लेखक: रमेश तिवारी राजा भोज ने लिखा है कि क्षत्रिय वर्ण की लकडी़ के बने जहाज -“क्षत्रियकाष्ठैर्घटिता भोजमते सुख संपदम नौका,”सुख संपदा देने वाले होते हैं”-विकट राजमार्गों पर काम दे सकते हैं। “अन्य लघुभिः सुद्दढैर्विदधति जलदुष्पदे नौकाम “। दूसरे प्रकार की लकड़ियों से जो नौकायें( जहाज )बनाई जाती हैं ,उनके गुण अच्छे नहीं होते। […]
लेखक: उगता भारत ब्यूरो
व्यापार तथा वाणिज्य भारत के आर्थिक जीवन का प्रमुख तत्व रहा है । वस्तुतः यह यहाँ के निवासियों की समृद्धि का प्रधान कारण था । अत्यन्त प्राचीन काल से ही यहाँ के निवासियों ने व्यापार-वाणिज्य के क्षेत्र में गहरी दिलचस्पी दिखाई । राज्य की ओर से भी व्यापारियों को पर्याप्त प्रोत्साहन एवं संरक्षण प्रदान किया […]
नई दिल्ली। सरकार ने बृहस्पतिवार को प्रवासी मजदूरों को मुफ्त अनाज, किसानों को सस्ता कर्ज और रेहड़ी पटरी वालों को कार्यशील पूंजी कर्ज उपलब्ध कराने के लिये 3.16 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की। कोरोना वायरस ‘लॉकडाउन’ के प्रभाव से अर्थव्यवस्था को उबारने और उसे पटरी पर लाने के लिये घोषित 20 […]
प्रो. संजय द्विवेदी (लेखक माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल में प्रोफेसर और कुलसचिव हैं) कभी भी नायक उम्मीदों का दामन नहीं छोड़ते। देश की विशाल आबादी जो अपने संकटों के कारण अब महानगरों से पलायन कर रही है। उसकी उम्मीदें टूट रही हैं और वह किसी भी हाल में अपने गांव या […]
डॉ. सत्यवान सौरभ रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस, दिल्ली यूनिवर्सिटी, (कवि, स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार) एक स्थापित विस्तृत वैश्विक नेटवर्क कंपनी के लगभग 90 प्रतिशत टीके निम्न-मध्यम-आय वाले देशों में बेचे जाते हैं। भारत 160 वैश्विक पेटेंट का मालिक है और 65 से अधिक देशों में उत्पाद बेचता है। भारत को कोरोना के टीके के […]
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुश्किल वक्त में सकारात्मक सोच के साथ प्रयास करने की जरूरत पर जोर देते हुए बृहस्पतिवार को महिला स्वयं सहायता समूह को वर्तमान समय में स्वरोजगार के सुझाव दिए। मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार को यहां अपने सरकारी आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक में लॉकडाउन व्यवस्था की समीक्षा […]
अजय कुमार हिन्दुस्तान में श्रमिकों के हितों की बात और सियासत तो खूब की जाती है, लेकिन आजादी के बाद से आज तक केन्द्र या राज्यों की तमाम सरकारें श्रमिक हितों का ढिंढोरा पीट कर पूंजीपतियों, औद्योगिक घरानों, उद्योगपतियों को ही पालती-पोसती रही हैं। उस श्रम कानून के बदलने पर किसी को भी हो-हल्ला […]
लेखक अशोक चौधरी मेरठ। सन् 1857 के स्वतंत्रता-संग्राम का प्रारंभ मेरठ से हुआ।इस स्वतंत्रता-संग्राम में मेरठ के किला-परिक्षत गढ़ कस्बे के निकटवर्ती गांव पूठी के निवासी राव कदम सिंह ने विदेशी अत्याचारी ब्रिटिश सत्ता से भारतीय क्रांतिकारियों के साथ मिलकर जो संघर्ष किया,वह भुलाने योग्य नहीं है। आखिर राव कदम सिंह किस पृष्ठभूमि से थे,वो […]
शिव त्रिपाठी सर्वाधिक दुर्दशा देश के असंगठित क्षेत्र के उन करोड़ों मजदूरों को झेलनी पड़ी है व पड़ रही है जो खासकर दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, केरल, पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक आदि राज्यों में वर्षों से रोजी रोटी कमाकर अपने व अपने परिवारजनों का पेट पाल रहे थे। कोरोना महामारी के चलते सर्वाधिक दुगर्ति देश के असंगठित […]
शुभम यादव भारत सरकार सुदृढ़ नीति से कोरोना कि शुरुआत तो खराब करने में सफल रहे। लेकिन हालात पिछले कुछ दिनों से बेकाबू होते जा रहे हैं। तीनों चरणों के दौरान कोरोना के मामलों में कितना अंतर रहा, किस दर से मामलों में स्थिरता आई अथवा बढ़ोतरी हुई उसे इन आंकड़ों के जरिए समझा जा […]