रवि शंकर पाँच सौ वर्ष से अधिक के संघर्ष के बाद अयोध्या में अंतत: भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया है। निश्चित ही यह एक शुभ संकेत है। वर्ष 2020 हालाँकि कोरोना के कारण काफी खराब माना जा रहा है, परंतु यदि हम भारत में हुए कुछेक राजनीतिक तथा सांस्कृतिक निर्णयों को […]
Author: उगता भारत ब्यूरो
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जवाहर लाल कौल भारत को कैसे समझें, यह प्रश्न प्रायः पूछा जाता है। लेकिन इस विषय पर अनंत बहस चलने के बावजूद कोई सार्थक उत्तर नहीं मिल पाता। वास्तव में इस प्रश्न की आवश्यकता ही नहीं होती यदि हम यह जानने का प्रयास करते कि हम अब तक किन मापदण्डों से स्वयं को और अपनी […]
वास्तु ! भारत की अद्भुत देन 📚 देश ही नहीं, अब दुनिया में भी एक आवश्यकता हो गया है भारतीय वास्तु शास्त्र। मिस्र, मारिशस, कम्बोडिया आदि के साथ रूस में भारतीय वास्तु शास्त्र के पठन पाठन और अभ्यास की खास चेतना जागी है। फेंगशुई के चक्र को निराधार समझ कर भारतीय ज्ञान विरासत पर वैश्विक […]
योग से परेशान कम्युनिस्ट
योग भारत की सॉफ्ट पावर है। दुनिया के कम्युनिस्ट भारत की इस योग वाली छवि को नष्ट करना चाहते हैं। परंतु दुनिया मे कम्युनिस्ट योग से बहुत डरते हैं और योग से अंतिम सीमा तक नफरत करते हैं। 21 जून को विश्व योग दिवस का भी कम्युनिस्टों ने कभी स्वागत नहीं किया। नमाज पढ़ने वाले […]
माईकल ए क्रेमो मेरी मुख्य रूचि मनुष्य के प्राचीनकालीन निवास के पुरातात्विक प्रमाणों को जानने की रही है किन्तु मैं अन्य बातों को भी जानना चाहता हूं। उनमें से एक है भारत की वैदिक संस्कृति का इतिहास। वैदिक संस्कृति से मेरा अभिप्राय उस सभ्यता से है जो वेदों पर आधारित है। जिनमें संस्कृत की मूल […]
अपने देश में राम को राष्ट्रीय महापुरुष कहने में राजनीतिज्ञों को हीनता का बोध होता है और उनको राम तथा रामायण में साम्प्रदायिकता दिखाई पड़ती है। किन्तु दक्षिण-पूर्व एशिया-स्थित थाईलैण्ड (Thailand) में न केवल राम को एक सुप्रतिष्ठित स्थान दिया गया है, अपितु थाई-रामायण को थाईलैण्ड के राष्ट्रीय ग्रंथ का सम्मान दिया गया है। उल्लेखनीय […]
श्रीश देवपुजारी समाज में एक भ्रम फैलाया गया है कि संस्कृत पढऩे से छात्र अर्थार्जन नहीं कर सकता। उसे केवल शिक्षक बनना पड़ता है या पुरोहित। इस प्रकार की धारणा रखनेवालों से मेरा प्रश्न है कि जो संस्कृतेतर छात्र बीए, बीकॉम और बीएससी होते है उनके लिए कौन-सी नौकरी बाट जोह रही है? हमारे देश […]
इतिहास शोध की ऑक्सफोर्ड विधि – इसकी प्रशंसा के लिए आजकल हिटिरिओग्राफी के नाम से पढ़ाया जा रहा है। इस विधि को देख कर पता चलता है कि मूर्ख को बैल (ऑक्स) क्यों कहने लगे। पहले प्रशंसा के लिए वृषभ कहते थे, जैसे गीता में अर्जुन को कहा गया है। भारतीय इतिहास नष्ट करने का […]
रमेश सर्राफ धमोरा भारत सरकार का मानना है कि देश के लोगों की जरूरत पूरी करते हुये अपने पड़ोसी देशों के साथ ही दुनिया के अन्य देशों को भी कोरोना वैक्सीन दी जाये। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लगातार कहते रहे हैं कि भारत अपने व्यापक वैक्सीन इन्फ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल दूसरे देशों की मदद में करेगा। […]
विक्रम सिंह डाला कल्पना दत्त देश की आज़ादी के लिए संघर्ष करने वाली महिला क्रांतिकारियों में से एक थीं। इन्होंने अपनी क्रांतिकारी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए क्रांतिकारी सूर्यसेन के दल से नाता जोड़ लिया था। 1933 ई. में कल्पना दत्त पुलिस से मुठभेड़ होने पर गिरफ़्तार कर ली गई थीं। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी […]