ऐतिहासिक और प्रमाणिक सत्य है कि पांचवी सदी में बने टिम्बकटू शहर से 15वीं-16वी सदी तक ऊँटों के काफिले सहारा रेगिस्तान हो कर सोना ढोया करते थे। आजतक के मानव इतिहास में सन 1280 से 1337 ई तक टिम्बकटू के राजा रहे #मनसा_मूसाकेता यानि सुल्तान मूसा केता को टाईम और फोर्ब्स मैगजीन्स ने अब तक […]
लेखक: उगता भारत ब्यूरो
अंकित सिंह लोकसभा चुनाव के बाद, एक के बाद एक विधानसभा चुनाव में मिली हार से भाजपा में निराशा के भाव बढ़ती जा रही थी। भाजपा दिल्ली को लेकर अति उत्साहित थी। दिल्ली में इस साल फरवरी में चुनाव हुए। भाजपा ने पूरा दमखम लगाया परंतु कामयाबी नहीं मिल पाई। साल 2019 में दोबारा सत्ता […]
सज्जाद हैदर यह सत्य है कि जिस भी क्षेत्र में यदि कोई भी विश्वासी व्यक्ति जुड़ जाता है तो दोगुना ताकत बढ़ जाती है। यह अडिग सत्य है। फिर चाहे वह व्यवसाय हो अथवा प्रशासनिक सेवा या फिर राजनीति किसी भी क्षेत्र में भरोसे का साथी होना अत्यंत आवश्यक है जोकि आपका पूर्ण रूप से […]
वराहमिहिर का जन्म पाँचवीं शताब्दी के अन्त में लगभग 556 विक्रमी संवत् में तदनुसार 499 ई. सन् में हुआ था। इनका स्थान उज्जैन (मध्य प्रदेश) से 20 किलोमीटर दूर कायथा (कायित्थका) नामक स्थान पर हुआ था। इनके पिता का नाम आदित्य दास और माता का नाम सत्यवती था। इनके माता-पिता सूर्योपासक थे। वराहमिहिर ने […]
लगभग 1000 वर्ष पूर्व और 1000 वर्ष बाद कौन सी तारीख को , कितने बज कर कितने बजे तक ( घड़ी , पल , विपल ) कैसा सूर्यग्रहण या चन्द्र ग्रहण लगेगा या होगा , यह हमारा ज्योतिष विज्ञान बिना किसी अरबों खरबों का संयत्र उपयोग में लाये हुए बता देता है ! क्या कभी […]
डॉ नरोत्तम मिश्रा देश को सँवारने और सशक्त बनाने की प्रधानमंत्री मोदी की धुन ऐसी की वे हर दिवाली अपने सैनिकों के बीच सरहद पर होते है। दुश्मनों से लगती हुई सीमाओं पर जाकर अपने सैनिकों का साहस बढ़ाने और सबसे बड़े त्योहार की खुशियाँ मनाने का ऐसा जज्बा दुनिया के शायद ही किसी राष्ट्राध्यक्ष […]
श्री कृष्ण जुगनू कीमियागरी यानी कौतुकी विद्या। इसी तरह से भारतीय मनीषियों की जो मौलिक देन है, वह रसायन विद्या रही है। हम आज केमेस्ट्री पढ़कर सूत्रों को ही याद करके द्रव्यादि बनाने के विषय को रसायन कहते हैं मगर भारतीयों ने इसका पूरा शास्त्र विकसित किया था। यह आदमी का कायाकल्प करने के काम […]
पटल पर चर्चा! (मधुकथा ) यदि हम किसी सामाजिक या राजनैतिक दर्शन में विश्वास करते हैं तो उसके ऊपर स्वयं गवेषणा कर सकते हैं या कोई पुस्तक लिख सकते हैं या फिर अपना अलग मंच या राजनैतिक दल बना कर वहाँ उसके ऊपर बहस या प्रचार प्रसार कर सकते हैं। जो करना है उसे अपने […]
लेखक:- ओम प्रभात अग्रवाल सेवानिवृत्त अध्यक्ष, रसायन शास्त्र विभाग, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक (हरियाणा) भारत में रसायन शास्त्र की अति प्राचीन परंपरा रही है। पुरातन ग्रंथों में धातुओं, अयस्कों, उनकी खदानों, यौगिकों तथा मिश्र धातुओं की अद्भुत जानकारी उपलब्ध है। इन्हीं में रासायनिक क्रियाओं में प्रयुक्त होने वाले सैकड़ों उपकरणों के भी विवरण मिलते हैं। […]
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोरोना संक्रमण से लड़ने की जगह उसे सामान्य मान लेने की अपील राज्य की जनता से की। उन्होंने कोरोना के बढ़ते मामलों पर खुद को लाचार बताया। साथ ही ये भी कहा कि अब वो कुछ नहीं कर सकतीं। द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने राज्य में कोरोना […]