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विश्वगुरू के रूप में भारत

प्राचीन काल में भारत के प्रशासनिक अधिकारी

प्रो लल्लन प्रसाद चन्द्रगुप्त मौर्य का शासन काल भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग माना जाता है। इसके विधाता निर्माता, सलाहकार सब कुछ आचार्य कौटिल्य थे। राज्य को उन्होंने एक सशक्त प्रशासनिक ढांचा दिया, विभागध्यक्षों में स्पष्ट कार्य विभाजन किया, उनकी कार्यशैली, आपसी सहयोग के नियम, उनके कामों के निरीक्षण की प्रणाली, उनको प्रोत्साहन तथा दण्ड […]

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इतिहास के पन्नों से

महाप्रतापी वीर योद्धा स्कन्दगुप्त

राकेश उपाध्याय (लेखक बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में व्याख्याता है।) वाराणसी से गोरखपुर जाइए तो सड़क के रास्ते या रेल के रास्ते वाराणसी से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित औडि़हार जंक्शन पर हर ट्रेन और बस ठहरती है। भारतीय इतिहास के वीर प्रवाह को समझने के लिए यह स्थान बेहद महत्वपूर्ण है। बिल्कुल गंगा के किनारे […]

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स्वास्थ्य

शत-प्रतिशत प्रभाव वाली वैक्सीन की बात सोचना ठीक नहीं – डॉ. भार्गव

हरजिंदर अगर हम वैक्सीन का पूरा इतिहास देखें तो शत-प्रतिशत प्रभाव वाली वैक्सीन बहुत कम ही हुई हैं। जिन वैक्सीन ने दुनिया को पिछली कई महामारियों से मुक्ति दिलवाई उनमें कोई भी शत-प्रतिशत प्रभाव वाली नहीं थी। इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के महानिदेशक बलराम भार्गव का यह बयान बहुत से लोगों को निराश कर […]

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राजनीति

कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में आधार मजबूत करने के लिए कफील खान का सहारा

संजय सक्सेना डॉ. कफील की पूरी कहानी में काफी टर्निंग प्वांइट हैं। उन्हें कोई नायक तो कोई खलनायक मानता है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद हाल ही में जेल से छूटे डॉक्टर कफील खान कितना सही हैं और कितना गलत, इस बात को लेकर लोग दो खेमों में बंटे हुए हैं। उत्तर प्रदेश में मुस्लिम […]

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स्वर्णिम इतिहास

कोलाचेल युद्ध में डचों को हराने वाले राजा मार्तंड वर्मा : इतिहास की पुस्तकों से गायब

डच वर्तमान नीदरलैंड (यूरोप) के निवासी हैं. भारत में व्यापार करने के उद्देश्य से इन लोगों ने 1605 में डच ईस्ट इंडिया कंपनी बनायीं और ये लोग केरल के मालाबार तट पर आ गए. ये लोग मसाले, काली मिर्च, शक्कर आदि का व्यापार करते थे. धीरे धीरे इन लोगों ने श्रीलंका, केरल, कोरमंडल, बंगाल, बर्मा […]

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विविधा

भारत में बहुसंख्यक हिंदू समाज की दिशा और दशा

रामेश्वर प्रसाद मिश्र (लेखक प्रसिद्ध विचारक हैं।) जब भी हम हिंदू समाज और उसकी दशा पर चर्चा करते हैं, तो हम इंग्लैंड में हिंदुओं की दशा, अमेरिका में हिंदुओं की दशा, मुस्लिम राज्य में हिंदुओं की दशा पर चर्चा नहीं कर सकते। ठीक इसी प्रकार 1947 के बाद भारत में जो हो रहा है, उसका […]

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व्यक्तित्व

साहित्य क्षेत्र का अवधी नक्षत्र अवधेश

“चीर करके बादलों के व्यूह को, भानु मुस्काता हुआ फिर आ रहा। हाथ में लेकर कलम – दावात को, अवध जग का दर्द निर्भय गा रहा।।” साहित्य के व्यापक सिंधु में भावनाओं के विशुद्ध गंगाजल से अंजलि भर-भर हमारे कुल का एक कलमकार लेखनी से आचमन कर रहा है। उसे विश्वास है कि इस बार […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

भारतीय संविधान में सेकुलर और समाजवाद शब्द जोड़ना था एक संविधान विरोधी संशोधन

यह सब इतिहास होते हुए भी तत्‍कालिन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सर्वोच्च न्‍यायालय के निर्णय के मात्र 3 वर्ष के उपरांत, 1975 मे भारतीय गणतंत्र के काले अध्‍याय के रूप मे आपात्‍काल घोषित कर विरोधी दलों के कार्यकता, नेता, जनप्रतिनिधी इन्‍हे जेल मे बंद कर दिया । इसी 21 महिनों के आपात्‍काल मे 1976 मे […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

संविधान में सेकुलरवाद और अल्पसंख्यकवाद एक साथ नहीं चल सकते

प्रस्‍तावना : आजकल सी.ए.ए., एन.आर.सी., कोई भी विषय हो, विरोधीयों के नारे पहले लगने शुरू हो जाते है, ‘संविधान खतरेमे है, संविधान बचाओ’ ! डॉ. बाबासाहेब आंबेडकरजी की अध्‍यक्षता मे निर्मित जिस संविधान को पिछले सरकारों ने अपनी मनमर्जी से तोडा-मरोडा, असंवैधानिक रीती से संशोधित करने के पाप किए, वही आज संविधान बचाने की बात […]

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मुद्दा

प्राचीन भारत के धर्मशास्त्रों में ‘मी टू’ जैसे अपराध के लिए था सज़ा प्रावधान

रवि शंकर आज सोशल मीडिया से लेकर इलेक्ट्रानिक मीडिया तक मी टू की चर्चा खूब हो रही है। मी टू यानी मैं भी। ये कुछ प्रतीक शब्द हैं जिनके द्वारा यौन प्रताडऩा से गुजरी स्त्रियां आज अपनी आपबीती सुना रही हैं। इस आपबीती के खुलासे में बड़े-बड़े प्रसिद्ध नाम आ रहे हैं। फिल्म जगत से […]

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