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महत्वपूर्ण लेख

*रोहिंग्या-बांग्लादेशी डेमोग्राफी रोकेंगी भाजपा की रफ्तार*

राष्ट्र-चिंतन आचार्य श्रीहरि झारखंड विधान सभा चुनाव में सिर्फ एक मुद्दा उफान पर है, शेष मुद्दे गौण हो गये हैं, निपेथ्य में चले गये हैं। यह मुद्दा आखिर है क्या और इस मुद्दे को लेकर इतनी राजनीति गर्म क्यों हैं, शह-मात का खेल इस मुद्दे पर क्यों खेला जा रहा है? वास्तव में यह मुद्दा […]

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आज का चिंतन

ध्यान का प्रपंच और भोली -भाली जनता* *भाग-3*

विशेष : ये लेख माला 7 भागों में है ,जो वैदिक विद्वानों के लेख और विचारों पर आधारित है। जनहित में आपके सम्मुख प्रस्तुत करना मेरा उद्देश्य है , कृपया ज्ञानप्रसारण के लिए शेयर करें और अपने विचार बताए। डॉ डी के गर्ग योग का तीसरा अंग;आसन अष्टांग योग के पहले दो अंग यम और […]

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मुद्दा

बुनियादी सुविधाओं से जोड़ना होगा स्लम बस्तियों को

सीताराम गुर्जर जयपुर, राजस्थान अपनी ऐतिहासिक इमारतों, विविध संस्कृति और पर्यटक आकर्षणों के लिए राजस्थान की राजधानी जयपुर दुनिया भर में मशहूर है. लेकिन इसका एक और पक्ष भी है जिसे काफी हद तक नजरअंदाज कर दिया जाता है. यह पहलू है शहर की स्लम बस्तियां, जहां हजारों लोग जीवन की बुनियादी सुविधाओं के बिना […]

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आज का चिंतन

• “ईश्वर सर्वशक्तिमान् है” का वास्तविक तात्पर्य • •

गुण – ऊहापोह (सिद्धांत रक्षा – वाद-विवाद) • • ऊहा द्वारा सिद्धान्त को समझाने और उसकी रक्षा करने का चमत्कार ! • पंडित सत्यानन्द वेदवागीश घटना भारत के स्वतन्त्र होने से पूर्व की है। पेशावर-आर्यसमाज का वार्षिकोत्सव था। एक दिन रात्रि के अधिवेशन में पं० बुद्धदेव जी विद्यालंकार का ‘ईश्वर’ विषय पर व्याख्यान था। उस […]

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कहानी

*बुद्धिमान् राजा*

🕉️ रात्रि कहानी 🕉️ किसी के पास धन बहुत है तो यह कोई विशेष भगवत्कृपा की बात नहीं है। ये धन आदि वस्तुएँ तो पापी को भी मिल जाती हैं—‘सुत दारा अरु लक्ष्मी पापी के भी होय।’ इनके मिलने में कोई विलक्षण बात नहीं है। एक राजा थे। उस राजा की साधु-वेशमें बड़ी निष्ठा थी। […]

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शिक्षा/रोजगार

गुरुकुल शिक्षा पद्धति की ओर लौटने की पुकार: हमारी जड़ों की ओर एक पुनर्निवेश*

(✍️बृजेश सिंह तोमर) 👉भारत की महान सभ्यता, जिसकी नींव गुरुकुल शिक्षा पद्धति पर टिकी थी, आज पश्चिमी शिक्षा प्रणाली के दबाव में अपनी पहचान खोती जा रही है। एक समय था जब गुरु शिष्य को न केवल शिक्षा देते थे, बल्कि उसे जीवन जीने की कला, संस्कृति, और संस्कारों से भी अवगत कराते थे। लेकिन […]

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धर्म-अध्यात्म

ध्यान का प्रपंच और भोली -भाली जनता* भाग- 2

* विशेष : ये लेख माला ५ भागों में है वैदिक विद्वानों के लेख और विचारों पर आधारित है। जनहित में आपके सम्मुख प्रस्तुत करना मेरा उद्देश्य है , इसलिए कृपया शेयर करें। डॉ डी के गर्ग योग का दूसरा अंग–नियम यम की तरह ‘नियम’ भी दुखों को छुड़ाने वाला है। पहले यम व नियम […]

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भारतीय संस्कृति

वेदों के आविर्भाव विषयक महर्षि दयानन्द जी के मन्तव्य •

• [भूमिका : 1882 में उदयपुर में स्वामी दयानन्द जी का मौलवी अब्दुर्रहेमान से एक शास्त्रार्थ हुआ था। यह शास्त्रार्थ स्वामी जी के शास्त्रार्थ संग्रह में एवं जीवनचरित्र में उपलब्ध है। ईश्वर वेद के माध्यम से ज्ञान एवं भाषा दोनों का आविर्भाव करता है, यह बात स्वामी जी ने प्रतिपादित की है। इस शास्त्रार्थ के […]

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पुस्तक समीक्षा

महाभारत : विदेशों में प्रचार प्रसार ..

महाभारत- संस्कृत श्लोक व हिन्दी अनुवाद। महाभारत में से अनावश्यक, असम्भव, असभ्य और काल्पनिक मिलावट को हटा कर आदर्श स्वरूप में प्रकाशित किया है। लगभग 16000 श्लोकों में मूल कथा को संरक्षित रखा है। मूल्य ₹1300 (डाक खर्च सहित ) मंगवाने के लिए 7015591564 पर वट्सएप द्वारा सम्पर्क करें। महाभारत : विदेशों में प्रचार प्रसार […]

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इतिहास के पन्नों से

सूरजपुर मखैना की कोठी का प्रांगण, कभी था स्वाधीनता का समरांगण

भारत में सर्वत्र इतिहास बिखरा पड़ा है। खोजी नजरें जब उस पर पड़ती हैं तो जैसे सोने की खान में मिट्टी के हर कण में से सोना तलाश लेने वाली नजरें सोना निकाल लेती हैं, वैसे ही अनुसंधान और तार्किक दृष्टिकोण वाले विद्वज्जन इतिहास को खोज लिया करते हैं। जलालपुर ग्राम पंचायत सूरजपुर मखैना की […]

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