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राजनीति

बंगाल के सियासी खूनी खेल के लिए जिम्मेदार कौन?

प्रणय कुमार शायद ही कोई ऐसा भारतीय होगा जो बंगाल की प्रतिभा एवं बौद्धिकता को देखकर अचंभित न रह जाता हो! पर कैसी विचित्र विडंबना है कि जो बंगाल कला, सिनेमा, संगीत, साहित्य, संस्कृति की समृद्ध विरासत और बौद्धिक श्रेष्ठता के लिए देश ही नहीं पूरी दुनिया में विख्यात रहा है, वह आज हिंसा, रक्तपात, […]

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इतिहास के पन्नों से गीता का कर्मयोग और आज का विश्व

मन से आत्मा की यात्रा : गीता सार

यथार्थ गीता के संबंध में श्रीमद्भगवद्गीता को यथार्थ मानव शास्त्र प्रतिपादित करते हुए स्वामी अड़गड़ानंद जी महाराज का कथन है-“श्री कृष्ण जिस स्तर की बात करते हैं, क्रमशः चल कर उसी स्तर पर खड़ा होने वाला कोई महापुरुष अक्षरशः बता सकेगा कि श्री कृष्ण ने जिस समय गीता का उपदेश दिया था, उस समय उनके […]

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विश्वगुरू के रूप में भारत

राष्ट्रीय सौर कैलेंडर की उपेक्षा करने की दोषी सरकार भी है

  लेखिका:- लीना मेहेंदले (लेखिका सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी हैं) कितने लोगों को पता है कि राष्ट्रीय प्रतीकों की ही भांति देश की सरकार ने अपना एक कैलेंडर भी मान्य किया है, जोकि अपने देश की प्राचीन पंचांग परंपरा पर आधारित है। पंडित नेहरू द्वारा प्रसिद्ध विज्ञानी मेघनाद साहा के नेतृत्व में बनाई गई कैलेंडर समिति […]

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भारतीय संस्कृति विश्वगुरू के रूप में भारत

भारत की गौरवमयी और अनुपम रही है विज्ञान यात्रा

    राणा प्रताप शर्मा आदिकाल से ही हमारे देश में अनेक खोजें होती रहीं हैं। भारतीय गणित के इतिहास का शुभारंभ ऋग्वेद से होता है। आदिकाल (500ई.पू.) भारतीय गणित के इतिहास में अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इस काल में शून्य तथा ‘दाशमिक स्थानमानÓ पद्धति का आविष्कार गणित के क्षेत्र में भारत की यह निश्चित रूप […]

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महत्वपूर्ण लेख

नेपाल में लोकतंत्र जिंदा रखना समय की आवश्यकता

*राष्ट्र चिंतन* केपी शर्मा ओली ने संसद भंग कर नेपाल के लोकतंत्र को संकट में डाला, नेपाल की गरीबी और फटिहाली ही बढेगी। *विष्णुगुप्त*   मध्यावधि चुनाव की पहली आधारषिला बहुमत का अभाव होता है। इस कसौटी पर नेपाल को मध्यावधि में ढकल देना असंवैधानिक तो है ही, इसके अलावा लोकतंत्र और अर्थव्यवस्था की कसौटी […]

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इतिहास के पन्नों से देश विदेश

आर्थिक इतिहास में चीन और भारत

  अजित कुमार भारतीय इतिहास लेखन में मैक्स वेबर (1864-1920) और मार्क्स(1818-1883) का बहुत गहरा प्रभाव रहा है। भारत के इतिहास को लिखनेवाले अधिकतर इतिहासकार इनसे बहुत प्रभावित रहे हैं। इन दोनों पश्चिमी विद्वानों की विशिष्टता यह रही है कि अपने जीवन के कालखंड में ये दोनों भारत कभी नहीं आये और इनके समय में […]

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इतिहास के पन्नों से

भारत का इतिहास देता है आर्थिक समस्याओं का भी समाधान

  रवि शंकर आज भारत की आर्थिक व्यवस्था डगमगा रही है। अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा के रूप में प्रतिष्ठा प्राप्त डालर के मुकाबले में रुपया अत्यन्त कमजोर हो रहा है। उद्योग-धन्धों में खलबली मच रही है। एक प्रकार से देश में अराजकता का माहौल जैसा दिखाई पड़ रहा है। अभी संसद के मानसून सत्र में भारत के […]

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इतिहास के पन्नों से

प्राचीन काल में सोना बनाना जानते थे भारतीय रसायन शास्त्री

  राजेंद्र सिंह   भारतीय रसायन शास्त्रा का इतिहास लाखों वर्ष पुराना है। भारतीय रसायन शास्त्रा के अनेक विवरण भगवान शिव से जुड़े हुए हैं। शिव कोई आज के काल के हैं नहीं। इसी प्रकार यदि हम रामायण काल को देखें तो वाल्मिकी के शिष्य थे भारद्वाज। उन्होंने यंत्रासर्वस्व नामक ग्रंथ लिखा था। इसमें एक […]

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साक्षात्‍कार

क्या कहते हैं बार एसोसिएशन दादरी के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार : सबका साथ सबका सम्मान करना होगा मेरा लक्ष्य : ललित मोहन शर्मा

दादरी (सुंदरलाल शर्मा) बार एसोसिएशन दादरी का इलेक्शन कार्यक्रम घोषित हो गया है । अध्यक्ष पद पर इस समय 3 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। जिनमें ललित मोहन शर्मा , धर्मवीर सिंह नागर व राजपाल सिंह नागर सम्मिलित है। इस संबंध में हमारी मुलाकात बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार श्री ललित मोहन शर्मा […]

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महत्वपूर्ण लेख

बिहार पुलिस का शपथ, शराबबंदी को कितना बना पाएगा सफल

– मुरली मनोहर श्रीवास्तव बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर देश-दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बंदी का बिहार में भी काफी प्रभाव पड़ा है। समाज का स्वरुप बहुत हद तक परिवर्तित भी हुआ। देश तथा देश की बाहर की संस्थाएं बिहार आकर शोध भी शराबबंदी की सफलता पर कर चुकी हैं, […]

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