किसी भी समाज में किसी भी स्त्री का बलात्कार होना केवल उस स्त्री के साथ अन्याय नहीं वरन उस समाज के सभ्य होने पर भी सवालिया निशान खड़ा करता है । हाल में हुई दिल्ली में एक लड़की का अमानवीय बलात्कार और फिर उसकी मौत देश में स्त्रियों की हालत बयाँ करते हैं , ऐसा […]
Author: उगता भारत ब्यूरो
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-स्व० चौधरी चरण सिंह (भू० पूर्व प्रधानमन्त्री, भारत सरकार) मैं जहां राजनीतिक क्षेत्र में महात्मा गांधी को अपना गुरु या प्रेरक मानता हूं, वहां धार्मिक व सामाजिक क्षेत्र में मुझे सबसे अधिक प्रेरणा महर्षि दयानन्द सरस्वती ने दी। इन दोनों विभूतियों से प्रेरणा प्राप्त कर मैंने धार्मिक व राजनीतिक क्षेत्र में पदार्पण किया था। एक […]
आर्य द्रविड़ विवाद के जन्मदाता कौन ?
✍🏻 लेखक – स्वामी समर्पणानन्द सरस्वती प्रस्तुति – 🌺 ‘अवत्सार’ भारत में फूट के लिए सबसे अधिक उत्तरदाता विदेशी शासन था, यद्यपि यह भी एक गोरखधन्धा है कि एकता के लिए भी सबसे अधिक उत्तरदाता विदेशी शासन था। हमारी फूट के कारण विदेशी शासन हम पर आ धमका। देश के जागरूक नेताओं की बुद्धिमत्ता से […]
संजय सक्सेना उत्तर प्रदेश में दलित वोटर हमेशा से निर्णायक भूमिका में रहे हैं। दलितों के सहारे कांगे्रस ने दशकों तक यूपी पर राज किया। कांगे्रस से मुंह मोड़ने के बाद दलित वोटरों ने थोड़े समय के लिए भाजपा का तो उसके बाद बसपा का दामन थाम लिया। आज भी दलित बसपा के कोर […]
इमरान खान का बेतुका वक्तव्य
डॉ. वेदप्रताप वैदिक डॉ. वेदप्रताप वैदिक एक तरफ दिल्ली की जामा मस्जिद के इमाम ने कुछ दिनों के लिए मस्जिद बंद कर दी, इसके बावजूद कि सरकार ने सारे पूजा-स्थल खोल दिए हैं और दूसरी तरफ हमारे पड़ौसी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने भारत को सुझाव दिया है कि वह कोरोना से कैसे लड़े। […]
खेलों में छिपा युद्ध का ज्ञान
सन 1850 के दौर में जब अंग्रेजों को भयानक भारतीय प्रतिरोध का सामना करना पड़ा तो धीरे से उन्होंने एक आर्म्स एक्ट लागु कर दिया। इसका उन्हें फायदा ये हुआ कि भारतीय हथियार रखेंगे नहीं तो यहाँ कि शास्त्रों की परंपरा जाती रहेगी। फिर एक प्रशिक्षित सिपाही भी बिना प्रशिक्षण वाली सौ-दो सौ की […]
ब्रिटिश ने कैसे चुराया प्लास्टिक सर्जरी का ज्ञान ? अंग्रेजों को प्लास्टिक सर्जरी की जानकारी मिलने का इतिहास बड़ा रोचक हैं. सन 1769 से 1799 तक, तीस वर्षों में, हैदर अली – टीपू सुलतान इन बाप-बेटे और अंग्रेजों में 4 बड़े युद्ध हुए. इन मे से एक युद्ध में अंग्रेजों की ओर से लड़ने वाला […]
डॉ0 विजय कुमार स्वतंत्रता का सीधा सा अर्थ दासता – से मुक्ति है, किन्तु गहराई से विचार करने पर इसके कई गूढार्थ हैं, जो विविध आयामी और लोकोपकारी हैं। बिहार में स्वतंत्रता संघर्ष का लम्बा इतिहास है, जो वीर कुंवर सिंह से लेकर चम्पारण सत्याग्रह व सन् 1942 के करो या मरो तक चला। […]
लेखक डॉ. त्रिभुवन सिंह 400 वर्ष पूर्व जब ईस्ट इंडिया कंपनी के तथाकथित व्यापारी भारत आये तो वे भारत से सूती वस्त्र, छींटज़ के कपड़े, सिल्क के कपड़े आयातित करके ब्रिटेन के रईसों और आम नागरिकों को बेंचकर भारी मुनाफा कमाना शुरू किया। ये वस्त्र इस कदर लोकप्रिय हुवे कि 1680 आते आते ब्रिटेन […]
लद्दाख से निकलता गांधीगिरी का संवाद
श्याम सुंदर भाटिया श्याम सुंदर भाटिया तोप, गोला और बारूद की जंग का जवाब जंग ही नहीं हो सकता। हम गाँधी के देश के हैं। हम भगवान महावीर की धरती से हैं। हमारा अहिंसा में अटूट विश्वास है। बापू ने तो अहिंसा की पगडंडी पर चल कर देश को गौरों के चंगुल के बचाने […]