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विश्वगुरू के रूप में भारत

भारत के विज्ञान का लोहा संपूर्ण विश्व ने माना

प्रो. रामेश्वर मिश्र पंकज भारत पर अंग्रेजों की असली जीत 14 एवं 15 अगस्त 1947 ईस्वी को हुई, क्योंकि उस दिन पहली बार वे भारत में एक ऐसे उत्तराधिकारी समूह को अपनी सत्ता सौंप कर जाने में सफल हुये जो उनसे कई गुना बढ़कर अंग्रेजों का भक्त था और जो प्रत्येक भारतीय सत्य और तथ्य […]

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विविधा

भारतीय विज्ञान से ही है यूरोप के विज्ञान का अस्तित्व

आर० शंकर हमारे विद्यालयीन और महाविद्यालयीन पाठ्यक्रमों में यह स्पष्ट रूप से बताया जाता है कि भारत में विज्ञान की शिक्षा का सूत्रपात अंग्रेजों ने ही किया है। इसे काफी कृतज्ञतापूर्वक स्मरण किया जाता है कि यदि वे नहीं आते तो हम अभी भी बैलगाड़ी और घोड़ागाड़ी के युग में ही जी रहे होते, खेती […]

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आओ कुछ जाने

आइए जानें – भारतीय संस्कृति का चीन पर प्रभाव

रवि शंकर भारत और चीन दोनों पड़ोसी देश ही नहीं हैं, बल्कि दोनों में काफी कुछ साझा भी है। जब भी विश्व की प्राचीन सभ्यताओं की चर्चा होती है, भारत के साथ चीन का ही नाम लिया जाता है। आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टि से चीन भारत के सर्वाधिक नजदीक माना जाता है। विश्व को अधिकांश […]

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आओ कुछ जाने

आइए जाने ब्लैक होलके बारे में:- एक झटके में निकली आठ सूरजों की ऊर्जा

जोनाथन एमोस सोचिए कि अगर आठ सूर्य की ऊर्जा एकसाथ अचानक निकले तो क्या होगा? यह दो ब्लैक होल्स के बीच अब तक के देखे गए सबसे बड़े मर्जर से निकलने वाली यह गुरुत्वाकर्षण “शॉकवेव” है। पिछले साल मई में इस इवेंट के सिग्नल करीब सात अरब साल चलकर पृथ्वी तक पहुंचे और ये इतने […]

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इतिहास के पन्नों से

देशभक्ति और उदारता की प्रतिमूर्ति थे दादा भाई नौरोजी

4 सितम्बर/जन्म-दिवस दादा भाई नौरोजी का जन्म चार सितम्बर, 1825 को मुम्बई के एक पारसी परिवार में हुआ था। उनके पिता श्री नौरोजी पालनजी दोर्दी तथा माता श्रीमती मानिकबाई थीं। जब वे छोटे ही थे, तो उनके पिता का देहान्त हो गया; पर उनकी माता ने बड़े धैर्य से उनकी देखभाल की। यद्यपि वे शिक्षित […]

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स्वास्थ्य

कोरोना काल – चिकित्सालयों में सिजेरियन डिलीवरी के तेजी से घटते आंकडे

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा जहां तक डिलीवरी का प्रश्न है विशेषज्ञों का मानना है कि सिजेरियन डिलीवरी अंतिम विकल्प के रूप में या अति जटिलता की स्थिति में ही होनी चाहिए पर पिछले कुछ सालों में सिजेरियन डिलीवरी का चलन-सा देखने को मिला है। परिस्थितियां कैसे बदलती हैं इसका जीता-जागता उदाहरण चिकित्सालयों में सिजेरियन डिलीवरी […]

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विविधा

जैसे-जैसे वैक्सीन बाजार में आने का समय पास आता जा रहा तो कुछ संगठनों द्वारा इसका का विरोध  भी रफ्तार पकड़ रहा है

हरजिंदर विशेषज्ञों की धारणा है कि इस तरह के विरोध का बहुत ज्यादा असर नहीं होता, क्योंकि ऐसे लोग बहुत छोटी संख्या में होते हैं। भले ही ये लोग वैक्सीन को लेकर भय पैदा कर रहे होते हैं लेकिन बाकी समाज वैक्सीन में ही अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा खोजता है। एक साल पहले जब कोविड-19 […]

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आतंकवाद

साधुओं के धर्मनिरपेक्ष नरसंहार का नग्न नृत्य ,और कितने लक्ष्मणानंद सरस्वती के बलिदान विस्मृत किए जाएंगे ?

पालघर में माओवादी आतंकियों के समर्थन से भीड़ द्वारा की गयी साधुओं की ताजा निर्मम हत्या पर एक विवेचन भूमिका मैं अपने से ही शुरू करता हूं। भीड़ द्वारा २ साधुओं की क्रूरतम हत्या और एक 70 वर्षीय असहाय साधु के भयानक और पीड़ादायी करुण अंत का दृश्य भी कल भुला दिया जाएगा। भले ही […]

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देश विदेश

नेपाल को चीन से मित्रता निभाने से पहले तिब्बत की कहानी याद रखनी होगी

विमलेश बंसल ‘आर्या’ चीन ने तिब्बत को अपने आप नहीं हड़पा था बल्कि तिब्बत ने ही चीन को अपनी मदद के लिए बुलाया था । बाद में उसके लिए चीन का अपनी सरजमीं पर आना महंगा पड़ा । यही बात आज नेपाल को भी समझ लेनी चाहिए । वह भी भारत के तथाकथित भय के […]

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आओ कुछ जाने

आइए जानें – FSSAI के बारे में, केसे मिलता है इसका लाइसेंस

मिथिलेश कुमार सिंह एफएसएसएआई यानी, फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया, भारत सरकार की इस एजेंसी द्वारा खाने-पीने के सामानों का डिस्ट्रीब्यूशन और उससे पहले उसका प्रोडक्शन, स्टोरेज और सेल्स मार्केटिंग इत्यादि कार्यों की निगरानी किया जाता है। खाने की चीजों के पैकेट्स के पीछे आपने अगर ध्यान दिया हो, तो वहां आपको एफएसएसएआई […]

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