अजय कुमार चौथी सालगिरह पर अपनी उपलब्धियाँ जनता को बताने की शुरुआत करेगी योगी सरकार उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के चार वर्ष पूरे होने की खुशी में 19 मार्च से जिला व प्रदेश स्तर पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं ताकि सरकार की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुँचाया जा सके। चुनावी […]
Author: उगता भारत ब्यूरो
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रामायण और महाभारत तथा पुराणों से यह स्पष्ट है कि यवन भी भारतीय क्षत्रिय ही हैं ।सम्राट अशोक का शासन यवन प्रांत तक था और यवनराज तुषार अशोक का एक सामंत था। पुष्यमित्र के पुत्र वसुमित्र ने सिंधु तीर पर यवनों को परास्त किया ,,इसका उल्लेख भी पुराणों में और महान वैयाकरण पतंजलि के महाभाष्य […]
विक्रमी संवत कैलेंडर के अनुसार प्रतिवर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है। जानिए उनकी वीरता का इतिहास… उनके पिता महाराणा उदयसिंह और माता जीवत कंवर या जयवंत कंवर थीं। वे राणा सांगा के पौत्र थे। महाराणा प्रताप को बचपन में सभी ‘कीका’ नाम लेकर पुकारा करते थे। राजपूताना राज्यों में मेवाड़ […]
भारत के महान हिंदू सम्राटों के विजय अभियान:1 ————/—————— लेखिका :- कुसुमलता केडिया भारत के प्रतापी सम्राट सदा से ही विजई अभियान चलाते रहे हैं । वेदों में भी ऐसे अभियानों का वर्णन है। यौवनाश्व के पुत्र मांधाता चक्रवर्ती सम्राट थे और उनका शासन संपूर्ण विश्व में था, ऐसा सभी पुराणों में और प्राचीन भारत […]
भारत चीन युद्ध 1962
प्रस्तुति शिवा सेन 1947 में भारत का एक बार फिर विभाजन हुआ। भारत से अलग हुए क्षेत्र को पश्चिमी पाकिस्तान और पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) कहा जाता था। विभाजन के बाद पाकिस्तान की नजर थी कश्मीर पर। उसने कश्मीरियों को भड़काना शुरू किया और अंतत: कश्मीर पर हमला कर दिया। 26 अक्टूबर को 1947 को जम्मू […]
प्रो.लल्लन प्रसाद भारतीय जीवन दर्शन में पृथ्वी को मां की संज्ञा दी गयी है। रत्नगर्भा, वसुन्धरा ही जल, वायु, जीवन की पोषक है, पेड़, पौधे जंगल, पहाड़, फल, फूल, पशु-पक्षी, धन-धान्य की जननी है, हम सबकी मां है, कौटिल्य अर्थशास्त्र में मनुष्यों से युक्त भूमि को अर्थ कहा गया है। भूमि को प्राप्त करने और […]
26 फरवरी बलिदान दिवस(पुण्यतिथि) पर उन्हें कोटि कोटि नमन। करांची में हुए मुस्लिम लीग के अधिवेशन में ‘सत्यार्थ प्रकाश’ के चौदहवें समुल्लास को इस्लाम के विरुद्ध बताते हुए जब्त करने का प्रस्ताव पास किया गया |सिंध के मंत्रिमंडल ने जब ‘सत्यार्थ प्रकाश’ के चौदहवें समुल्लास को हटा देने की घोषणा की , तो देश भर […]
स्वातंत्र्यवीर सावरकर का पूरा नाम विनायक दामोदर सावरकर था। ‘नाम में क्या रखा है’ वाली वाहियात फिलॉसपी और किसी के साथ भले चस्पां हो जाती हो पर ऐसा सावरकर के नाम के साथ कतई नहीं है। L ऐसा इसलिए नहीं है क्योंकि वो सचमुच “विनायक” थे। हिन्दू ग्रंथों ने कहा है कि हर शुभ काम […]
लेखक :- मृणाल प्रेम वह सावरकर ही थे जिन्होंने पहले मराठी और फिर अंग्रेजी में प्रकाशित ‘1857 का स्वातंत्र्य समर’/The Indian War of Independence के ज़रिए इस लड़ाई के असली रूप को जनचेतना में पुनर्जीवित किया। न ही भाजपा-संघ वाले स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के बारे में बात करते थकते हैं और न ही कॉन्ग्रेस […]
नए कृषि कानूनों से आगे का एजेंडा
भरत झुनझुनवाला विकासशील देशों केन्या, कैमरून, पाकिस्तान और घाना में कृषि पर लागू करों का अध्ययन किया। इसमें सामने आया कि पहले केन्या में कृषि से होने वाली छह लाख रुपये सालाना की आमदनी पर आयकर देना पड़ता था। वर्ष 2018 में इस सीमा को घटाकर एक लाख रुपये वार्षिक कर दिया गया। कैमरून में […]