#डॉविवेकआर्य सठियाला गांव, जिला अमृतसर के रहने वाले डॉ विश्वनाथ जी बोताला में प्रतिदिन पढ़ने जाया करते थे। वहां एक ईसाई मिशनरी रहता था, जो ईसाई मत का खूब प्रचार करता था। स्कूल के विद्यार्थियों को वह सदा रिझाने की फिराक़ में रहता था। वह विद्यार्थियों में बाइबिल की कहानियां सुनाने , छोटे छोटे […]
Author: विवेक आर्य
जीवन में कर्म की प्रधानता
-पण्डित गंगाप्रसाद उपाध्याय कुर्वन्नेवेह कर्माणि जिजीविषेच्छतँ समा:। एवं त्वयि नान्यथेतोऽस्ति न कर्म लिप्यते नरे।। (यजुर्वेद अध्याय ४०, मन्त्र २) अन्वय :- इह कर्माणि कुर्वन् एव शतं समा: जिजीविषेत्। एवं त्वयिनरे न कर्म लिप्यते। इत: अन्यथा न अस्ति। अर्थ- (इह) इस संसार में (कर्माणि) कर्मो को (कुर्वन् एव) करते हुए ही मनुष्य (शतं समा:) सौ वर्ष […]
#डॉविवेकआर्य [स्वामी श्रद्धानन्द के जीवन का एक विशेष गुण था। वह था निर्भीकता। यह गुण संसार में उन उन महान व्यक्तियों में प्रदर्शित होता हैं जो ईश्वरीय मार्ग के पथिक होते हैं। केवल और केवल सत्य से अनुराग, ईश्वर से अथाह प्रेम, आत्मा को सदा अनश्वर मानना, कर्मफल व्यवस्था में दृढ़ विश्वास, प्राणिमात्र के […]
#डॉविवेकआर्य माता कस्तूरबा बा का अपने पुत्र के नाम मार्मिक पत्र -तुम्हारे आचरण से मेरे लिए जीवन भारी हो गया हैं मेरे प्रिय पुत्र हीरालाल , मैंने सुना हैं की तुमको मद्रास में आधी रात में पुलिस के सिपाही ने शराब के नशे में असभ्य आचरण करते देखा और गिरफ्तार कर लिया। दूसरे दिन […]
प्रेषक- डॉविवेकआर्य इस लेखमाला की यह अंतिम कड़ी है। आशा करता हूँ कि हिन्दू समाज को अभी तक यह बोध हो गया होगा की CAA/NRC क्यों आवश्यक हैं। मुसलमान इस रणनीति को भली प्रकार से समझता है। इसीलिए शाहीन बाग़ में सड़क पर बैठा है। जबकि हिन्दू युवा ticktock, whats app, you tube, PUBG, […]
#डॉविवेकआर्य Mahatma and Islam – Faith and Freedom: Gandhi in History के नाम से मुशीरुल हसन नामक लेखक की नई पुस्तक प्रकाशित हुई हैं जिसमें लेखक ने इस्लाम के सम्बन्ध में महात्मा गाँधी के विचार प्रकट किये हैं। इस पुस्तक के प्रकाश में आने से महात्मा गाँधी जी के आर्यसमाज से जुड़े हुए पुराने […]
प्रेषक- #डॉविवेकआर्य 1880 में बसु परिवार में एक बालक का जन्म हुआ। उसका नाम रखा गया सूरज कुमार। ढाका विश्वविद्यालय से बी ए पास करने के पश्चात वह युवक अहमदाबाद पहुंच गया। वहां कपडा मिल के मैनेजर थे केशवलाल मेहता। उन्होंने उसके गुण देखकर उसे अपनी कपड़ा मिल में रख लिया। मिल में कपड़ा […]
अल्पसंख्यकों का मुस्लिम देश में भविष्य
लेखमाला भाग 3 प्रेषक- #डॉविवेकआर्य महात्मा गाँधी एक समय कहते थे कि भारत का विभाजन उनकी लाश पर होगा। कोलकाता और नोआखली के दंगों के समय जब हिन्दू समाज द्वारा प्रतिक्रिया होने लगी तो वो अनशन पर बैठ गए। नोआखली का दौरा किया मगर दंगे के मूल कारण जिन्नाह और उसके जिगरी सुहरावर्दी को […]
लेखमाला भाग 2 प्रेषक- #डॉविवेकआर्य पिछले लेख में हमने कमल भूषण चौधरी की गाथा का वर्णन किया था। इस लेख में हम सुनील बसु की आपबीती के माध्यम से बंगलादेश में हिन्दुओं पर हुए अत्याचार की समीक्षा करेंगे। 1960 के दशक से पश्चिमी पाकिस्तान के हुकुमरानों द्वारा पूर्वी पाकिस्तान यानि वर्तमान बांग्लादेश पर बांग्लाभाषी […]
लेखमाला भाग 1 प्रेषक- #डॉविवेकआर्य जोगिन्दर नाथ मंडल के नाम से आप सभी परिचित है जो 1947 के समय पाकिस्तान में रुक कर वहां के मंत्री बने। जिन्होंने दलितों को भारत आने के स्थान पर बंगलादेश में रुकने की प्रेरणा दी थी। बाद में वहां के बहुसंख्यकों ने उन्हें इतना परेशान किया कि उन्हें […]