सहज-सरल-सरस, गण्या प्रेरक प्रशस्या, आवाज खो गई, सब गौर से सुन रहे थे, सहसा वो खामोश हो गई ॥2701॥ *मुक्तक* विलक्षण व्यक्तित्त्व के संदर्भ में :- जब किसी पुण्यात्मा का, धरा पर प्रादुर्भाव होता है। काल की गति बदलती है, फिजा का रंग बदलता है। दिशाएँ गीत गाती हैं, सुयश की बयार बहती है, पौ […]
