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आओ कुछ जाने

वेदों को जाने

================== !!!! —: वेदों की शाखाएँ :— !!!! वेद का ज्ञान अनन्त हैः– “अनन्ता वै वेदाः।” वैदिक-वाङ्मय ज्ञान का भण्डार है। वैदिक संस्कृत ज्ञान का सागर है। वेद के विद्वानों, ऋषियों ने वैदिक ज्ञान को सुरक्षित रखने के अनन्त उपाय किए। एक उपाय वेद की शाखा से सम्बन्धित है। जैसे वृक्षों में अनन्त शाखाएँ होती […]

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धर्म-अध्यात्म

यज्ञ (हवन) करने की सही विधि

हमारे बहुत से आर्य समाज के मित्र या अन्य सनातनी भी बहुत सा यज्ञ करते और करवाते हैं परन्तु यज्ञ का पूरा लाभ जैसा कि शास्त्रों में वर्णित है वैसा लाभ नहीं उठा पाते। इसका कारण है कि बहुत प्रकार की भिन्न भिन्न यज्ञ पद्धतियों का प्रचलित होना। प्रत्येक आर्य समाज में या गायत्री संस्थानों […]

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आर्थिकी/व्यापार

डॉ. भीमराव अम्बेडकर और भारत का आर्थिक दृष्टिकोण

आज हमारा देश भारत पूरे विश्व में आर्थिक दृष्टि से एक सशक्त राष्ट्र बनकर उभर रहा है। वैश्विक स्तर पर कार्य कर रहे वित्तीय एवं निवेश संस्थान भारत की आर्थिक प्रगति की मुक्त कंठ से सराहना कर रहे हैं। भारत आज विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच सबसे तेज गति से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था बन […]

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मुद्दा विधि-कानून

पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 पर उठते हुए सवालों का जवाब आखिर कौन देगा?

क्या आपको पता है कि प्रथम मुस्लिम आक्रांता मुहम्मद बिन कासिम ने 712 ई में भारत के सिंध प्रांत पर आक्रमण किया और काफी उत्पात मचाया। उसके बाद उसके अनुयायी यानी मुस्लिम आक्रमणकारी अपनी सुविधा के अनुसार भारत पर आक्रमण करते हुए आए, यहां के समृद्ध मंदिरों व बाजारों सहित प्रमुख जगहों पर लूटपाट मचाई […]

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धर्म-अध्यात्म

ग्रृहस्थ आश्रम और यजुर्वेद

यजुर्वेद के अनुसार (महर्षि दयानंद सरस्वती द्वारा किया गया भाष्य) २) ॥अध्याय ८ मंत्र १० ।। भावार्थ – इस संसार में मनुष्यजन्म को पाकर स्त्री और पुरुष ब्रह्मचर्य्य, उत्तम विद्या, अच्छे गुण और पराक्रमयुक्त होकर विवाह करें। विवाह की मर्यादा ही से सन्तानों की उत्पत्ति और रतिक्रीड़ा से उत्पन्न हुए सुख को प्राप्त होकर नित्य […]

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महत्वपूर्ण लेख

सबसे पवित्र ग्रंथ नही हो सकता संविधान

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान दिवस पर संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि संविधान सबसे पवित्र ग्रंथ है, क्योंकि हमने संविधान के जरिए सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के कई बड़े लक्ष्यों को हासिल किया है। संविधान निर्माताओं की प्रगतिशील और समावेशी सोच की छाप हमारे संविधान […]

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देश विदेश मुद्दा राजनीति समाज

सनातन हिंदू एकता पदयात्रा के फलितार्थ क्या हो सकते हैं ?

– सौरभ तामेश्वरी कटेंगे तो बटेंगे हो या जात-पात की करो विदाई हम सब हिन्दू भाई-भाई का नारा। बीते दिनों में यह खूब चर्चा में हैं। पहला नारा राजनीतिक मंच से भारतीय जनता पार्टी की ओर से उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र चुनाव के समय दिया। वहीं दूसरा अभी देश-दुनिया में प्रसिद्ध संत […]

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राजनीति

भाजपा का मजबूत संगठन और महाराष्ट्र में उसकी शानदार जीत

संगठन सर्वोपरि होता है। संगठन की एकता किसी भी सियासी दल को शून्य से शिखर तक पहुंचा सकती है। महाराष्ट्र में भाजपा का स्थानीय दलों को पछाड़कर अव्वल पायदान पर काबिज होने के पीछे उसका मजबूत संगठन ही है। दशक पूर्व तक पार्टी अपना पैर जमा रही थी, अन्य दलों के सहारे थी लेकिन इस […]

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धर्म-अध्यात्म

उपनिषद में ईश्वर का विवरण

यद्वाचाऽनभ्युदितं, येन वागभ्युद्यते । तदेव ब्रह्म त्वं विद्धि,नेदं यदिदमुपासते ।।-(केन० 1/4) जो वाणी द्वारा प्रकाशित नहीं होता,जिससे वाणी का प्रकाश होता है,उसी को तू ब्रह्म जान।जिसका वाणी से सेवन किया जाता जाता है,वह ब्रह्म नहीं है। यन्मनसा न मनुते,येनाहुर्मनो मतम् । तदेव ब्रह्म त्वं विद्धि,नेदं यदिदमुपासते ।।-(केन० 1/5) जिसका मन से मनन नहीं किया जाता,जिसकी […]

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धर्म-अध्यात्म

ईश्वर की सर्वव्यापकता पर शंका समाधान

शंका-१ यदि ईश्वर सब जगह है तो क्या वह मल मूत्र में, सूअर, कुत्ते,चौर-डाकू में भी है? फिर तो ईश्वर भी गंदा हो जाएगा। समाधान – जब हम चुम्बक के टुकड़े को मल में, गन्दगी में, डालते हैं तो चुम्बक का लोहा गंदा होता है, उसकी आकर्षण शक्ति गंदी नहीं होती। पृथ्वी पर मल मूत्र […]

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