#डॉविवेकआर्य रावलपिंडी के समीप हिन्दुओं का एक छोटा सा गांव था। 500 के लगभग व्यसक होंगे। बाकि बच्चे, बुड्ढे। गांव के सरपंच रामलाल एक विशाल बरगद के नीचे बैठे थे। तभी मोहन भागता हुआ आया। बोला सरपंच जी, सरपंच जो। सरपंच जी कहा ,”क्या हुआ मोहन ? ” सरपंच जी मुझे पता लगा है यहाँ […]
लेखक: विवेक आर्य
नफरत और हिंसा कौन फैलाता है?
#डॉविवेकआर्य [एक अपरिपक्व नेता ने हिंदुओं को नफरत और हिंसा फैलाने वाला कहा है। हिंदू समाज की सबसे बड़ी कमजोरी यह है कि उसका स्वाध्याय बहुत कमजोर है। आप इस्लाम का इतिहास और मजहबी पुस्तक कुरान उठाकर देखिए आपको पता चल जायेगा कि नफरत कौन फैला रहा है।] भारत पर 7वीं शताब्दी में मुहम्मद बिन […]
डॉ विवेक आर्य तुलनात्मक अध्ययन कल मैंने स्वामी दयानंद की निर्भीकता को प्रदर्शित करने के लिए एक शंका प्रस्तुत की थी। अनेक मित्रों ने अपने अपने विचार प्रकट किये। सभी का धन्यवाद। मैंने यह प्रश्न क्यों किया? इस पर चर्चा करनी आवश्यक है। दोनों महापुरुषों के विचारों में भारी भेद हैं। इसलिए इस विषय पर […]
🔥 ओ३म् 🔥 🚩 धर्म क्या है? 🚩
धर्म वह है जो मनुष्य मात्र का कल्याण करने में समर्थ हो, किसी व्यक्ति या वर्ग विशेष का नहीं। धर्म वह है जो जीवन के सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त करे।बौद्धिक,आत्मिक,शारीरिक,सामाजिक,राष्ट्रीय उन्नति के लिए प्रेरणा दे;जिसमें समानता,एकता,परस्पर प्रेम,सौहार्द,सद्भावना,समदृष्टि उत्पन्न करने की क्षमता हो; जो कर्तव्य पालन के प्रति सचेत करे।ऐसे धर्म को धारण करके मनुष्य […]
ईश्वर की सबसे बड़ी कृपा क्या हैं?
ईसाई- पाप क्षमा करना मुस्लमान- जन्नत और हूरें प्रदान करना पौराणिक हिन्दू- अवतार लेकर दुःख दूर करना वैदिक धर्मी- पुरुषार्थ के लिए बुद्धि प्रदान करना प्रिय मित्रों ईश्वर हमारे ऊपर अनेक उपकार करते हैं। विभिन्न विभिन्न मत मतान्तर अपनी अपनी मान्यता के अनुसार ईश्वर की कृपा का होना मानते हैं। वैसे तो सत्कर्म करने के […]
पुण्य तिथि 9 जून पर शत शत नमन- धर्मरक्षक बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवम्बर 1875 को खूंटी जिले के अडकी प्रखंड के उलिहातु गाँव में हुआ था। उस समय ईसाई स्कूल में प्रवेश लेने के लिए इसाई धर्म अपनाना जरुरी हुआ करता था। तो बिरसा ने धर्म परिवर्तन कर अपना नाम बिरसा डेविड रख […]
. ॥ॐ॥ * आज बन्दा बैरागी जी का बलिदान दिवस है। कितने हिन्दू युवाओं ने उनके अमर बलिदान की गाथा सुनी है? बहुत कम। क्यूंकि वामपंथियों द्वारा लिखे गए पाठयक्रम में कहीं भी बंदा बैरागी का भूल से भी नाम लेना उनके लिए अपराध के समान है। फिर क्या वीर बन्दा वैरागी का बलिदान व्यर्थ […]
महात्मा गाँधी और गौरक्षा
#डॉविवेकआर्य 1947 के दौर की बात है। देश में विभाजन की चर्चा आम हो गई थी। स्पष्ट था कि विभाजन का आधार धर्म बनाम मज़हब था। भारतीय विधान परिषद के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद के पास देश भर से गौवध निषेध आज्ञा का प्रस्ताव पारित करने के लिए पत्र और तार आने लगे। महात्मा गाँधी […]
महर्षि दयानन्द का पर्यावरण चिंतन
महर्षि दयानन्द जी ने अपनी पुस्तक गौकरूणानिधि नामक पुस्तक पर्यावरण की रक्षा के विषय में लिखते हैं– इसीलिये आर्यावर्त्तीय राजा, महाराजा, प्रधान और धनाढ़्य लोग आधी पृथ्वी में जंगल रखते थे कि जिससे पशु और पक्षियों की रक्षा होकर औषधियों का सार दूध आदि पवित्र पदार्थ उत्पन्न हों, जिनके खाने पीने से आरोग्य, बुद्धि-बल, पराक्रम […]
जब पादरी बन गया था वैदिक धर्म का उपदेशक
पादरी आर्य उपदेशक बन गया (यह एक पादरी की सत्य कथा है। जिसमें पादरी ने सत्य का ज्ञान होते ही अपनी आत्मा के साथ न्याय करते हुए असत्य को त्याग कर न केवल सत्य मार्ग का वरण किया अपितु औरों को भी सत्य मार्ग बताने में अपने जीवन को समर्पित किया) यह घटना सन् 1954 […]