचार) #डॉविवेकआर्य आज महाशिवरात्रि का पर्व है। यह वही रात है जब बालक के रूप में मूल शंकर ने शिवरात्रि का व्रत रखा। निराहार रहकर शिवजी के दर्शन का संकल्प लिया। शिवलिंग पर चूहों की उछल-कूद देखकर बालक के मन में उठी जिज्ञासा ने मूल शंकर को स्वामी दयानन्द बना दिया। […]

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इतिहास के पन्नों से

वेदों में नारी की महिमा

(अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष) संसार की किसी भी धर्म पुस्तक में नारी की महिमा का इतना सुंदर गुण गान नहीं मिलता जितना वेदों में मिलता हैं.कुछ उद्हारण देकर हम अपने कथन को सिद्ध करेगे. १. उषा के समान प्रकाशवती- ऋग्वेद ४/१४/३ हे राष्ट्र की पूजा योग्य नारी! तुम परिवार और राष्ट्र में सत्यम, शिवम्, […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

शूरता की मिसाल पंडित लेखराम आर्य

#डॉविवेकआर्य [6 मार्च 1897 को पंडित जी का अमर बलिदान हुआ था। इस वर्ष उनके बलिदान की 124वीं वर्षगाँठ है। वर्ष 2022 में पं जी के बलिदान की 125वीं वर्षगांठ पर बृहद रूप से आर्य जगत में बनना चाहिए। ] पंडित लेखराम इतिहास की उन महान हस्तियों में शामिल हैं जिन्होंने धर्म की बलिवेदी पर […]

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इतिहास के पन्नों से

क्या हनुमान आदि वानर बंदर थे ?

वाल्मीकि रामायण के आधार पर इसका उत्तर देखते हैं। प्रथम “वानर” शब्द पर विचार करते है। सामान्य रूप से हम “वानर” शब्द से यह अभिप्रेत कर लेते है कि वानर का अर्थ होता है “बन्दर” | परन्तु अगर इस शब्द का विश्लेषण करे तो वानर शब्द का अर्थ होता है वन में रहने और वन […]

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