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राजनीति

सत्ता में लौटने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही हैं ममता बनर्जी

रमेश सर्राफ धमोरा 2019 के चुनाव में ममता की तृणमूल कांग्रेस को जहां 44.91 प्रतिशत वोट मिले वहीं भाजपा को 40.70 प्रतिशत मत मिले थे। 2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस व वाम दलों ने अलग-अलग लड़ा था, जिसमें कांग्रेस को 5.67 प्रतिशत व वामदलों को 6.30 प्रतिशत मत मिले थे। देश के पांच राज्यों में […]

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महत्वपूर्ण लेख

एक पुराना मगर वसीम रिजवी साहब के संदर्भ में आज भी प्रासंगिक लेख

स्वयं और अन्य बहुत से मानवतावादी खिन्न हैं कि हमारे मुस्लिम भाई खुश नहीं हैं. मैं इनके लिए मनुष्यता में प्रबल विश्वास रखने के नाते दुखी हूँ और आंसुओं में डूबा हुआ हूँ। वो तो नगर के सौभाग्य से मेरी आँखों के ग्लैंड्स ख़राब हैं इसलिये आंसू अंदर-अंदर बह रहे हैं अन्यथा शहर में बाढ़ […]

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राजनीति

यशवंत सिन्हा जैसे नेता अब ढूंढ रहे हैं दूसरे दलों में अपने भाग्य की लकीरें, गए टीएमसी में

अंजन कुमार ठाकुर अभी के कालखंड में यशवंत सिन्हा के बराबरी के बौद्धिक और अनुभवी राजनेता शायद उंगलियों पर गिने जा सकते हैं। परंतु जब कांग्रेस के एक युवा नेता के पीछे पूरा विपक्ष दुबका पड़ा है, उस कालखंड में शायद अनुभव और समझ की जरूरत भारतीय राजनीति को नहीं है। एक चुटकुला राजनीतिज्ञों के […]

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महत्वपूर्ण लेख

झूठे सेकुलरिज्म की दरकती दीवारें

प्रमोद भार्गव जय श्रीराम के नारे पर आपत्ति जताने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के धर्मनिरपेक्षता के पाखंड का मिथक इस चुनाव में टूटता दिख रहा है। चोला बदलते हुए अब ममता नंदीग्राम में शिव मंदिर पर जलाभिषेक करती दिखीं, वहीं स्वयं को देवी चंडी की भक्त और ब्राह्मण भी कहकर प्रचारित कर […]

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इतिहास के पन्नों से

आजादी का महामंत्र: वंदे मातरम का इतिहास

प्रस्तुति – श्रीनिवास आर्य वंदे मातरम् अर्थात हे मातृभूमि मैं तेरी वंदना करता हूं, मैं तुझे प्रणाम करता हूं। बंकिमचंद्र चटर्जी की यह अजर अमर रचना देखते ही देखते आजादी के दीवानों की जुबां पर इस तरह चढ़ी कि अंग्रेज भी इससे खौफ खाने लगे थे, एक हुंकार जिसने बरतानी हुकूमत की नींद हिला दी […]

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कृषि जगत

धरती को हरा-भरा बनाए रखने में ईश्वर कभी मिलता है सहयोग

संदीपसिंह सिसोदिया फूलों ने ही तो जीवन सृजन किया है इसीलिए जब भी हमारे लगाए पौधे में फूल खिलते हैं तो हम भी खिल उठते हैं। शायद ही कोई होगा जिसे मैदानों, पर्वतों पर आच्छादित ताजी हरी घास-फूस की खुशबू भली न लगती हो। लेकिन जिस तरह से धरती से उसका हरित श्रृंगार मिट रहा […]

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उगता भारत न्यूज़

कंगना रनौत बोलीं – अच्छे पति नहीं थे महात्मा गांधी

कंगना रनौत ने ट्वीट कर कहा है कि गांधीजी एक महान नेता थे लेकिन एक महान पति नहीं थे। उन्होंने कहा कि गांधीजी के अपने ही बेटों ने उन पर बुरे पिता होने के आरोप लगाए थे। अभिनेत्री कंगना रनौत अक्सर अपने बयानों के कारण चर्चा में आ जाती हैं। अब उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी […]

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उगता भारत न्यूज़ पर्व – त्यौहार

बागपत के खट्टा गांव में मनाया गया ऋषि दयानन्द का बोधोत्सव

बागपत। (नीरज गुप्ता) महर्षि दयानंद के “वेदों की ओर लौटो” मिशन को आगे बढ़ाने के लिए आज की युवा पीढ़ी भी आगे आ रही है। इसी मिशन से जुड़े युवा बागपत के खट्टा गांव में बहुत ही अच्छा कार्य कर रहे हैं। इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए शिवरात्रि के पर्व को खट्टा गांव में […]

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विश्वगुरू के रूप में भारत

भारत “एक अस्वाभाविक राष्ट्र” है या फिर ”एक राष्ट्ररूप’ में एक ‘अस्वाभाविक अवधारणा’ है ?

सुशोभित सक्तावत रामचंद्र गुहा की किताब “इंडिया आफ़्टर गांधी” यूं तो स्‍वतंत्र भारत का राजनीतिक इतिहास है, लेकिन वह एक रूपक भी है। यह रूपक है : “इंडिया : द अननेचरल नेशन।” किताब में कोई भी सवाल हो : बंटवारे का मसला, रियासतों के विलय का मुद्दा, संविधान सभा में कॉमन सिविल कोड या राजभाषा […]

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इतिहास के पन्नों से

संपूर्ण भारत खंड कैसे और कब खंड खंड हो गया ?

अनिरुद्ध जोशी सन् 1947 में भारत का विभाजन जो हुआ उसे ‘स्वतंत्रता दिवस’ कहना थोड़ा अटपटा ही लगता है। ढूंढना चाहिए कि यह कौन से नंबर का विभाजन था। 24वां या 25वां विभाजन? दरअसल अंग्रेजों, फ्रांसीसियों, पुर्तगालियों और मुगलों द्वारा इससे पहले किए गए ‘भारत विभाजन’ को लोग भूलते गए। 1947 के पहले किए गए […]

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