कंचन सिंह कुछ लोगों को चाय/कॉफी की ऐसी लत होती है की रात को भोजन के बाद भी एक प्याली चाय पी लेते हैं, लेकिन उन्हें शायद यह पता नहीं होता कि चाय/कॉफी में मौजूद कैफीन लंबे समय तक दिमाग को एक्टिव रखता है जिससे आपको जल्दी नींद नहीं आती और आप देर रात तक […]
Author: उगता भारत ब्यूरो
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मिथिलेश कुमार सिंह एनडीपीएस एक्ट 1985 के तहत इसकी स्थापना हुई थी। जाहिर तौर पर किसी भी नशीले पदार्थ की रोकथाम के लिए ही इसे बनाया गया है। वह चाहे नशे का उत्पादन हो, उसका स्टोरेज हो, उसकी बिक्री हो या फिर नशीले पदार्थ का ट्रांसपोर्ट करना हो, यह एक्ट हर तरह के नशे से […]
हरजिंदर सितंबर स्पूतनिक वी की पिछले दिनों खासी आलोचना भी हुई थी। रूस ने इस वैक्सीन के तीसरे चरण का पूरा परीक्षण किए बिना ही उसका इस्तेमाल शुरू कर दिया। इतनी विवादास्पद वैक्सीन के क्लिनिकल परीक्षण की अनुमति देना हैरत में डालने वाली खबर है। इस सप्ताह की शुरूआत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन […]
लेखक :- डॉ. ओमप्रकाश पांडे (लेखक अंतरिक्ष विज्ञानी हैं) श्राद्ध कर्म श्रद्धा का विषय है। यह पितरों के प्रति हमारी श्रद्धा प्रकट करने का माध्यम है। श्राद्ध आत्मा के गमन जिसे संस्कृत में प्रैति कहते हैं, से जुड़ा हुआ है। प्रैति ही बाद में बोलचाल में प्रेत बन गया। यह कोई भूत-प्रेत वाली बात नहीं […]
आप कौवे को भी भारत पर (हिन्दुओं पर) हमलावरों के बुरे असर के उदाहरण की तरह देख सकते हैं। हिन्दुओं के लिए जो भी अच्छा होता है उसे हमलावर खराब घोषित करना जरूरी मानते हैं। हिन्दुओं की अच्छी चीज़ों का मजाक उड़ाया ही जाएगा। कागभुशुंडी जैसे हिन्दुओं में सम्मानित होते हैं, कौवे का बोलना अतिथियों […]
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने राजीव शर्मा नाम के स्वतंत्र पत्रकार को ‘ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट’ के तहत गिरफ्तार किया है। उसके पास से रक्षा सम्बन्धी गोपनीय दस्तावेज़ मिले थे। डिप्टी कमिश्नर ऑफ़ पुलिस (स्पेशल सेल) संजीव कुमार यादव ने इस कार्रवाई की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि राजीव शर्मा के से पास रक्षा […]
मुख्तार अब्बास नकवी देखा जाये तो एक तरफ कोरोना का कहर, दूसरी तरफ सीमाओं की सुरक्षा, तीसरी तरफ भूकंप-तूफान-बाढ़ जैसी प्राकृतिक चुनौती, इसी बीच टिड्डियों द्वारा फसलों की बर्बादी और “फ़िसड्डियों” की बकवास बहादुरी भी चलती रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता के गलियारे से “परिक्रमा संस्कृति” खत्म कर “परिश्रम और परिणाम” को प्रामाणिक बनाया। […]
प्रोफेसर विजय कुमार कौल (लेखक दिल्ली यूनिवर्सिटी में डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंस और बिजनेस इकोनॉमिक्स में प्रोफेसर है।) प्रकृति ने इस देश को प्रचूर, सभ्यता, वनस्पति, जीव जंतु, जल आदि प्रदान कर इसे पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाने में सहायता दी। हमारे मनीषियों तथा ऋषियों ने इसके आधार पर निश्चिंत होकर समाज का भौतिक तथा आध्यात्मिक […]
ज्ञानेंद्र बरतरिया (लेखक प्रसार भारती में सलाहकार हैं।) छत्रपति शिवाजी महाराज आज अपने वक्त से ज्यादा प्रासंगिक हैं। छत्रपति शिवाजी ने युद्ध, राजनीति-कूटनीति और सौहार्द की जो नीतियां गढ़ीं, जो परंपराएं स्थापित कीं- उन्हें सोलहवीं सत्रहवीं सदी के भारत में भले जितना समझा गया हो लेकिन उनके विचारों, नीतियों को बीसवीं-इक्कीसवीं सदी तक दुनिया में […]
डाँ. मनमोहन वैद्य भारत सरकार का अनुच्छेद 370 में संशोधन, 35 ए समाप्त करने और जम्मू-कश्मीर राज्य को सभी संवैधानिक प्रावधानों का लाभ देने का फैसला भारत के नागरिकों से किए वादे को पूरा करने की दिशा में उठाया गया कदम है अनुच्छेद 370 में संशोधन, 35ए को हटाने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित […]