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आओ कुछ जाने

खेलों में छिपा युद्ध का ज्ञान

  सन 1850 के दौर में जब अंग्रेजों को भयानक भारतीय प्रतिरोध का सामना करना पड़ा तो धीरे से उन्होंने एक आर्म्स एक्ट लागु कर दिया। इसका उन्हें फायदा ये हुआ कि भारतीय हथियार रखेंगे नहीं तो यहाँ कि शास्त्रों की परंपरा जाती रहेगी। फिर एक प्रशिक्षित सिपाही भी बिना प्रशिक्षण वाली सौ-दो सौ की […]

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आओ कुछ जाने

आइए जानें ! अंग्रेजों ने कैसे चुराया प्लास्टिक सर्जरी का ज्ञान ?

ब्रिटिश ने कैसे चुराया प्लास्टिक सर्जरी का ज्ञान ? अंग्रेजों को प्लास्टिक सर्जरी की जानकारी मिलने का इतिहास बड़ा रोचक हैं. सन 1769 से 1799 तक, तीस वर्षों में, हैदर अली – टीपू सुलतान इन बाप-बेटे और अंग्रेजों में 4 बड़े युद्ध हुए. इन मे से एक युद्ध में अंग्रेजों की ओर से लड़ने वाला […]

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इतिहास के पन्नों से

स्वतंत्रता आंदोलन में रहा है बिहार का अविस्मरणीय योगदान

  डॉ0 विजय कुमार स्वतंत्रता का सीधा सा अर्थ दासता – से मुक्ति है, किन्तु गहराई से विचार करने पर इसके कई गूढार्थ हैं, जो विविध आयामी और लोकोपकारी हैं। बिहार में स्वतंत्रता संघर्ष का लम्बा इतिहास है, जो वीर कुंवर सिंह से लेकर चम्पारण सत्याग्रह व सन् 1942 के करो या मरो तक चला। […]

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इतिहास के पन्नों से

भारत में आरक्षण ब्रिटिश राज की दस्यु नीति का परिणाम

  लेखक डॉ. त्रिभुवन सिंह 400 वर्ष पूर्व जब ईस्ट इंडिया कंपनी के तथाकथित व्यापारी भारत आये तो वे भारत से सूती वस्त्र, छींटज़ के कपड़े, सिल्क के कपड़े आयातित करके ब्रिटेन के रईसों और आम नागरिकों को बेंचकर भारी मुनाफा कमाना शुरू किया। ये वस्त्र इस कदर लोकप्रिय हुवे कि 1680 आते आते ब्रिटेन […]

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राजनीति

लद्दाख से निकलता गांधीगिरी का संवाद

 श्याम सुंदर भाटिया   श्याम सुंदर भाटिया तोप, गोला और बारूद की जंग का जवाब जंग ही नहीं हो सकता। हम गाँधी के देश के हैं। हम भगवान महावीर की धरती से हैं। हमारा अहिंसा में अटूट विश्वास है। बापू ने तो अहिंसा की पगडंडी पर चल कर देश को गौरों के चंगुल के बचाने […]

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आतंकवाद

कंगना रनौत ने कश्मीरी पंडितों पर चुप्पी को जिहादी एजेंडे से जुड़ी मानवता बताया

  -स्वराज्य की कलम से अभिनेत्री कंगना रनौत ने एक वीडियो संदेश में बॉलीवुड हस्तियों की चयनात्मक धर्मनिरपेक्षता और एजेंडे की आलोचना की। साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर के सरपंच अजय पंडिता की हत्या की भी निंदा की। कंगना रनौत ने कहा, “कई बॉलीवुड हस्तियों और स्वघोषित बुद्धजीवियों को राष्ट्रीयता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न […]

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मुद्दा

हमारे लिए ‘भारत’ नाम की सार्थकता

  देश के नाम पर नई बहस: सांस्कृतिक बोध और मूल्य की दृष्टि से  प्रो. निरंजन कुमार  बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट में इस पर सुनवाई हुई कि देश का नाम इंडिया के बजाय केवल भारत किया जाना चाहिए। अदालत ने इस पर कोई फैसला तो नहीं सुनाया, लेकिन याचिकाकर्ता से कहा कि वह इस मामले में […]

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स्वास्थ्य

ऐसे लड़ी जा सकती है कोरोना के खिलाफ कामयाब जंग

*कोरोना को जाने* अनिल वैद्य विश्वविद्यालय से जनहित में सभी सम्मानित अधिवक्ताओं हेतु जारी *प्रश्न (1) :- क्या कोरोना वायरस को ख़त्म किया जा सकता है* *उत्तर:-* नहीं! कोरोना वायरस एक निर्जीव कण है जिस पर *चर्बी की सुरक्षा-परत* चढ़ी हुई होती है। *यह कोई ज़िन्दा चीज़ नहीं है, इसलिये इसे मारा नहीं जा सकता* […]

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देश विदेश

चीन का अतिक्रमण और ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

  मनोज कुमार मिश्र भारतीय समाचार पत्र चीन के सीमा पर अतिक्रमण को लेकर संवादों से भरे पड़े हैं। ये अतिक्रमण का क्षेत्र लद्दाख और सिक्किम मे बताया जा रहा है। भारत के जनमानस मे कई तरह की शंकाओं के बीज बोने का प्रयास हो रहा है। ऐसे वक्त में जब भारतीय मीडिया को सरकार […]

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राजनीति

आखिर क्या मिला केजरीवाल को ऐसी भेदभाव की राजनीति करने से ?

  डाॅ. कृष्णगोपाल मिश्र   हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था के संघीय ढांचे की एक बड़ी कमी तब उभरकर सामने आयी है, जब दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली के अस्पतालों में केवल दिल्लीवासियों को ही उपचार उपलब्ध कराने का शासनादेश निर्गत कर वहाँ के समस्त प्रवासियों को महामारी के इस विकट संकटकाल में चिकित्सा […]

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