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बिखरे मोती

रहें मन से सावधान, इसमें छिपे हैं भयंकर तूफान

मनुष्य का व्यक्तिव्य बड़ा ही जटिल और गहन है। उसका आरपार पाना बहुत ही कठिन है। मनुष्य के इस इंसानी चोले में साधु और शैतान दोनों ही छिपे हैं। वह ऊंचा उठे तो इतना ऊंचा उठे कि देवताओं को भी पीछे छोड़ दे और यदि गिरने पर आए तो वह पशुओं से भी नीचे गिर […]

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बिखरे मोती

समझें, आत्मकेन्द्रित होने के सही अर्थ

प्राय: देखा गया है कि लोग आत्मकेन्द्रित होने का अर्थ अपने तक सीमित रहना, जिसे अंग्रेजी में रिजर्व नेचर कहते हैं। यह तो स्वार्थपरता है, अर्थ का अनर्थ है। आत्मकेन्द्रित होने से वास्तविक अभिप्राय है-अपने आत्मस्वरूप में केन्द्रित होना, अनंत आनंद में जीना, संतोष, सरसता और शांति में जीना। इसके लिए ध्यान में उतरने का […]

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समझें, आत्मकेन्द्रित होने के सही अर्थ

प्राय: देखा गया है कि लोग आत्मकेन्द्रित होने का अर्थ अपने तक सीमित रहना, जिसे अंग्रेजी में रिजर्व नेचर कहते हैं। यह तो स्वार्थपरता है, अर्थ का अनर्थ है। आत्मकेन्द्रित होने से वास्तविक अभिप्राय है-अपने आत्मस्वरूप में केन्द्रित होना, अनंत आनंद में जीना, संतोष, सरसता और शांति में जीना। इसके लिए ध्यान में उतरने का […]

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डूबते देश में सूरजकुंड का संदेश

सूरजकुंड वैसे तो अपने मेलों, हस्तकला और पर्यटन के लिए मशहूर है। लेकिन राजनीतिक तीर्थ के रूप में भी इसका कोई कम महत्व नहीं है। हरियाणा के फरीदाबाद जिले का यह पर्यटन स्थल देश की राजधानी दिल्ली के बहुत करीब है। इस करीबी को वजह से ही सूरजकुंड का राजनीति से भी बहुत करीब का […]

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डूबते देश में सूरजकुंड का संदेश

सूरजकुंड वैसे तो अपने मेलों, हस्तकला और पर्यटन के लिए मशहूर है। लेकिन राजनीतिक तीर्थ के रूप में भी इसका कोई कम महत्व नहीं है। हरियाणा के फरीदाबाद जिले का यह पर्यटन स्थल देश की राजधानी दिल्ली के बहुत करीब है। इस करीबी को वजह से ही सूरजकुंड का राजनीति से भी बहुत करीब का […]

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सच्चे गुरू के भीतर छिपी होती है एक दिव्य शक्ति

जल हमेशा नीचे की तरफ बहता है किंतु जब वह अग्नि तत्व के संपर्क में आता है तो वही जल वाष्प बनकर आकाश की ऊंचाईयों को छूने लगता है और बादल बनकर प्यासी धरती की प्यास बुझाता है। चारों तरफ हरियाली लाता है। पावस ऋतु और सुख समृद्घि का कारक बनता है। ठीक इसी प्रकार […]

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सच्चे गुरू के भीतर छिपी होती है एक दिव्य शक्ति

जल हमेशा नीचे की तरफ बहता है किंतु जब वह अग्नि तत्व के संपर्क में आता है तो वही जल वाष्प बनकर आकाश की ऊंचाईयों को छूने लगता है और बादल बनकर प्यासी धरती की प्यास बुझाता है। चारों तरफ हरियाली लाता है। पावस ऋतु और सुख समृद्घि का कारक बनता है। ठीक इसी प्रकार […]

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मणिपुरी वीरांगना रानी गायडिल्यू

किसी भी देश का गौरव वहां की संस्कृति और इतिहास में छिपा है। इतिहास और संस्कृति का निर्माण उस राष्ट्र के नागरिक कहते हैं, महापुरूष करते हैं, वीर वीरांगनाएं करते हैं। भारत का अतीत बड़ा गौरवमय रहा है।भारत की धरती को शस्यश्यामला कहा जाता है, रत्नगर्भा कहा जाता है, इतना ही नही अपितु वीर प्रस्विनी […]

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मणिपुरी वीरांगना रानी गायडिल्यू

किसी भी देश का गौरव वहां की संस्कृति और इतिहास में छिपा है। इतिहास और संस्कृति का निर्माण उस राष्ट्र के नागरिक कहते हैं, महापुरूष करते हैं, वीर वीरांगनाएं करते हैं। भारत का अतीत बड़ा गौरवमय रहा है।भारत की धरती को शस्यश्यामला कहा जाता है, रत्नगर्भा कहा जाता है, इतना ही नही अपितु वीर प्रस्विनी […]

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वीर सावरकर का एक प्रेरक प्रसंग

भारत को स्वाधीनता किसी ने थाली में परोस कर नही प्रदान की, अपितु भारत की स्वाधीनता की किश्ती शहीदों के शोणित के दरिया पर तैरती हुई आयी थी। करीब सात लाख लोगों की कुर्बानी से भारत की धरती लाल हुई थी। सदियों की गुलामी के बाद, तरह तरह की यातनाएं और जुल्मों को सहने के […]

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