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इतिहास के पन्नों से

अकबर को जब वीर हिन्दू रमणी किरण देवी ने सबक सिखाया था

डॉ विवेक आर्य अकबर घोर विलासी, अय्याश बादशाह था। वह एक ओर हिन्दुओं को मायाजाल में फंसाने के लिए “दीने इलाही” के नाम पर माथे पर तिलक लगाकर अपने को सहिष्णु दिखाता था, दूसरी ओर सुन्दर हिन्दू युवतियों को अपनी यौनेच्छा का शिकार बनाने की जुगत में रहता था। दिल्ली में वह “मीना बाजार” लगवाता […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

दलितों और नारी जाति के सच्चे हितैषी थे स्वामी श्रद्धानंद

डॉ विवेक आर्य 22 फरवरी 2025 को स्वामी श्रद्धानंद जी का जन्म दिवस दिवस था। आप पराधीन भारत के सबसे बड़े समाज सुधारकों में से एक थे। आपका जन्म पंजाब के जालंधर के तलवान नामक स्थान पर हुआ था। आपका सन्यास पूर्व नाम मुंशीराम था। आप सामाजिक परिस्थितियों को देखकर नास्तिक बन गए थे। बरेली […]

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धर्म-अध्यात्म

अन्तिम हिन्दू (भाग 1)

लेखक – पुरुषोत्तम प्रेषक – डॉ विवेक आर्य भाग 1 एक समय भयङ्कर बाढ़ आई। लोग जान बचाने के लिये ऊँची जगहों पर, पेड़ों पर और मकान की छतों पर जा बैठे। फिर उन लोगों को बाढ़ – से निकालने का कार्य प्रारम्भ हुआ। कुछ साहसी लोग तैर तैर कर उन बाढ़ ग्रस्त लोगों के […]

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इतिहास के पन्नों से

आधुनिक इतिहास में शुद्धि समर्थक राष्ट्र नेताओं के नाम

स्वामी दयानंद सर्वप्रथम देहरादून में एक मुसलमान को शुद्ध कर उनका अलखधारी नाम रख कर आधुनिक भारत में सदियों से बंद घर वापसी के द्वार को खोला स्वामी श्रद्धानन्द लाखों मलकाने राजपूतों जो नौ मुस्लिम कहलाते थे उन्हें शुद्ध किया और व्यवस्थित रूप से सकल हिन्दू समाज को संगठित करने का उद्घोष किया। शुद्धि चक्र […]

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इतिहास के पन्नों से

तैमूरलंग का सामना

– डॉ विवेक आर्य हिन्दू समाज की सबसे बड़ी समस्या यह है कि वे जातिवाद से ऊपर उठ कर सोच ही नहीं सकते। यही पिछले 1200 वर्षों से हो रही उनकी हार का मुख्य कारण है। इतिहास में कुछ प्रेरणादायक घटनाएं मिलती है। जब जातिवाद से ऊपर उठकर हिन्दू समाज ने एकजुट होकर अक्रान्तायों का […]

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भाषा

राष्ट्रभाषा हिन्दी और देवनागरी लिपि

अपने विचारों को दूसरे तक प्रेषित करने में हमें भाषा की आवश्यकता पड़ती है। स्वामी दयानन्द जब धर्म प्रचार के क्षेत्र में आये तब उनके सामने यही समस्या थी कि वे किस भाषा के द्वारा अपने विचारों को अन्यों तक सम्प्रेषित करें। उनकी मातृभाषा गुजराती थी किन्तु उत्तर भारत में उससे विचारों के सम्प्रेषण में […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

गुरु गोविन्द सिंह जी के प्रकाश उत्सव के अवसर पर हिन्दू समाज के लिए सन्देश

मुगल शासनकाल के दौरान बादशाह औरंगजेब का आतंक बढ़ता ही जा रहा था। चारों और औरंगज़ेब की दमनकारी नीति के कारण हिन्दू जनता त्रस्त थी। सदियों से हिन्दू समाज मुस्लिम आक्रांताओं के झुंडों पर झुंडों का सामना करते हुए अपना आत्म विश्वास खो बैठा था। मगर अत्याचारी थमने का नाम भी नहीं ले रहे थे। […]

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भ्रांति निवारण

क्या वेदों में पशुबलि, माँसाहार आदि का विधान है?

त्रिपुरा सरकार ने मंदिरों में दी जाने वाली पशुबलि पर रोक लगा दी। हम उनके इस निर्णय का स्वागत करते हैं। धर्म के नाम पर पशुबलि अन्याय है। ईद पर भी इसी प्रकार से पशुबलि का निषेध होना चाहिए। कुछ लोग सरकार के निर्णय के विरुद्ध वेदों में पशुबलि के विधान होने की बात कर […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

स्वामी श्रद्धानन्द जी का ऐतिहासिक भाषण

(यह लेख 2019 में प्रकाशित किया गया था) जलियांवाला बाग घटना। 13 अप्रैल 1919 को बैसाखी के दिन अंग्रेज डायर द्वारा निहत्थे भारतीयों के खून से लिखी ऐसी दर्दनाक इतिहास की घटना है। जिसके इस वर्ष 100 वर्ष पूर्ण होने जा रहे हैं। पंजाब सहित देशभर में रौलेट एक्ट रूपी काला कानून देशवासियों को प्रथम […]

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महत्वपूर्ण लेख मुद्दा समाज

ईसाईयों द्वारा धर्मान्तरण की समाज सुधारकों द्वारा निंदा

हमारे देश के संभवत शायद ही कोई चिंतक ऐसे हुए हो जिन्होंने प्रलोभन द्वारा धर्मान्तरण करने की निंदा न की हो। महान चिंतक एवं समाज सुधारक स्वामी दयानंद का एक ईसाई पादरी से शास्त्रार्थ हो रहा था। स्वामी जी ने पादरी से कहा की हिन्दुओं का धर्मांतरण करने के तीन तरीके है। पहला जैसा मुसलमानों […]

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