वर्षा ऋतु और वेद #डॉविवेकआर्य वर्षा ऋतु का आगमन हो गया है। भीष्म गर्मी के पश्चात वर्षा का जल जब तपती धरती पर गिरता है। तो गर्मी से न केवल राहत मिलती है। अपितु चारों ओर जीवन में नवीनता एवं वृद्धि का समागम होता हैं। वेदों में वर्षा ऋतु से सम्बंधित अनेक सूक्त हैं। जैसे […]
Author: विवेक आर्य
ईसा की तीसरी शताब्दी में लिखी गई एक गल्प पुस्तक Acts of Thomas में लिखा है कि जीसस क्राइस्ट का जुड़वा भाई थॉमस दासत्व में बेच दिया जाता है और वह अन्द्रोपोलिस नामक पश्चिम एशियाई नगर में आता है, राजा को धोखा देता है, सुन्दर लौण्डे के लिये शैतान से भिड़ जाता है […]
गोत्र परम्परा हमारे समाज में सदियों से चलती आयी हैं। इस परम्परा के अनुसार अपने पिता, माता, नानी और दादी के गोत्रों में विवाह करना वर्जित हैं। मीडिया और कुछ छदम बुद्दिजीवी सदा हमारी इस परम्परा की बुराई करते आये हैं। वैसे हमारी कोई भी अच्छी बात, अच्छी परम्परा हो ये लोग उसका सदा […]
हम बड़ी नम्रतापूर्वक इन धर्माचार्यों से पूछना चाहते हैं कि ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद इन चारों संहिताओं में कहीं एक भी मन्त्र या मन्त्रांश ऐसा दिखा दीजिए जो महिलाओं और शूद्रों के वेदाध्ययन का निषेध करता हो? महिला या पुरुष नहीं अपितु मानवमात्र को वेदाध्ययन का अधिकार है। मध्यकाल में जब बहुत प्रकार […]
मेरा जन्म सन् १९०२ में हुआ था। भाई रामप्रसाद बिस्मिल के चार साल बाद मैं पैदा हुई थी। भाई जी मुझ पर बहुत स्नेह रखते थे। मेरे पिता के खानदान में लड़कियों को होते ही मार डालते थे। मेरे मारने के लिये बाबा और दादी ने मेरी माताजी को कहा, मगर माताजी ने नहीं […]
(इतिहास का एक लुप्त पृष्ठ) डॉ विवेक आर्य अविभाजित भारत में पंजाब का क्षेत्र विशेष रूप से लाहौर आर्यसमाज की गतिविधियों का प्रमुख केंद्र तो था। आर्यसमाज का प्रचार पंजाब क्षेत्र के साथ साथ सिन्ध क्षेत्र में भी खूब फैला। जिस प्रकार पंजाब की मिटटी विधर्मियों के आक्रमण से पीछे एक हज़ार वर्षों से […]
(6 जून 1674 को वीर छत्रपति शिवाजी का राज्याभिषेक हुआ था। शिवाजी के सिंघासन आरोहण का प्रभाव अगली एक शताब्दी तक हम पूरे भारत में देखते है जब मराठा शक्ति पूरे भारत पर छा गई। आज शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के उपलक्ष में यह ऐतिहासिक लेख प्रकाशित किया जा रहा हैं। -डॉ विवेक आर्य) […]
भारत के मूल निवासी कौन ?
मूल निवासी कौन ? कई दिनों से देख रहा हूँ कुछ अम्बेडकरवादी लोग आर्यों को विदेशी कह रहे है। ये कहते हैं कि कुछ साल पहले ( 1500 BC लगभग ) आर्य बाहर से ( इरान/ यूरेशिया या मध्य एशिया के किसी स्थान से) आए और यहाँ के मूल निवासियों को हरा कर गुलाम बना […]
हे मनुष्य जुआ मत खेल ! खेती कर !!
#डॉविवेकआर्य महाभारत में द्रौपदी चीर-हरण का प्रसारण हुआ। हम महाभारत के यक्ष-युधिष्ठिर संवाद आदि का अवलोकन करते हैं, तो युधिष्ठिर एक बुद्धिमान व्यक्ति के रूप में प्रतीत होते हैं। जब महाभारत में उन्हें जुआ खेलता पाते हैं, तो एक बुद्धिमान व्यक्ति को एक ऐसे दोष से ग्रसित पाते हैं जिसने न जाने कितने परिवारों […]
दो दिन पहले दिल्ली के एक अस्पताल में किसी कार्यवश मेरा जाना हुआ। अस्पताल के गेट पर एक महिला पर्चे देते हुए “अपने पाप क्षमा करो” चिल्ला रही थी। मैं उसके निकट गया और उससे पूछा- यह बताये यह पाप कैसे क्षमा होते हैं? वह बोली प्रभु येशु में जो विश्वास लाता है। उसके […]