#डॉविवेकआर्य, शिशु रोग विशेषज्ञ, दिल्ली आज विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस है। कुछ वर्षों पहले तक शारीरिक रोगों की शिक्षा ग्रहण करने में चिकित्सकों का ध्यान अधिक था जबकि वर्तमान में स्थिति बदल रही है। शारीरिक रोगों के साथ साथ मानसिक स्वास्थ्य संबधित बीमारियों से मनुष्य पीड़ित दिख रहा हैं। जैसे जैसे मनुष्य आर्थिक रूप से […]
Author: विवेक आर्य
वेदों को समझने के लिए मार्गदर्शक पुस्तकें- 1- मैक्समूलर द्वारा वेदों का विकृतिकरण 2- वेदों को जाने दोनो पुस्तक ₹425 (डाक खर्च सहित) मंगवाने के लिए 7015591564 पर वट्सएप करें। जब मैक्समूलर आदि पश्चिमी विद्वानों के वेद भाष्य उपलब्ध थे तो स्वामी दयानंद द्वारा नवीन वेद भाष्य करने जैसा श्रमसाध्य कार्य क्यों किया गया? समाधान- […]
#डॉविवेकआर्य वेदों के बारे में फैलाई गई भ्रांतियों में से एक यह भी है कि वे ब्राह्मणवादी ग्रंथ हैं और शूद्रों के साथ अन्याय करते हैं | हिन्दू/सनातन/वैदिक धर्म का मुखौटा बने जातिवाद की जड़ भी वेदों में बताई जा रही है और इन्हीं विषैले विचारों पर दलित आन्दोलन इस देश में चलाया जा रहा […]
बिजनौर जनपद में साधारण से दिखने वाले निहाल सिंह सरकारी चौकीदार थे। आपकी अनेक स्थानों पर बदली होती रहती थी। एक बार एक बड़े कस्बे में आपका तबादला हुआ। रात को पहरा देते हुए आप कहते थे “पाँच हजार साल से सोने वालों जागो”। आपकी आवाज सुनकर लोग आश्चर्य में पड़ गए क्योंकि उन्हें जागते […]
मानव के जीवन में आशीर्वाद का महत्त्व*
===================== – विकास आर्य भारतवर्ष में प्राय: माता-पिता, गुरुओं, अपने से बड़ों, विद्वानों आदि से आशीर्वाद लेने की प्रथा है। मनुष्य प्रकृति में भी यह भावना है। जिसे वह श्रद्धेय पूज्य मानता है, जिसे अपने से ज्यादा ज्ञानवान मानता है, धार्मिक जानता है, उसके मुख से अपने लिए, अपनी सन्तान के लिये, अपने परिवार के […]
स्वामी दयानंद कि वैदिक विचारधारा को जन-जन तक पहुँचाने में हज़ारों आर्यों ने अपने अपने सामर्थ्य के अनुसार योगदान दिया। साहित्य सेवा द्वारा श्रम करने वालो ने पंडित लेखराम की अंतिम इच्छा को पूरा करने का भरपूर प्रयास किया। डॉ भवानीलाल भारतीय आर्य जगत कि महान विभूति हैं जिनका सम्पूर्ण जीवन साहित्य सेवा द्वारा ऋषि […]
मालाबार और आर्यसमाज
1921 में केरल में मोपला के दंगे हुए। मालाबार में रहने वाले मुसलमान जिन्हें मोपला कहा जाता था मस्जिद के मौलवी के आवाहन पर जन्नत के लालच में हथियार लेकर हिन्दू बस्तियों पर आक्रमण कर देते हैं। पहले इस्लाम ग्रहण करने का प्रलोभन दिया जाता हैं और हिन्दुओं की चोटी-जनेऊ को काट कर अपनी जिहादी […]
#डॉविवेकआर्य भारत के स्कूलों में पाठ्यकर्म में जो इतिहास पढ़ाया जाता हैं उससे सभी विद्यार्थियों को यह सिखाया जाता हैं की हमारे देश को आज़ादी केवल और केवल महात्मा गाँधी द्वारा चलाये गये अहिंसा पूर्वक आन्दोलन से मिली थी। यह कहना न केवल उन ज्ञात और अज्ञात हजारों शहीदों का अपमान हैं जिन्होंने न केवल […]
#डॉविवेकआर्य सत्यानुरागी, धर्मपरायण, अनथक परिश्रमी, निःस्वार्थ सेवी, विद्वान-व्याख्याता, प्रवक्ता, उपदेशक, अधिष्ठाता, भारतीय स्वराज्य आन्दोलन के सहयोगी, त्याग एव तपस्या की प्रतिमूर्त्ति आचार्य रामदेव जी आर्यसमाज एवं गुरुकुल शिक्षा पद्धति के अनन्य प्रचारक थे। स्वामी श्रद्धानंद जी महाराज ने अगर गुरुकुल रूपी पौधे को लगाया था तो आचार्य रामदेव ने उसे अपने लहू से सींचकर वट […]
” वेदमाता गुरु गम्भीर मन्त्र श्रृंखाओं के साथ-साथ यदाकदा हल्की-फुल्की फुहारें भी छोड़ देती हैं, जिसे सुनकर मन हास्य विनोद में लोटपोट हो ही जाता है, किन्तु उसका अर्थ हितोपदेश से भरपूर होता है। अथर्ववेद काण्ड-११, सूक्त-३, मन्त्र संख्या-३ पर दृष्टिपात कीजिये। “चक्षुर्मुसल काम उलूखलम्” अर्थात् आंखें मूसल हैं तो कामनाएं ओखली है। काव्यतीर्थ पं० […]