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पर्व – त्यौहार

नव वर्ष तुम्हें मंगलमय हो

नव वर्ष तुम्हें मंगलमय हो नववर्ष तुम्हें मंगलमय हो हर पल हो सावन हरियाली। जिह्वा भीगे प्रभु रस प्याली। विद्या से भरा सत् निर्भय हो।। नव वर्ष— उत्कर्ष हर्ष बढ़ता जावे। सुख स्वास्थ्य सम्पदा श्री पावे। कामना विमल शुभ अक्षय हो।। नव वर्ष— सब पर ईश्वर की कृपा रहे। चंहुँ ओर खुशी प्रभु दया रहे। […]

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आज का चिंतन

हर कार्य उत्तम फल वाले होंगे ,एक बार नित्य प्रातः इस भाव के साथ आचमन तो करिए

✍ *हर कार्य उत्तम फल वाले होंगे एक बार नित्य प्रातः इस भाव के साथ आचमन तो करिये* अथ आचमन मंत्रा: ओ३म् 1-अमृतोपस्तरणमसि स्वाहा।। 2-अमृता पिधानमसि स्वाहा।। 3-सत्यं यशः श्रीर्मयि श्री: श्रयतां स्वाहा।। *एक साथ संक्षिप्त, सरस, सरल, बोधगम्य काव्य* 👉 तुम्हीं उपस्तरणं, अपिधानं, कहें बिछौना ओढ़ना। अजर अमर अविनाशी भगवन, मुझे स्वयं से जोड़ना।। […]

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आज का चिंतन

क्या है यह संसार और कैसे चल रहा है?

आचार्या विमलेश बंसल आर्या किसी ने पूछा ये संसार क्या है? कैसे चल रहा है?? उत्तर – संसृति इति संसारः जो सरक रहा है वही संसार है। मजे की बात है प्रकृति से उत्पन्न जड़ धर्म होते हुए भी चल रहा है बदल रहा है। आखिर कैसे?? जब जड़ है तो, कौन शक्ति है? जो […]

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कविता

व्याकुलता संवेग तीव्र कर …..

*वेद वाणी* आचार्या विमलेश बंसल आर्या ओ३म् अश्मन्वती रीयते संरभध्वं। उत्तिष्ठत प्र तरता सखायः। अत्रा जहीमो अशिवा। ये असन् शिवां वयं उत्तरेम अभि वाजान्।।-यजुर्वेद-३५-१०, भजन🎤 बही जा रही बड़े वेग से, नदी भरी जो पत्थर से। आओ मिलकर पार करें सब, पकड़ के हाथ परस्पर से।। १- मन में हिम्मत प्रथम उठाएं, लक्ष्य साधने लें […]

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कविता धर्म-अध्यात्म

सत्यार्थ प्रकाश : सृष्टि उत्पत्ति, स्थिति, प्रलय विषय

*सत्यार्थ प्रकाश* अथ अष्टम समुल्लास —————————– ऋग्वेद- मंडल-१०-सूक्त-१२९-मन्त्र-७ ————————— तर्ज-संग्राम जिंदगी है— ईश्वर की वेद वाणी, कर आचमन ओ प्राणी। जिससे बना जगत यह, पा थाह बन के ज्ञानी। ईश्वर की वेदवाणी, कर– ऋग्वेद दशवें मंडल का, सूक्त एकसौ उन्तीस। है मन्त्र सातवाँ जिसका, विविध रचना जगदीश। वही ही रचयिता सृष्टि, स्वामी परम महा ज्ञानी।। […]

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आज का चिंतन

आज का निकृष्ट और उस समय का उत्कृष्ट भारतीय समाज

बलात्कार की घटनाएं नित प्रतिदिन tv समाचार पत्रों आदि में पढ़ सुन देख दिल दहल जाता है प्रश्न आता है इन बलात्कारियों की क्या सजा हो जिससे नारी सुरक्षित हो। और देश में लूटपाट जैसे जघन्य अपराध न हों । हमारे शास्त्र क्या कहते हैं आइये जानते हैं श्रुति स्मृति क्या कहती है स्त्रियों को […]

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कविता

परमब्रह्म में ही है वास्तविक गुरु

✍ *गुरुर्ब्रह्मा: गुरुर्विष्णु: गुरुर्देवो महेश्वरः।* *गुरुर्साक्षात् परमब्रह्म: तस्मै श्री गुरुवे नमः।।* प्यारे भाइयो बहिनों आज हम आपको एक ऐसे विषय से अवगत कराने जा रहे हैं जिसके बारे में बहुत कम लोग इस श्लोक का अर्थ सटीक जानते हैं। आपने देखा होगा शादी विवाह आदि के निमंत्रण पत्र पर भी यह श्लोक सबसे ऊपर लिखा […]

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कविता

कविता – समस्या

✍ ओ३म् सर्वेभ्यो नमः *समस्या* सबके जीवन में आती हैं, किसी के में कम, किसी के में ज्यादा। कई रोते हैं कम, तो कोई रोते हैं ज्यादा। जो रोते हैं अधिक जिस बात पर, वह तो समस्या ही नहीं थी। पता चला बाद में अम्मा ने, बाबा को एक अंतिम रोटी घी बूरे की शुगर […]

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कविता

सत्यार्थ प्रकाश नवम समुल्लास, 21 वीं कड़ी

महर्षि दयानंद सरस्वती ने सत्यार्थ प्रकाश ग्रन्थ को बनाने में कितनी मेहनत की होगी सोचो, उन्होंने प्रश्नोत्तर के माध्यम से सत्य ज्ञान को हम तक पहुंचाने में एक बार अपनी सामान्य बुद्धि की होगी प्रश्न पूछने, तो दूसरी बार सैद्धांतिक बुद्धि से उत्तर दे समझाने का भरपूर प्रयास, अनेकानेक आर्ष ग्रन्थों के प्रमाण व तर्कों […]

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