अजय कुमार कांग्रेस के गांधी परिवार और उनके इर्दगिर्द घूमने वाले तमाम नेताओं ने यह गलतफहमी पाल ली है कि वह भीड़तंत्र के सहारे सच को झूठ और झूठ को सच का लबादा पहना सकते हैं। कांग्रेस का मौजूदा नेतृत्व बार-बार हर चुनाव में भीड़तंत्र को ही जनाक्रोश समझने की भूल कर रहता है। 21वीं […]
Author: उगता भारत ब्यूरो
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कमलेश पांडेय वर्तमान में किसान सरकार की ओर से निर्धारित दरों पर निर्भर हैं। लेकिन नए आदेश में किसान बड़े व्यापारियों और निर्यातकों के साथ जुड़ पाएंगे, जो खेती को लाभदायक बनाएंगे। नए बिल कृषि क्षेत्र में अधिक निवेश को प्रोत्साहित करेंगे, क्योंकि इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। देश में सत्तारूढ़ नरेंद्र मोदी सरकार खेती-किसानी के धंधे […]
अनीष व्यास जो बिडेन 20 नवंबर 1942 को सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर पेंसिल्वेनिया में पैदा हुए हैं। कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि सितंबर 2006 से सितंबर 2022 के बीच अनुकूल बृहस्पति महादशा से गुजर रहे हैं। वे 2009 में बृहस्पति महादशा से उपराष्ट्रपति के तौर पर सत्ता में आए। अमेरिका में […]
कालसर्प योग एवं मंगली दोष
शास्त्रों ने जो भी नीति नियामक हमारे सामने रखे हैं उनमें से एक है *’देयं परं किं ह्यभयं जनस्य. . . . ‘* जिस पर हमारे ज्योतिषियों ने साफ़ अनदेखी कर रखी है। उल्टे भय विस्तारण के अनेकानेक करतब ढूंढे जाते हैं। मङ्गली दोष, कालसर्प दोष, राहु काल इत्यादि जैसे कई नुस्खे हैं जिनका भय […]
हाथरस के बहाने थी जातीय दंगा फ़ैलाने की साजिश (साभार: संजीवनी टुडे) मोदी-योगी विरोधी बात-बात पर संविधान की दुहाई देते हैं, परन्तु खेलते भारत विरोधियों के हाथ हैं। CAA विरोध में भी यह बात सामने आयी और अब हाथरस कांड पर। मोदी सरकार को इन बिकाऊ लोगों के साथ साम, दाम, दंड, भेद अपनाकर सख्ती […]
– मुरली मनोहर श्रीवास्तव बिहार की सियासत में एनडीए और महागठबंधन अपने सहयोगियों से पहले से ही परेशान हैं। महागठबंधन की अगर बात करें तो इसमें सहयोगी दल हम, रालोसपा, वीआईपी ने दूरी बना ली वहीं एनडीए में जहां तीन दल थे भाजपा-जदयू और लोजपा उसमें लोजपा की अतिमहत्वाकांक्षा ने एनडीए में भी परेशानी खड़ी […]
श्रीश देवपुजारी (लेखक संस्कृत भारती के प्रचार प्रमुख हैं।) केन्द्रीय विद्यालयों में संस्कृत तथा अन्यान्य भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं की जगह पर जर्मन का पढ़ाया जाना असंवैधानिक ही नहीं अपितु भारत की स्वतन्त्र चेतना के भी विरुद्ध कदम है। चूँकि इस निर्णय से सर्वाधिक दुष्प्रभाव संस्कृत पर पड़ रहा था और इसे पुन: संशोधित करने से […]
बजरंग मुनि व्यवस्था तथा संस्कृति एक दूसरे के पूरक होते हैं। व्यवस्था का प्रभाव संस्कृति पर पड़ता है तथा संस्कृति का व्यवस्था पर। दुनिया में वर्तमान समय में चार संस्कृतियां प्रमुख हैं जिनका व्यवस्थाओं पर दूरगामी प्रभाव है। (1) इस्लामिक (2) पाश्चात्य (3) भारतीय (4) साम्यवादी। साम्यवाद ने संस्कृति को रौंदकर बुलडोजर प्रणाली से व्यवस्था […]
जब राजनीति व्यापार बन चुकी है और जनसेवा को भूलकर राजनीतिज्ञ पैसे कमाने की अंधी दौड़ में सम्मिलित हो चुके हैं, तब भी भारतीय लोकतंत्र के लिए ऐसे कई शानदार स्तंभ हैं, जिनके कारण भारत का लोकतंत्र जिन्दा है और चलता हुआ दिखाई देता है ।सचमुच राजनीति में इस समय चिराग लेकर ढूंढना पड़ता है […]
ईसाई मिशनरी स्कूलों में ‘उपदेश’ देने वाला डायरेक्टर : ‘तुम बिना कपड़ों के सोती हो?’ ईसाई मिशनरी संस्था ‘स्क्रिप्चर यूनियन’ के राज्य निदेशक का मैसेज वायरल (साभार: ट्विटर) ट्विटर यूजर जोएल गिफ़्ट्सन ने ट्विटर पर एक थ्रेड के जरिए ईसाई मिशनरी स्कूलों के बारे में बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने लिखा कि ईसाई मिशनरी स्कूलों […]