हमारे मुस्लिम भाइयों को सूर्य नमस्कार करने में आपत्ति है क्योंकि उनका मानना हैं कि एक खुदा को छोड़कर अन्य किसी कि पूजा का इस्लाम में निषेध है। सूर्य नमस्कार में सूर्य, वन्दे मातरम में पृथ्वी की स्तुति करनी बताई गई हैं जो इस्लामिक मान्यताओं के प्रतिकूल हैं। उनका मानना है कि अग्नि, वायु, जल, […]
Author: विवेक आर्य
डॉ विवेक आर्य पुणे के समीप भीमा कोरेगांव में एक स्मारक बना हुआ है। कहते है कि आज से 200 वर्ष पहले इसी स्थान पर बाजीराव पेशवा द्वितीय की फौज को अंग्रेजों की फौज ने हराया था। महाराष्ट्र में दलित कहलाने वाली महार जाति के सैनिकों ने अंग्रेजों की ओर से युद्ध में भाग लिया […]
प्रेषकः डॉ विवेक आर्य जिन्होंने इतिहास के उन पन्नों को पलटा है, जब गांधी जी दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के विरुद्ध लड़ाई लड़ रहे थे, तब उन्होंने आर्थिक सहायता के लिये अभ्यर्थना भारत से की | उन दिनों गुरुकुल कांगड़ी में २-३ अंग्रेजी अख़बार आते थे | स्वामी श्रद्धानंद ने उन अखबारों के आधार पर […]
बाइबल की सच्चाई को आखिर समझना ही होगा
“किसी न किसी को तो बाइबल की असलियत को उजागर करना ही चाहिए। ईसाई उपदेशक ऐसा करने का साहस इसलिए नहीं करते क्योंकि वे समझते है कि उनको मंच से निकाल दिया जाएंगा। कॉलेज के प्रोफेसर इसलिए ऐसा नहीं करते क्योंकि उन्हें वेतन मिलना बंद हो जएगा (नौकरी से निकाल दिया जाएगा)। राजनेता इसलिए ऐसा […]
राष्ट्र आराधक स्वामी श्रद्धानन्द जी महाराज {बलिदान दिवस} स्वामी जी का हरयाणा में प्रभाव डेढ़ अरब के मुकाबले पर इकला ही शेर दहाड़ा था। जो कोई आया मुकाबले पर उस को ही मार पछाडा़ था। ऋषिवर देव दयानंद के जितने गुण गायें उतने ही थोडे़ हैं। महाभारत के पश्चात अनेक प्रकार की परम्परा भारतवर्ष की […]
(स्वामी श्रद्धानन्द बलिदान दिवस पर विशेष रूप से प्रचारित). (प्रेरणदायक संस्मरण) स्वामी श्रद्धानन्द जी के महाराज के हिंदी प्रेम जगजाहिर था। आप जीवन भर स्वामी दयानंद के इस विचार को की सम्पूर्ण देश को हिंदी भाषा के माध्यम से एक सूत्र में पिरोया जा सकता हैं सार्थक रूप से क्रियान्वित करने में अग्रसर रहे। सभी […]
#डॉविवेकआर्य कुछ काल से श्री राम और सीता की विवाह के समय आयु पर एक शंका उठाई जाती रही हैं की क्या विवाह के समय श्री राम चन्द्र जी की आयु 15 वर्ष और सीता जी की आयु 6 वर्ष थी? इस शंका को उठाने वालों में मुख्य रूप से वो लोग हैं जो मुहम्मद […]
बल्लभगढ़ नरेश राजा नाहर सिंह लेखक :- स्वामी ओमानन्द जी महाराज पुस्तक :- देश भक्तों के बलिदान 1857 में भारतीय स्वतन्त्रता प्राप्ति हेतु प्रज्वलित प्रचण्ड समर अग्नि में परवाना बनकर जलने वाले अगणित ज्ञात एवं अज्ञात नौनिहाल शहीदों में बल्लभगढ़ नरेश राजा नाहरसिंह का नाम अत्यन्त महत्वपूर्ण है । दिल्ली की जड़ में अंग्रेजों के […]
दिवस-मास-वर्ष-मन्वन्तर-हैमयुग-विवेक
★ निरपेक्षरूपेण प्रत्येक खगोलीय पिण्ड से सम्बन्धित दिवस होता है जो पूर्वी क्षितिज पर उसके उदय से लेकर उसके पुनरोदय तक चलता है। यह सदैव प्रेक्षक के सापेक्ष होता है। चूँकि पृथ्वी के घूर्णन पर ही दिवस आधारित है, अत: देशान्तर (रेखांश) की भिन्नता होने पर दिवस के आरम्भ में भिन्नता हो जाती है। जनता […]
(रामप्रसाद बिस्मिल दवारा लिखी गई आत्मकथा से साभार) ब्रह्मचर्य व्रत का पालन वर्तमान समय में इस देश की कुछ ऐसी दुर्दशा हो रही है कि जितने धनी तथा गणमान्य व्यक्ति हैं उनमें 99 प्रतिशत ऐसे हैं जो अपनी सन्तान-रूपी अमूल्य धन-राशि को अपने नौकर तथा नौकरानियों के हाथ में सौंप देते हैं । उनकी जैसी […]