Categories
विश्वगुरू के रूप में भारत

आधुनिक चिकित्सा विज्ञान का जनक है ‘आयुर्वेद’

प्रो. राकेश उपाध्याय ईसा पूर्व 800-900 साल पहले की बात है। यानी आज से करीब 2900 साल पहले की यह प्रमाणिक गाथा है। आज का चिकित्सा विज्ञान तब यूरोप और संसार के अन्य हिस्सों में किस रूप में थी, यह शोध का विषय है, किन्तु भारत में आयुर्वेद की चिकित्सा प्रणाली किस रूप में मौजूद […]

Categories
शिक्षा/रोजगार

भारतवर्ष की सनातन सांस्कृतिक परंपरा में ‘शिक्षा’ स्वयं में बहुअर्थगर्भित शब्द है

डॉ. कृष्णगोपाल मिश्रा हमें समझना होगा कि साक्षरता एवं पुस्तकीय ज्ञान शिक्षा का एक अंग भर हैं, शिक्षा का पूरा संसार नहीं। शिक्षा के इस अंग का उपयोग नैतिक एवं मानवीय मूल्यों के संरक्षण-संवर्धन के लिए किया जाना चाहिए। साक्षरता जनित पुस्तकीय ज्ञान विज्ञान की तरह ही दुधारी तलवार है। भारतवर्ष की सनातन सांस्कृतिक परंपरा […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

प्राचीन भारत में कैसी थी सैन्य परंपरा

लेखक – राजबहादुर शर्मा, लेखक से.नि. ब्रिगेडियर और रक्षा मामलों के विशेषज्ञ हैं। भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे पुरानी सामाजिक संस्कृति है। वायुपुराण में भरत की कहानी आती है जो कि आधुनिक इतिहासकारों की समझ से परे है। पिछले हजारों वर्षों में स्थानीय और विदेशियों द्वारा बड़ी संख्या में रचे गए साहित्य, पुरातात्विक प्रमाणों और […]

Categories
भारतीय संस्कृति

भारतीय मनीषियों का राजनीति पर चिंतन – परित्राणाय साधुनाम, विनाशाय च दुष्कृताम्

रवि शंकर राजनीति का सामान्य अर्थ है राज करने की नीति। राज करना यानी लोगों पर शासन करना नहीं होता। राज करने का अर्थ है लोगों को अभय यानी सुरक्षा प्रदान करना। प्रश्न उठता है कि किन लोगों को सुरक्षा प्रदान करना? एक प्रसिद्ध हिंदी फिल्म गब्बर इज बैक में प्रशासन भ्रष्टाचारी अधिकारियों को गब्बर […]

Categories
समाज

स्त्रियों के प्रति अपराध अगर कम करने हैं तो वैदिक शिक्षा अनिवार्य होनी चाहिए

विकास पराशर आधुनिकता और शहरीकरण के नाम पर समाज में एक सोची समझी नीति के तहत हिंदुओं में पूजनीय स्त्री के प्रति निकृष्ट नजरिया सिनेमा जगत व अन्य संचार माध्यमों के द्वारा पैदा कर दिया गया है। इस सामाजिक पतन में संस्काररहित अधूरी शिक्षा नीति का योगदान है। इस शिक्षा से लोगों में भोगवादी नजरिया […]

Categories
भारतीय संस्कृति

भारतीय संस्कृति से  ओतप्रोत परिवार, हमें त्याग सिखाता है

डॉ. कृष्णचंद्र पांडेय कहा जाता है कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। यूं तो सृष्टि के प्रत्येक प्राणी का अपना समाज होता है। परन्तु प्रत्येक प्राणी अपने सामाजिक धर्म के बन्धन से बंधा हो, यह आवश्यक नही है। परन्तु मनुष्य के साथ यह शर्त है कि वह धर्म से संचालित हो। आहार निद्रा भय मैथुन […]

Categories
विश्वगुरू के रूप में भारत

भारत में ज्योतिष के विद्वानों की लम्बी परम्परा में वराहमिहिर का स्थान आकाश में उदित होने वाले ज्योतिष्मान् नक्षत्र की भांति

सुद्युम्न आचार्य वराहमिहिर ने पृथ्वी सहित ग्रहों का सही परिभ्रमण काल की सटीक गणना प्रस्तुत की है। इस देश में प्राचीन काल से ज्योतिष के विद्वानों का अत्यधिक सम्मान रहा है। वेद की एक सूक्ति में कहा है- प्रज्ञानाय नक्षत्रदर्शम् (यजुर्वेद 30.10) अर्थात् सबसे बढिय़ा विज्ञान, सबसे अच्छी प्रतिभा प्राप्त करनी हो तो ‘नक्षत्रदर्श’ के […]

Categories
समाज

आपका स्वागत (नहीं) है

सामाजिक व्यवस्था पर एक करारा व्यंग *************** – _राजेश बैरागी-_ किसी भी कार्यालय का मुख्य प्रवेश द्वार स्वागत पटल से बाधित होता है। अच्छे खासे सूटेड-बूटेड आदमी से स्वागत पटल पर जैसी पूछताछ होती है वैसी शायद सीबीआई भी नहीं करती। स्वागत करने वाली बाला या बाल आपसे तनिक भी प्रभावित नहीं होते। उन्हें अंदर […]

Categories
हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

भीलों के देवता मामा बालेश्वर दयाल : जयंती के अवसर पर विशेष

5 सितम्बर/जन्म-दिवस भारत एक विशाल देश है। यहाँ सब ओर विविधता दिखाई देती है। शहर से लेकर गाँव, पर्वत, वन और गुफाओं तक में लोग निवास करते हैं। मध्य प्रदेश और गुजरात की सीमा पर बड़ी संख्या में भील जनजाति के लोग बसे हैं। श्री बालेश्वर दयाल (मामा) ने अपने सेवा एवं समर्पण से महाराणा […]

Categories
विविधा

अजमेर शरीफ चिश्ती दरगाह बलात्कार काण्ड…. देश का सबसे बड़ा बलात्कार कांड….लगभग 25 साल बाद आया फैसला

प्रस्तुति – नीरज कौशिक सन् 1992 लगभग 25 साल पहले सोफिया गर्ल्स स्कूल अजमेर की लगभग 250 से ज्यादा हिन्दू लडकियों का रेप जिन्हें लव जिहाद/प्रेमजाल में फंसा कर, न केवल सामूहिक बलात्कार किया* बल्कि एक लड़की का रेप कर उसकी फ्रेंड/भाभी/बहन आदि को लाने को कहा, एक पूरा रेप चेन सिस्टम बनाया, जिसमें पीड़ितों […]

Exit mobile version