Categories
इतिहास के पन्नों से देश विदेश

तिब्बत : चीखते अक्षर, भाग -13

  जातीय भेदभाव सात वर्ष की अवस्था से तिब्बती बच्चे चीनियों के हाथों संस्थागत भेदभाव झेलते हैं। अगर वे विद्यालय में जाते हैं तो वे पाते हैं कि जरा से बहाने से उन्हें निष्कासित कर दिया जाता है जब कि चीनी बच्चों को हमेशा ही प्रोत्साहित किया जाता है। किसी भी व्यक्ति का ‘वर्ग’ उसके […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख

भारत का विशाल क्षेत्रफल ही उसे संसार का एक स्वाभाविक राष्ट्र बनाता है

  प्रो. कुसुमलता केडिया यह आज हमें पता है कि भारत का वर्तमान स्वरूप 15 अगस्त 1947 की देन है। आज अखंड भारत की कल्पना में हम केवल पाकिस्तान और बांग्लादेश को जोड़ते हैं। परंतु हमें यह स्मरण रखना चाहिए कि बर्मा, श्रीलंका, अफगानिस्तान आदि भी भारत के ही भाग रहे हैं। यदि हम केवल […]

Categories
आर्थिकी/व्यापार

अर्थव्यवस्था में झलकना ही चाहिए भारत की संस्कृति का प्रतिबिंब

  जवाहरलाल कौल शास्त्र के रूप में अर्थशास्त्र जैसा अमेरिका में पढ़ाया जाता है, उसी प्रकार हमारे देश में भी पढ़ाया जाता रहा है। उसके नियम, उसके सूत्र और उसकी धारणाएं सब वैश्विक हैं। सैद्धांतिक स्तर पर यह ठीक भी है, लेकिन व्यवहार में यह सही नहीं है। व्यवहार में उन नियमों, कायदों और सूत्रों […]

Categories
इतिहास के पन्नों से देश विदेश

तिब्बत : चीखते अक्षर, भाग -12

स्वास्थ्य क्रिस मुल्लिन लिखते है‍ कि सामान्य प्रे़क्षक को भी यह स्पष्ट हो जाता है कि तिब्बत में स्वास्थ्य सुविधाओं का स्तर बाकी चीन की तुलना में बहुत गिरा हुआ है। चीनियों ने बहुत कम तिब्बतियो‍ को चिकित्सा कर्म में प्रशिक्षित किया है और दावा त्सेरिंग(पहले के भाग में वर्णित) ने पाया कि ‘समाजवादी’ तिब्बत […]

Categories
इतिहास के पन्नों से देश विदेश

तिब्बत : चीखते अक्षर, भाग- 11

संयुक्त राष्ट्र के निवेदन हालाँकि 1950 में संयुक्त राष्ट्र से किये गये प्रारम्भिक तिब्बती निवेदनों को सीमित प्रतिसाद मिला लेकिन चीनी अत्याचार इतने बुरे हो गये कि संयुक्त राष्ट्र ने 1959, ’61 और ’65 में तीन प्रस्ताव पारित किये जिनमें से अंतिम में यह माँग की गई थी कि ऐसी समस्त कार्यप्रणालियों को समाप्त किया […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख

किसान आंदोलन : राष्ट्र विरोधी शक्तियों का अंतिम प्रहार

*पुष्पक अवस्थी की वाल से साभार *मैने कुछ माह पूर्व लिखा था कि मेरा आंकलन है कि 2020 के जाते जाते भारत जलेगा। मुझे लगता था कि सितंबर 2020 के बाद भारत को सीमाओं पर और आंतरिक रूप से झझकोरा जाएगा।* *भारत में लगने वाली यह आंतरिक दवानल, चीन के लिए उस अनुकूल स्थिति का […]

Categories
आतंकवाद

लव जिहाद के खिलाफ कानून बनते ही इस जिहाद से पीड़ितों के मामले आने लगे सामने

  अजय कुमार कानून का विरोध करने सब आ गये, बहुसंख्यक समाज की बेटियों की चिंता किसी को नहींImage Source: Google कांग्रेस राम मंदिर बनाने, एक बार में तीन तलाक जैसी कुरीति और नागरिकता संशोधन कानून आदि सबकी मुखालफत करने लगती है। अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए कांग्रेस नेता भारत की जगह दुश्मन देशों- […]

Categories
पर्यावरण

दुनिया को बचाने के लिए वार्षिक 6% जीवाश्म ईंधन उत्पादन घटाना है

 निशान्त       जहाँ एक ओर दुनिया में कोविड की आर्थिक मार से उबरने के लिए तमाम देश जीवाश्म ईंधन का प्रयोग करने वाले क्षेत्रों में निवेश कर रहे हैं वहीँदूसरी ओर दुनिया के प्रमुख अनुसंधान संगठनों और संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से बनी प्रोडक्शन गैप रिपोर्ट के एक विशेष अंक में यह पाया […]

Categories
देश विदेश

तिब्बत : चीखते अक्षर, भाग – 10

(5) चीनी सैनिकों और घुसपैठियों का अंत:प्रवाह बाकी तिब्बत से काट दिये गये मध्य तिब्बत में जो कि तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र नाम से जाना जाता है, लगभग 5 लाख चीनी सैनिक तैनात हैं और जैसा कि बताया गया है, चीनियों के अनुसार इस क्षेत्र की तिब्बती जनसंख्या 11.9 लाख है। इसका अर्थ यह हुआ कि […]

Categories
देश विदेश

तिब्बत : चीखते अक्षर, भाग- 9

दलाई लामा ने बताया है कि 1950 के पहले तिब्बत में लगभग 600000 बौद्ध भिक्षु थे। अधिकांश को जेल में डाल दिया गया, यातनायें दी गईं या वे सामूहिक नरसंहार का शिकार हुये। बौद्ध मठों जैसे द्रेपुंग, सेरा, गादेन, लिथांग, दर्जे, बाथांग, चाम्डो, ताशि क्यिल, कुबुम आदि से भारी संख्या में भिक्षु ग़ायब हो गये […]

Exit mobile version