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बिखरे मोती

डूबते देश में सूरजकुंड का संदेश

सूरजकुंड वैसे तो अपने मेलों, हस्तकला और पर्यटन के लिए मशहूर है। लेकिन राजनीतिक तीर्थ के रूप में भी इसका कोई कम महत्व नहीं है। हरियाणा के फरीदाबाद जिले का यह पर्यटन स्थल देश की राजधानी दिल्ली के बहुत करीब है। इस करीबी को वजह से ही सूरजकुंड का राजनीति से भी बहुत करीब का […]

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डूबते देश में सूरजकुंड का संदेश

सूरजकुंड वैसे तो अपने मेलों, हस्तकला और पर्यटन के लिए मशहूर है। लेकिन राजनीतिक तीर्थ के रूप में भी इसका कोई कम महत्व नहीं है। हरियाणा के फरीदाबाद जिले का यह पर्यटन स्थल देश की राजधानी दिल्ली के बहुत करीब है। इस करीबी को वजह से ही सूरजकुंड का राजनीति से भी बहुत करीब का […]

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सच्चे गुरू के भीतर छिपी होती है एक दिव्य शक्ति

जल हमेशा नीचे की तरफ बहता है किंतु जब वह अग्नि तत्व के संपर्क में आता है तो वही जल वाष्प बनकर आकाश की ऊंचाईयों को छूने लगता है और बादल बनकर प्यासी धरती की प्यास बुझाता है। चारों तरफ हरियाली लाता है। पावस ऋतु और सुख समृद्घि का कारक बनता है। ठीक इसी प्रकार […]

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सच्चे गुरू के भीतर छिपी होती है एक दिव्य शक्ति

जल हमेशा नीचे की तरफ बहता है किंतु जब वह अग्नि तत्व के संपर्क में आता है तो वही जल वाष्प बनकर आकाश की ऊंचाईयों को छूने लगता है और बादल बनकर प्यासी धरती की प्यास बुझाता है। चारों तरफ हरियाली लाता है। पावस ऋतु और सुख समृद्घि का कारक बनता है। ठीक इसी प्रकार […]

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मणिपुरी वीरांगना रानी गायडिल्यू

किसी भी देश का गौरव वहां की संस्कृति और इतिहास में छिपा है। इतिहास और संस्कृति का निर्माण उस राष्ट्र के नागरिक कहते हैं, महापुरूष करते हैं, वीर वीरांगनाएं करते हैं। भारत का अतीत बड़ा गौरवमय रहा है।भारत की धरती को शस्यश्यामला कहा जाता है, रत्नगर्भा कहा जाता है, इतना ही नही अपितु वीर प्रस्विनी […]

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मणिपुरी वीरांगना रानी गायडिल्यू

किसी भी देश का गौरव वहां की संस्कृति और इतिहास में छिपा है। इतिहास और संस्कृति का निर्माण उस राष्ट्र के नागरिक कहते हैं, महापुरूष करते हैं, वीर वीरांगनाएं करते हैं। भारत का अतीत बड़ा गौरवमय रहा है।भारत की धरती को शस्यश्यामला कहा जाता है, रत्नगर्भा कहा जाता है, इतना ही नही अपितु वीर प्रस्विनी […]

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वीर सावरकर का एक प्रेरक प्रसंग

भारत को स्वाधीनता किसी ने थाली में परोस कर नही प्रदान की, अपितु भारत की स्वाधीनता की किश्ती शहीदों के शोणित के दरिया पर तैरती हुई आयी थी। करीब सात लाख लोगों की कुर्बानी से भारत की धरती लाल हुई थी। सदियों की गुलामी के बाद, तरह तरह की यातनाएं और जुल्मों को सहने के […]

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आईए चलें: चित्त की पवित्रता और परलोक के आलोक में

गतांक…..से आगेठीक इसी प्रकार व्यष्टि चित्त में पड़ा कोई प्रबल शुभ संस्कार अनुकूल वातावरण पाकर जब भोगोन्मुख होता है तो वह समष्टि चित्त से सजातीय संस्कारों को खींचता है जिनसे उसे विशेष ऊर्जा मिलती है। घोर गरीबी, विघ्न बाधाओं के बावजूद भी वह व्यक्ति ऐसे सबके आकर्षण और प्रेरणा का केन्द्र बनता है जैसे कूड़े, […]

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आईए चलें: चित्त की पवित्रता और परलोक के आलोक में

हमें अपने राष्ट्र और संस्कृति पर गर्व है। समस्त भूमंडल पर भारत ही एक ऐसा देश है जिसकी सभ्यता और संस्कृति हमारे वंदनीय और अभिनंदनीय ऋषियों के चिंतन से आज भी अनुप्रमाणित होती है। हमारे ऋषियों ने हमारे धर्मशास्त्रों में हमारे जीवन के सशक्त स्तम्भ अथवा आदर्श जहां चार पुरूषार्थों-धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष को माना […]

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गुणों से भी श्रेष्ठ सौम्य स्वभाव होता है

प्राय: देखा गया है कि कुछ लोगों में कुछ गुण होते हैं किंतु उनका स्वभाव अच्छा नही होता है यथा-जब तक आदमी सामने रहता है तो मुंह देखी बड़ाई करते हैं और उसके जाते ही पीठ पीछे उसी की चुगली-निंदा करते हैं। कुछ ऐसे होते हैं जो दान पुण्य भी कर देते हैं किंतु दम्भ […]

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