ब्रिटिश ने कैसे चुराया प्लास्टिक सर्जरी का ज्ञान ? अंग्रेजों को प्लास्टिक सर्जरी की जानकारी मिलने का इतिहास बड़ा रोचक हैं. सन 1769 से 1799 तक, तीस वर्षों में, हैदर अली – टीपू सुलतान इन बाप-बेटे और अंग्रेजों में 4 बड़े युद्ध हुए. इन मे से एक युद्ध में अंग्रेजों की ओर से लड़ने वाला […]
लेखक: उगता भारत ब्यूरो
डॉ0 विजय कुमार स्वतंत्रता का सीधा सा अर्थ दासता – से मुक्ति है, किन्तु गहराई से विचार करने पर इसके कई गूढार्थ हैं, जो विविध आयामी और लोकोपकारी हैं। बिहार में स्वतंत्रता संघर्ष का लम्बा इतिहास है, जो वीर कुंवर सिंह से लेकर चम्पारण सत्याग्रह व सन् 1942 के करो या मरो तक चला। […]
लेखक डॉ. त्रिभुवन सिंह 400 वर्ष पूर्व जब ईस्ट इंडिया कंपनी के तथाकथित व्यापारी भारत आये तो वे भारत से सूती वस्त्र, छींटज़ के कपड़े, सिल्क के कपड़े आयातित करके ब्रिटेन के रईसों और आम नागरिकों को बेंचकर भारी मुनाफा कमाना शुरू किया। ये वस्त्र इस कदर लोकप्रिय हुवे कि 1680 आते आते ब्रिटेन […]
श्याम सुंदर भाटिया श्याम सुंदर भाटिया तोप, गोला और बारूद की जंग का जवाब जंग ही नहीं हो सकता। हम गाँधी के देश के हैं। हम भगवान महावीर की धरती से हैं। हमारा अहिंसा में अटूट विश्वास है। बापू ने तो अहिंसा की पगडंडी पर चल कर देश को गौरों के चंगुल के बचाने […]
-स्वराज्य की कलम से अभिनेत्री कंगना रनौत ने एक वीडियो संदेश में बॉलीवुड हस्तियों की चयनात्मक धर्मनिरपेक्षता और एजेंडे की आलोचना की। साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर के सरपंच अजय पंडिता की हत्या की भी निंदा की। कंगना रनौत ने कहा, “कई बॉलीवुड हस्तियों और स्वघोषित बुद्धजीवियों को राष्ट्रीयता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न […]
देश के नाम पर नई बहस: सांस्कृतिक बोध और मूल्य की दृष्टि से प्रो. निरंजन कुमार बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट में इस पर सुनवाई हुई कि देश का नाम इंडिया के बजाय केवल भारत किया जाना चाहिए। अदालत ने इस पर कोई फैसला तो नहीं सुनाया, लेकिन याचिकाकर्ता से कहा कि वह इस मामले में […]
*कोरोना को जाने* अनिल वैद्य विश्वविद्यालय से जनहित में सभी सम्मानित अधिवक्ताओं हेतु जारी *प्रश्न (1) :- क्या कोरोना वायरस को ख़त्म किया जा सकता है* *उत्तर:-* नहीं! कोरोना वायरस एक निर्जीव कण है जिस पर *चर्बी की सुरक्षा-परत* चढ़ी हुई होती है। *यह कोई ज़िन्दा चीज़ नहीं है, इसलिये इसे मारा नहीं जा सकता* […]
मनोज कुमार मिश्र भारतीय समाचार पत्र चीन के सीमा पर अतिक्रमण को लेकर संवादों से भरे पड़े हैं। ये अतिक्रमण का क्षेत्र लद्दाख और सिक्किम मे बताया जा रहा है। भारत के जनमानस मे कई तरह की शंकाओं के बीज बोने का प्रयास हो रहा है। ऐसे वक्त में जब भारतीय मीडिया को सरकार […]
डाॅ. कृष्णगोपाल मिश्र हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था के संघीय ढांचे की एक बड़ी कमी तब उभरकर सामने आयी है, जब दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली के अस्पतालों में केवल दिल्लीवासियों को ही उपचार उपलब्ध कराने का शासनादेश निर्गत कर वहाँ के समस्त प्रवासियों को महामारी के इस विकट संकटकाल में चिकित्सा […]
संतोष पाठक अरविंद केजरीवाल को दिल्ली का पहला अनिवासी मुख्यमंत्री भी कहा जाता है। 2013 के विधानसभा चुनाव में शीला दीक्षित को हरा कर वो दिल्ली के विधायक और मुख्यमंत्री तो बने लेकिन उस समय तक वो दिल्ली में निवास नहीं करते थे। दिल्ली में विधानसभा के पुनर्गठन के बाद 1993 में हुए विधानसभा चुनाव […]