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भारतीय संस्कृति

द्रोणाचार्य बनाम अम्बेडकर

हमारे कुछ दलित भाई एकलव्य के अँगूठे को लेकर बड़े आक्रोशित रहते हैं। उनका कहना है कि द्रोणाचार्य ने जातिवाद का समर्थन करते हुए अर्जुन से अधिक पात्र एकलव्य का अँगूठा इसलिए कटवा दिया क्योंकि अर्जुन उन्हें अधिक प्रिय था। वैसे तो मैं इस घटना को प्रक्षिप्त अर्थात मिलावटी मानता हूँ क्योंकि बिना सिखाये कोई […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

जालंधर कन्या महाविद्यालय और लाला देवराज जी

आर्य पुरुषों के अल्प-ज्ञात संस्मरण यह बात उस काल की हैं जब हमारे देश में लड़कियों को पढ़ाना बुरी बात समझा जाता था। स्वामी दयानंद जी द्वारा सत्यार्थ प्रकाश में किये गए उद्घोष की नारी का काम जीवन भर केवल चूल्हा चोका करना नहीं अपितु गार्गी के समान प्राचीन विदुषी बनकर अपना कल्याण करना हैं […]

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इतिहास के पन्नों से

भेड़ की खाल में भेड़िया

डॉ अम्बेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर विशेष रूप से प्रकाशित भ किसी ने मुझसे पूछा की भेड़ की खाल में भेड़िया का उदाहरण दो। मैंने कहा आज के समाज में भेड़ की खाल में भेड़िया का सबसे सटीक उदाहरण “दलित चिंतक/विचारक” हैं। जो खाते इस देश का है, आरक्षण भी इस देश लेते है और […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) एवं लाला लाजपतराय जी का संकल्प : 17 नवम्बर को पुण्य तिथि पर प्रकाशित

#डॉविवेकआर्य आज पंजाब नेशनल बैंक देश के प्रमुख बैंकों में से एक है। PNB की स्थापना प्रसिद्ध आर्यसमाजी नेता एवं शेरे-पंजाब लाला लाजपतराय द्वारा 19 अप्रैल1895 को लाहौर के प्रसिद्द अनारकली बाजार में हुई थी। इस बैंक की स्थापना करने वालों में लाला हरकिशन लाल (पंजाब के प्रथम उद्योगपति), दयाल सिंह मजीठिया (ट्रिब्यून अख़बार के […]

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भारतीय संस्कृति

।प्रजापति(ब्रह्मा) का अपनी पुत्री से संभोग और वेद।।

– कार्तिक अय्यर विधर्मी लोग हिंदुओं पर आक्षेप करते है कि तुम्हारे वेद और पुराण में ब्रह्मा यानी प्रजापति द्वारा स्वयं की बेटी यानी सरस्वती के साथ संभोग करने की कथा विद्यमान है।हाल ही में एक ‘समीर मोहम्मद’ नामक मुल्लाजी ने यह आक्षेप किया है। आक्षेपकर्ता का कहना है के ऋग्वेद में इस मंत्र मैं […]

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आज का चिंतन

सिद्धि के लिए सच्चे साधन

लेखक-स्वामी श्रद्धानन्द जी यः शास्त्रविधिमुत्सृज्य, वर्तते कामचारतः। न स सिद्धिमवाप्नोति, न सुखं न परां गतिम्।। गीता 16/3 शब्दार्थ- (यः) जो मनुष्य, (शास्त्रविधिम्) शास्त्र की विधि एवं आदेश को (उत्सृज्य) छोड़कर (कामचारतः वर्तते) अपनी इच्छानुकूल आचरण करता है, (सः सिद्धिं न अवाप्नोति) वह न तो सिद्धि या सफलता को प्राप्त कर सकता है (न सुखम्) न […]

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आज का चिंतन

मनुस्मृति में क्या दी गई है धर्म की परिभाषा ?

#डॉ_विवेक_आर्य १. धर्म संस्कृत भाषा का शब्द है जोकि धारण करने वाली धृ धातु से बना है। “धार्यते इति धर्म:” अर्थात जो धारण किया जाये वह धर्म है। अथवा लोक परलोक के सुखों की सिद्धि के हेतु सार्वजानिक पवित्र गुणों और कर्मों का धारण व सेवन करना धर्म है। दूसरे शब्दों में यहभी कह सकते […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

महर्षि दयानन्द क्या थे?

(स्वामी दयानन्द के बलिदान दिवस के अवसर पर प्रकाशित) लेखक वीरसेन वेदश्रमी प्रस्तोता- #डॉ_विवेक_आर्य वह मूलशंकर था, चैतन्य था, महाचैतन्य था, दयानन्द था। सरस्वती था, वेदरूपी सरस्वती को वह इस धरातल पर प्रवाहित कर गया। वह स्वामी था, वह सन्यासी था, परिव्राट था। दंडी था, योगी था, योगिराज था, महा तपस्वी था। योग सिद्धियों से […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

क्या श्री राम जी माँसाहारी थे?

– डॉ विवेक आर्य मेरे कई मित्रों ने यह शंका मेरे समक्ष रखी हैं की उनके सामने दिन प्रतिदिन वाल्मीकि रामायण में से कई श्लोक आते हैं जिनसे यह सिद्ध होता हैं की श्री राम जी माँसाहारी थे? इस शंका का समाधान होना अत्यंत आवश्यक हैं क्यूंकि श्री राम के साथ भारतीय जनमानस की आस्था […]

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आओ कुछ जाने

सृष्टि या ब्रह्माण्ड की रचना

भाग 1 💎( 1 ) प्रश्न : – ब्रह्माण्ड की रचना किससे हुई ? ☀उत्तर : – ब्रह्माण्ड की रचना प्रकृति से हुई । 💎( 2 ) प्रश्न : – ब्रह्माण्ड की रचना किस ने की ? ☀उत्तर : — ब्रह्माण्ड की रचना निराकार ईश्वर ने की जो कि सर्वव्यापक है । कण – कण […]

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