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इतिहास के पन्नों से

दीवान गिदुमल और उनकी बहादुर बेटी

सिंध की धरती पर सदैव अजेय रहने वाले हिन्दुओं को बुद्धों के विश्वासघात के कारण पहली हार मुहम्मद बिन कासिम से राजा दाहिर को मिली। अपने पिता की हार और अपने राज्य की तबाही का बदला राजा दाहिर की वीर बेटियों ने उसी के बादशाह से अपने ही सेनापति को मरवा कर लिया था। राजा […]

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भारतीय संस्कृति

आर्य शब्द के प्रमाण

ऋग्वेद में, कृण्वन्तो विश्वमार्यम् । (ऋ. ९/६३/५) सारे संसार को ‘आर्य’ बनाओ । मनुस्मृति में, मद्य मांसा पराधेषु गाम्या पौराः न लिप्तकाः। आर्या ते च निमद्यन्ते सदार्यावर्त्त वासिनः।। वे ग्राम व नगरवासी, जो मद्य, मांस और अपराधों में लिप्त न हों तथा सदा से आर्यावर्त्त के निवासी हैं, वे ‘आर्य’ कहे जाते हैं । वाल्मीकि […]

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मानसिक गुलामी के 160 वर्ष

2 अगस्त 1858 को हम भारतीय इंग्लैंड की रानी के गुलाम हुए। 15 अगस्त की ट्रांसफर ऑफ पावर को हम धूमधाम से मनाते हैं परन्तु 2 अगस्त की ट्रांसफर ऑफ पावर को हम भुला देना चाहते हैं। कही इस का कोई जिक्र ही नही होता। बस अंतर इतना है कि पहली में सत्ता भारतीयों से […]

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भारतीय संस्कृति

क्या शिवजी को भांग पीते हुए चित्रित किया जाना सही है ?

  #डॉविवेकआर्य हिन्दू समाज में शिवजी भगवान को कैलाशपति, नीलकंठ आदि नामों से सम्बोधित किया जाता है। नीचे एक चित्र दिया गया है। जिसमें पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शिवजी भांग का सेवन करते हुए दिखाए गए है। वेदों में शिव ईश्वर का एक नाम है जिसका अर्थ कल्याणकारी है एवं एक नाम रूद्र है जिसका […]

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इतिहास के पन्नों से

क्या श्री राम चंद्र जी महाराज मांसाहारी थे ?

  #डॉविवेकआर्य मेरे कई मित्रों ने यह शंका मेरे समक्ष रखी हैं की उनके सामने दिन प्रतिदिन वाल्मीकि रामायण में से कई श्लोक आते हैं जिनसे यह सिद्ध होता हैं की श्री राम जी मांसाहारी थे? इस शंका का समाधान होना अत्यंत आवश्यक हैं क्योंकि श्री राम के साथ भारतीय जनमानस की आस्था जुड़ी हैं। […]

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इतिहास के पन्नों से भारतीय क्षत्रिय धर्म और अहिंसा

भारतीय इतिहास और प्रतिभा का विकृतिकरण

  #डॉविवेकआर्य . कुछ दिन पहले मैं किसी मित्र की MA की इतिहास की पुस्तक पढ़ रहा था.उसमे लिखा था प्राचीन भारत में जाति को वर्ण कहा जाता था. संस्कृत भाषा में वर्ण का अर्थ है रंग. अतः रंग के आधार पर उत्तर भारतीयों ने गौरे रंग वालों को ब्राह्मण कहा. उत्तर भारत के काले […]

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इतिहास के पन्नों से

क्या है शंबूक वध का सत्य ?

  #डॉविवेकआर्य मर्यादापुरुषोतम श्री रामचंद्र जी महाराज के जीवन को सदियों से आदर्श और पवित्र माना जाता हैं। कुछ विधर्मी और नास्तिकों द्वारा श्री रामचन्द्र जी महाराज पर शम्बूक नामक एक शुद्र का हत्यारा होने का आक्षेप लगाया जाता हैं। सत्य वही हैं जो तर्क शास्त्र की कसौटी पर खरा उतरे। हम यहाँ तर्कों से […]

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गौ और गोवंश

गौ रक्षा सवा सेर

पहला हत्था तोड़ने का किस्सा-23July1930 टोहाना में मुस्लिम राँघड़ो का एक गाय काटने का एक कसाईखाना था।वहां की 52 गांवों की नैन खाप ने इसका कई बार विरोध किया। कई बार हमला भी किया जिसमें नैन खाप के कई नौजवान शहीद हुए व कुछ कसाइ भी मारे गए।लेकिन सफलता हासिल नहीं हुई।क्योंकि ब्रिटिश सरकार मुस्लिमों […]

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आओ कुछ जाने

जनसंख्या समीकरण स्वामी श्रद्धानंद और हिंदू मुस्लिम समस्या

  #डॉविवेकआर्य सर संघचालक श्री मोहन भागवत जी ने गोवाहाटी में बयान दिया कि 1930 से मुस्लिमों की आबादी बढ़ाई गई क्योंकि भारत को पाकिस्तान बनाना था। इसकी योजना पंजाब, सिंध, असम और बंगाल के लिए बनाई गई थी और यह कुछ हद तक सफल भी हुई। माननीय सर संघचालक जी ने अपने बयान में […]

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इतिहास के पन्नों से

चंद्रशेखर आजाद की जयंती के अवसर पर उनके क्रांतिकारी जीवन को शत-शत नमन

चंद्रशेखर आजाद का क्रांतिकारी जीवन का केंद्र बिंदु झांसी रहा था ! जहाँ क्रांतिकारियों में उनके २-3 करीबियों में से एक सदाशिव राव मलकापुरकर रहते थे ! चंद्रशेखर आजाद अपने जीवन में बहुत अधिक गोपनीयता रखते थे इस कारण वह आजीवन कभी भी पुलिस द्वारा पकडे नहीं गए थे ! उन्हें इसका अहसास था कि […]

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