अंशुमान आनंद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने जब से देश की सत्ता संभाली है. चीन-पाकिस्तान जैसे शत्रु अपने ही जाल में उलझकर मात खा जाते हैं. नोटबंदी और जीएसटी बड़े कदम सहजता से उठा लिए जाते हैं. अमेरिका, यूरोप और रूस जैसी महाशक्तियां सिर झुकाकर मोदी जी को ध्यान से सुनती हैं. जातियों और […]
Author: उगता भारत ब्यूरो
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राकेश सैन यह संयोग ही है कि अपनी स्थापना के सौ सालों के बाद अकाली दल पुन: उसी मार्ग पर खड़ा दिखाई दे रहा है जब उसे राष्ट्र हितों और अलगाववाद के बीच भेद करना पड़ रहा है तो उसे भविष्य में फूंक-फूंक कर कदम उठाने होंगे। कृषि कानून-2020 के चलते शिरोमणि अकाली दल ने […]
सम्राट चौधरी उर्फ राकेश कुमार गंगा नदी में प्रदूषण को कम करने के लिए 1985 में गंगा कार्य योजना (जीएपी) का शुभारंभ किया गया था। किंतु 15 वर्ष की अवधि में 901.77 करोड़ रुपए व्यय करने के बाद भी नदी में प्रदूषण कम करने में यह योजना विफल साबित हुई। भारत वर्ष में गंगा नदी […]
संजय सक्सेना प्रियंका तब क्यों मौन साध लेती हैं जब एक दलित परिवार एक वर्ग विशेष के उत्पीड़न का शिकार होता है। इसी प्रकार महाराष्ट्र में वह क्यों आवाज बुलंद नहीं करती हैं कि बलात्कार के आरोपी अनुराग कश्यप को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। अपराध और अपराधी की सिर्फ एक ही परिभाषा होती […]
प्रखर देशभक्त सूफी अम्बाप्रसाद सूफी अम्बाप्रसाद का जन्म 1858 में मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) के एक सम्पन्न भटनागर परिवार में हुआ था। जन्म से ही उनका दाहिना हाथ नहीं था। कोई पूछता, तो वे हंसकर कहते कि 1857 के संघर्ष में एक हाथ कट गया था। मुरादाबाद, बरेली और जालंधर में उन्होंने शिक्षा पायी। पत्रकारिता में […]
ललित गर्ग मुम्बई शहर पर नशे के घातक हमले का गंभीरता से विश्लेषण किया जाए तो वहां 80 फीसदी आबादी किसी-न-किसी प्रकार का नशा करती मिल जाएगी। शराब का सेवन भी युवाओं में तेजी से फैल रहा है, जिससे महिलायें भी अछूती नहीं रहीं। फिल्म अभिनेता सुशांत की आत्महत्या के कारणों तक पहुंचा जायेगा या […]
प्रवीण कुमार द्विवेदी सुरक्षा एक ऐसी अवस्था का नाम है जिसके रहने पर ही कोई भी कार्य सम्पादित हो सकता है। इसका तात्पर्य अच्छी प्रकार से रक्षा है। भौतिक और मानसिक दोनों अवस्थाओं की सम्यक् रक्षा ही वास्तव में सुरक्षा पद को चरितार्थ करती है। यह कार्य कठिन है; क्योंकि जो रक्षक होता है, (उसके […]
भारतीय गाय और पर्यावरण,खाद्य सुरक्षा
सुबोध कुमार पर्यावरण और खाद्य सुरक्षा, आज दुनिया की चिंता के दो प्रमुख विषय हैं। यह आज ही नहीं अत्यंत प्राचीन काल से ही मनुष्यों के लिए चिंतनीय विषय रहे हैं। कालखंड कोई सा भी हो, समाज का प्रबुद्ध वर्ग पर्यावरण और खाद्य सुरक्षा की चिंता करता ही रहा है। अपने देश का वैदिक वांग्मय […]
अजय कुमार एक तरफ उत्तर प्रदेश में नई फिल्म सिटी बनने से लोग खुश हैं तो दूसरी तरफ इसको लेकर सियासत भी शुरू हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने, योगी सरकार पर उनकी सरकार के समय के एक और प्रोजेक्ट का फीता काटने का आरोप लगाया है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने […]
कमलेश पांडेय बता दें कि यह धारा 206-सी की उपधारा (1एच) आगामी 1 अक्टूबर 2020 से प्रभावी की जाएगी। इसमें कहा गया है कि माल का एक विक्रेता किसी भी सामान की बिक्री पर क्रेता से टीसीएस लेने के लिए उत्तरदायी है, बशर्ते कि विक्रेता का टर्नओवर पिछले वित्तीय वर्ष में आईएनआर 10 करोड़ से […]