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महत्वपूर्ण लेख मुद्दा समाज

ईसाईयों द्वारा धर्मान्तरण की समाज सुधारकों द्वारा निंदा

हमारे देश के संभवत शायद ही कोई चिंतक ऐसे हुए हो जिन्होंने प्रलोभन द्वारा धर्मान्तरण करने की निंदा न की हो। महान चिंतक एवं समाज सुधारक स्वामी दयानंद का एक ईसाई पादरी से शास्त्रार्थ हो रहा था। स्वामी जी ने पादरी से कहा की हिन्दुओं का धर्मांतरण करने के तीन तरीके है। पहला जैसा मुसलमानों […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

आदिवासी समाज और ईसाइयत

#डॉविवेकआर्य भारत जैसे बड़े देश में करोड़ों लोग वनक्षेत्र में सदियों से निवास करते है। कुछ लोग उन्हें आदिवासी कहते है क्योंकि उनका मानना है कि आदिकाल में सबसे प्रथम जनजाति इन्हीं के समान थी। कालांतर में लोग विकसित होकर शहरों में बसते गए जबकि आदिवासी वैसे के वैसे ही रहे। हम इसे भ्रान्ति मानते […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

स्वराज्य केसरी -आर्य नेता लाला लाजपत राय 17 नवम्बर को पुण्य तिथि पर प्रकाशित

#डॉविवेकआर्य आर्यसमाज मेरे लिए माता के सामान है और वैदिक धर्म मुझे पिता तुल्य प्यारा है- लाला लाजपत राय आज़ादी के महानायकों में लाला लाजपत राय का नाम ही देशवासियों में स्फूर्ति तथा प्रेरणा का संचार कराता है। अपने देश धर्म तथा संस्कृति के लिए उनमें जो प्रबल प्रेम तथा आदर था उसी के कारण […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

गुरु नानक और अकर्मण्यता का रोग

(गुरु नानक प्रकाशोत्सव पर विशेष रूप से प्रकाशित) #डॉविवेकआर्य गुरु नानक ने बाबर नामक राक्षस को भारत की प्रजा पर अकथनीय अत्याचार करते अपनी आँखों से देखा था। गुरु नानक ने इस अत्याचार से व्यथित होकर अपने मन की इच्छाओं को अपनी रचनाओं के माध्यम से प्रस्तुत किया था। यह रचनायें उस काल में देश […]

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आओ कुछ जाने

हिन्दू युवा नास्तिक क्यों हो रहे है ?*

* हिन्दू युवाओं के नास्तिक बनने के मुख्य चार कारण है। धर्मगुरु में दूरदृष्टि की कमी हिन्दू समाज के धर्मगुरु , अपने मठ बनाने में, धन जोड़ने में, पाखंड और अन्धविश्वास फैलाने में अधिक रूचि रखते हैं । हिन्दू समाज में ईसाई धर्मान्तरण, लव जिहाद, नशा, भोगवाद, चरित्रहीनता, नास्तिकता, अपने धर्मग्रंथों के प्रति अरुचि आदि […]

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इतिहास के पन्नों से

आईए जानते हैं , वास्तव में रावण कौन है ?

#डॉविवेकआर्य प्रत्येक वर्ष की भांति दशहरे का त्योहार आ गया। सब लोग विशेष रूप से रावण के जलने का इंतजार कर रहे हैं। सभी मर्यादा पुरुषोतम श्री रामचन्द्र जी महाराज को याद करते है कि किस प्रकार से उन्होंने राक्षस रावण का वध कर धरती को पापी से मुक्त किया था। आज उनके उस पवित्र […]

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भारतीय संस्कृति

वेदों में मनोवैज्ञानिक रोगों का निदान

#डॉविवेकआर्य, शिशु रोग विशेषज्ञ, दिल्ली आज विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस है। कुछ वर्षों पहले तक शारीरिक रोगों की शिक्षा ग्रहण करने में चिकित्सकों का ध्यान अधिक था जबकि वर्तमान में स्थिति बदल रही है। शारीरिक रोगों के साथ साथ मानसिक स्वास्थ्य संबधित बीमारियों से मनुष्य पीड़ित दिख रहा हैं। जैसे जैसे मनुष्य आर्थिक रूप से […]

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पुस्तक समीक्षा

वेदों को समझने के लिए मार्गदर्शक पुस्तकें-

वेदों को समझने के लिए मार्गदर्शक पुस्तकें- 1- मैक्समूलर द्वारा वेदों का विकृतिकरण 2- वेदों को जाने दोनो पुस्तक ₹425 (डाक खर्च सहित) मंगवाने के लिए 7015591564 पर वट्सएप करें। जब मैक्समूलर आदि पश्चिमी विद्वानों के वेद भाष्य उपलब्ध थे तो स्वामी दयानंद द्वारा नवीन वेद भाष्य करने जैसा श्रमसाध्य कार्य क्यों किया गया? समाधान- […]

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भारतीय संस्कृति

क्या वेद जातिवाद का समर्थन करते है?

#डॉविवेकआर्य वेदों के बारे में फैलाई गई भ्रांतियों में से एक यह भी है कि वे ब्राह्मणवादी ग्रंथ हैं और शूद्रों के साथ अन्याय करते हैं | हिन्दू/सनातन/वैदिक धर्म का मुखौटा बने जातिवाद की जड़ भी वेदों में बताई जा रही है और इन्हीं विषैले विचारों पर दलित आन्दोलन इस देश में चलाया जा रहा […]

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इतिहास के पन्नों से

“पाँच हजार साल से सोने वालों जागो”

बिजनौर जनपद में साधारण से दिखने वाले निहाल सिंह सरकारी चौकीदार थे। आपकी अनेक स्थानों पर बदली होती रहती थी। एक बार एक बड़े कस्बे में आपका तबादला हुआ। रात को पहरा देते हुए आप कहते थे “पाँच हजार साल से सोने वालों जागो”। आपकी आवाज सुनकर लोग आश्चर्य में पड़ गए क्योंकि उन्हें जागते […]

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