पूनम नेगी (लेखिका स्वतंत्र पत्रकार हैं।) समूची सृष्टि पंचमहाभूत अर्थात् अग्नि, जल, पृथ्वी, वायु और आकाश से बनी है। यही पांच तत्व मिलकर समूचे विश्व ब्रह्मांड के जड़, चेतन और जीवों का निर्माण और पोषण करते हैं। यदि यह जीवनदायी तत्त्वों की शुद्ध और संरक्षित रहें तो जीवन भी शुद्ध और सुरक्षित रहता है। इन […]
Author: उगता भारत ब्यूरो
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एक कल्पना कीजिए… तीस वर्ष का पति जेल की सलाखों के भीतर खड़ा है और बाहर उसकी वह युवा पत्नी खड़ी है, जिसका बच्चा हाल ही में मृत हुआ है… इस बात की पूरी संभावना है कि अब शायद इस जन्म में इन पति-पत्नी की भेंट न हो. ऐसे कठिन समय पर इन दोनों ने […]
सुधीर सिंह।आज महान क्रांतिकारी बटुकेश्वर दत्त का जन्मदिन है। भगत सिंह के साथ असेंबली में बम फेंकने वाले बटुकेश्वर दत्त की कहानी बताती है कि अपने शहीद क्रांतिकारियों को पूजने वाला यह देश जीते जी भी उनके साथ क्या -क्या सुलूक कर सकता है. बटुकेश्वर दत्त की जिंदगी और उनकी स्मृति, दोनों की आजाद […]
वेद का पुरुष सूक्त और उसका विषय
———-आचार्य करणसिह नोएडा ——- “पुरुषसूक्त और पुरुष सूक्त का विषय” ऋग्वेद के मंत्र 10 मंडलों में निबद्ध है। प्रत्येक मंडल में कई सूक्तहै, और प्रत्येक सूक्त में कई मंत्र।अंतिम(दसवें) मंडल की सूक्त संख्या 90 पुरुषसूक्त के नाम से प्रसिद्ध है। इसका देवता व विषय ‘पुरुष’ है।——————— पुरुष का अर्थ पुरी में निवास करने वाला अगणित […]
बिहार विधानसभा चुनाव-2020 : पूँजीवादी और संशोधनवादी चुनावबाज़ पार्टियों का गठबन्धन मेहनतकशों-मज़दूरों के पक्ष की नुमाइन्दगी नहीं कर सकता! चुनावी क्षेत्र में भी मज़दूर वर्ग के स्वतंत्र क्रान्तिकारी राजनीतिक पक्ष के बिना, फ़ासीवाद से निपटा नहीं जा सकता! बिहार विधानसभा चुनावों में भाजपा-नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबन्धन जीत गया है। महागठबन्धन बहुमत से क़रीब 12 सीटें […]
“स्वतंत्रता संग्राम का दीवाना। भारत का प्रथम राजघराना।।” भारत भूमि आदिकाल से ही समस्त भूमंडल को अपनी उर्वरा के द्वारा आलोकित करती रही है। इस धर्म प्रसूता वसुंधरा पर अनेक नायक, महानायक, लोकनायक हमारे प्रणेता रहे हैं। इसी ब्रजभूमि के मुरसान गांव में राजा घनश्याम सिंह की धर्मपत्नी माता दानकौर की कुक्षि (कोख) से एक […]
संतोष पाठक छठ महापर्व की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें किसी विशेष देवता या भगवान की पूजा नहीं होती। न ही इस पूजा के लिए किसी मंदिर या पुजारी की जरूरत पड़ती है। इस महापर्व में सिर्फ व्रती होते हैं और प्रकृति होती है। छठ पूजा अपने आप में कोई धार्मिक पर्व […]
श्रीश देवपुजारी लेखक संस्कृत भारती के अ. भा. मंत्री है विनायक शाह नाम के व्यक्ति ने सर्वोच्च न्यायालय मे याचिका दाखिल कर कहा है कि केंद्रीय विद्यालयों में 1964 से हिंदी-संस्कृत में प्रार्थना हो रही हैं, जो कि पूरी तरह असंवैधानिक हैं। याचिकाकर्ता ने इसे संविधान के अनुच्छेद 25 और 28 के विरुद्ध बताते […]
डॉ. शीला टावरी लेखिका पर्यावरणविद् एवं शिक्षाविद् हैं। वेटिकन सिटी से प्राप्त एक खबर के अनुसार वर्तमान पोप फ्रांसिस ने सारी मानवजाति का एक साहसिक सांस्कृतिक क्रान्ति के लिए आवाहन किया है। पोप महोदय के मतानुसार ’’आज की अर्थव्यवस्था अत्यंत कुंठित है जिसमें अमीरों द्वारा गरीबों का न केवल शोषण हो रहा है, अपितु […]
विमल भाई नदियां हमारी संस्कृति और सभ्यता की प्रतीक हैं। पूरी दुनिया में सभ्यताएं नदियों के किनारे ही विकसित हुईं हैं। मानव सभ्यता के विकास में इनका महत्वपूर्ण योगदान है। हमारे देश में तो नदियों को पूजने की परंपरा रही है। हमारे यहां कहा गया है कि गंगा के जल से यदि आचमन भर […]