लेखक: उगता भारत ब्यूरो
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अपने पद से त्यागपत्र देने के पश्चात उनके जीजा रॉबर्ट वाड्रा ने उनके इस कदम की प्रशंसा की है । वाड्रा ने लिखा है कि उन्हें श्री राहुल गांधी से बहुत कुछ सीखने को मिला है । रॉबर्ट वाड्रा ने अपने फेसबुक पेज पर यह भी लिखा है […]
आज हम विश्व जनसंख्या दिवस की औपचारिकताएं निभा रहे हैं। 1989 से हम इस दिन प्रत्येक वर्ष की 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाते हैं। 1989 तक संसार की जनसंख्या 5 अरब से नीचे थी। 11 जुलाई 1989 को जैसे ही विश्व जनसंख्या ने 5 अरब का आंकड़ा छुआ तो कुछ लोगों ने अपनी […]
गाजियाबाद । ( रविकांतसिंह ) जम्मू कश्मीर के मामले में यूएन की रिपोर्ट पर भारत ने कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुए इसे फर्जी और दुर्भावनापूर्ण बताया । भारत ने अपना स्टैंड स्पष्ट करते हुए कड़े और स्पष्ट शब्दों में यूएन को यह संदेश दे दिया है कि वह भारत के इस भूभाग के बारे में […]
” हम बढ़ें हमारे जीवन में , बरबस तूफान अधीर उठें , सदियों से सोते भारत के तरकस का तीखा तीर उठे । युग युग से परवशता पिंजरे का बंदी भारत कीर उठे ,है जंग लगा जिसमें पावन वह वीरों की शमशीर उठे । हम जलती आंहों से रिपु के प्राणों को जलता छोड़ चलें,’जय […]
कश्मीर क्यों बर्बाद हुआ ?
कश्मीर के भारत संघ के साथ विलीनीकरण की प्रक्रिया का काम देश के पहले उपप्रधानमंत्री और लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने संपन्न किया । उनके प्रयास से सारा देश एकीकरण की प्रक्रिया को अपनाकर एकता के सूत्र में आबद्ध हो गया , परंतु नेहरू जी ने प्रधानमंत्री के रूप में यह स्पष्ट कर […]
नई दिल्ली । ( ब्यूरो ) भाजपा के एक विधायक ने जिस प्रकार सारी नैतिकताओं को खूंटी पर टांगकर असभ्यता , बर्बरता , क्रूरता, निर्दयता और पाशविकता का नंगा खेल खेला है , उसके विरुद्ध प्रधानमंत्री के तेवर कड़े हो गए हैं । बिना किसी राजनीतिक पूर्वाग्रह के यदि उस पर चिंतन किया जाए तो […]
आज 28 जून है आज के दिन एक विशेष घटना 1975 में घटी थी तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने प्रेस पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था । श्रीमती गांधी ने आज के दिन 327 पत्रकारों को मीसा में बंद कर जेलों में डाल दिया था । जबकि 290 अखबारों के विज्ञापन बंद करने के […]
प्रो. डी.सी. सारण भारतीय समाज की ये विसंगतियां और खुली धांधली किसान के शिक्षित, जागृत और संगठित होने के साथ ही समाप्त होने वाली है। गांव और किसान के शोषण की व्यथा-कथाओं से इतिहस भरा पड़ा है। किसान शक्ति का योजनाबद्ध विभाजन और उसके आर्थिक स्रोतों को चूसने का सिलसिला अंग्रेजों ने शुरू किया था। […]
भावशून्य हो रही है नई पीढ़ी
शिक्षा व्यवस्था में हैं खामियां जो माता पिता अपने बच्चों पर ध्यान नहीं देते वे बच्चे घर पर टीवी, वीडियो आदि के रोग ग्रस्त हो जाते हैं। जो नहीं देखा सुना जाना चाहिए वह सब उसके माध्यम से अबोध बालक जानने लगता है। जिससे पढ़ाई में विशेष ध्यान नहीं दे पाते और उसी में सुख […]