प्रभुनाथ शुक्ल किसान आंदोलन की आड़ में क्या भारत में हिंसा फैलाने की साजिश रची गई। क्या कनाडा स्थित खालिस्तानी संगठन से जुड़े लोग पंजाब में पुन: अपना अस्तित्व कायम करना चाहते हैं? दिल्ली के लाल किले पर 26 जनवरी को जो कुछ हुआ वास्तव में इस साजिश में विदेशी तागतों का हाथ था? किसान […]
Author: उगता भारत ब्यूरो
बहुत से लेख हमको ऐसे प्राप्त होते हैं जिनके लेखक का नाम परिचय लेख के साथ नहीं होता है, ऐसे लेखों को ब्यूरो के नाम से प्रकाशित किया जाता है। यदि आपका लेख हमारी वैबसाइट पर आपने नाम के बिना प्रकाशित किया गया है तो आप हमे लेख पर कमेंट के माध्यम से सूचित कर लेख में अपना नाम लिखवा सकते हैं।
न्याय तंत्र की मुसीबतें
राष्ट्रीय औसत के मुताबिक हाईकोर्टों में जजों के 38 फीसदी पद खाली पड़े हैं। पुलिस की स्थिति भी कुछ बेहतर नहीं है। एक लाख की आबादी पर 156 पुलिसकर्मी का अनुपात बैठता है। जनवरी 2020 की हालत रिपोर्ट में यह बताई गई कि राष्ट्रीय स्तर पर हर तीन जरूरी पुलिसकर्मियों में से एक का पद […]
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा आज दुनिया के देशों में चीन खलनायक बन कर उभरा है तो पाकिस्तान अलग-थलग होने के साथ ही याचक की दृष्टि में आ गया है। अमेरिका में जिस तरह से ट्रंप ने जाते-जाते लोकतंत्र की हत्या करने के प्रयास किए वह जगजाहिर है तो रूस भी अब पहले वाली स्थिति में […]
वैद्य अनुराग सिंह राजपूत स्लिप डिस्क की एक रोगिणी जो पूर्णत: बिस्तर पर थीं, कमर एवं पैरों में तीव्र वेदना, करवट लेना तो दूर, दर्द के कारण हिल तक नहीं पाती थी, रक्त शर्करा स्तर भी चार सौ से ऊपर ही रहता था। उनके भाई स्वयं इंदौर में जाने माने ओस्टियो सर्जन है, उन्होंने उनके […]
सुद्युम्न आचार्य विन्ध्य की पावन धरा में हजारों वर्षों तक अपने पूरे गौरव, वैभव के साथ भरहुत स्तूप विराजमान रहा था। अपनी उत्कृष्ट कला, प्रतीक सौन्दर्य के लिये यह चहुँ ओर प्रख्यात रहा था। यह षट्पथ पर अवस्थित था। इससे उश्रर तथा दक्षिण की ओर कम से कम छह रास्ते विभिन्न जनपदों की ओर जाते […]
बलिदान का प्रतीक भी है वसंत पंचमी
राकेश सैन वसंत पंचमी का दिन हमें पृथ्वीराज चौहान की भी याद दिलाता है। उन्होंने विदेशी हमलावर मोहम्मद गौरी को 16 बार पराजित किया और उदारता दिखाते हुए हर बार जीवित छोड़ दिया, पर जब सत्रहवीं बार वे पराजित हुए, तो मोहम्मद गौरी ने उन्हें नहीं छोड़ा। ऋतुराज बसंत, नाम लेते ही रोम-रोम पुलकित हो […]
बसन्त की मनभावन अनुभूतियां
बसंत की बकधुन: वसंत की भटकन वसंत पंचमी, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पाँचवी तिथि। भारत की छ: ऋतुओं वसन्त, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, शिशिर और हेमंत में वसंत ऋतु सिरमौर मानी गई है। वसंत माने पुराने पत्तों का अंत। यह नवोन्मेष की ऋतु है। ऋतुचक्र और पंचांग के फेर से अंतर पड़ता है लेकिन […]
एक दिन हकीकत राय का अपने मुसलमान सहपाठियों के साथ झगड़ा हो गया । उन के मुस्लिम सहपाठियों ने माता दुर्गा के प्रति अप् शब्द कहे, जिसका हकीकत राय ने विरोध करते हुए कहा, ”क्या यह आप को अच्छा लगेगा यदि यही शब्द मैं आपकी बीबी फातिमा (मोहम्द की पुत्री) के सम्बन्ध में कहुँ ? […]
कबीर और अंबेडकरवादियों की साजिश
-अरुण लवानिया बामसेफियों और 22 प्रतिज्ञाओं वाले अंबेडकरवादियों की छटपटाहट मोदी के सत्तासीन होने के बाद और ही बढ़ गयी है।जितने भी ईश्वरवादी संत हैं उन्हें एक-एक कर नास्तिक, हिंदू द्रोही, डा. अंबेडकर के विचारों और बुध्द के समीप या बौध्द साबित करने का कुचक्र भी जोर-शोर से चल रहा है। बामसेफियों की प्रचार सामग्रियों, […]
डॉ. प्रभात कुमार सिंघल मदनोत्सव काम कुंठाओं से मुक्त होने का प्राचीन उत्सव है, जिसमें प्रेम को शारीरिक सुख से ज्यादा मन की भावना से जोड़ा गया है। मदनोत्सव पर पत्नी अपने पति को अति सुंदर मदन यानी कामदेव का प्रतिरूप मानकर उसकी पूजा करती है। बसंत ऋतु में प्रकृति नया श्रृंगार करती है। खेतों […]