18 अप्रैल/बलिदान-दिवस दामोदर हरि चाफेकर उस बलिदानी परिवार के अग्रज थे, जिसके तीनों पुष्पों ने स्वयं को भारत माँ की अस्मिता की रक्षा के लिए बलिदान कर दिया। उनका जन्म 25 जून, 1869 को पुणे में प्रख्यात कथावाचक श्री हरि विनायक पन्त के घर में हुआ था। दामोदर के बाद 1873 में बालकृष्ण और […]
Author: उगता भारत ब्यूरो
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अजय कुमार बड़े शहरों में काम कर रहे प्रवासी मजदूर गांवों का रूख करने लगे हैं, लेकिन अभी हालात उतने खराब होते नहीं दिख रहे हैं जितने पिछले वर्ष देखने को मिले थे। पिछले साल लॉकडाउन के दौरान जैसी स्थिति अभी नहीं दिख रही है, न ही ऐसे हालात बन ही पाएंगे। कोरोना वायरस […]
महाभारत लेखन की विचारणीय बातें :— राजा भोज ने अपने “संजीवनी” नामक ऐतिहासिक ग्रन्थ में लिखा है कि, वेदव्यास जी ने चार सहस्त्र चार सौ श्लोक में ‘जय’ ग्रन्थ की रचना की, जिसके रचयिता (वक्ता) स्वयं वेद व्यास जी व श्रोता वैशम्पायन थे | उनके शिष्य वैशम्पायन ने पांच सहस्र छः सौ श्लोक जोड़कर दस […]
मोदी चाहते थे कि किसान स्वयं समझें कि वह कैसे इन कृषि कानूनों के अन्तर्गत किसानों को बचाना चाहते हैं और उनकी स्थिति बेहतर करने को प्रतिबद्ध हैं। पंजाब के किसानों ने रोपड़ से 44 ट्रक जो उ.प्र से 1100 रुपये किं० खरीद कर और भटिण्डा मण्डी में बिहार से 1000 रुपया किं० गेहूं […]
अमर बलिदानी तात्या टोपे
17 अप्रैल/बलिदान-दिवस छत्रपति शिवाजी के उत्तराधिकारी पेशवाओं ने उनकी विरासत को बड़ी सावधानी से सँभाला। अंग्रेजों ने उनका प्रभुत्व समाप्त कर पेशवा बाजीराव द्वितीय को आठ लाख वार्षिक पेंशन देकर कानपुर के पास बिठूर में नजरबन्द कर दिया। इनके दरबारी धर्माध्यक्ष रघुनाथ पाण्डुरंग भी इनके साथ बिठूर आ गये। इन्हीं रघुनाथ जी के आठ पुत्रों […]
आनंद प्रधान देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर हर दिन नए रेकॉर्ड बना रही है। यह लहर पहले की तुलना में ज्यादा संक्रामक और घातक मानी जा रही है। महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, गुजरात, उत्तर प्रदेश जैसे कई राज्यों और मुंबई, पुणे, दिल्ली, रायपुर, सूरत, अहमदाबाद और लखनऊ जैसे बड़े शहरों में स्थिति बहुत गंभीर […]
राकेश सैन पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने इस मामले की जांच के लिए गठित एस.आइ.टी. की अभी तक की जांच रिपोर्ट को खारिज कर दिया। न्यायालय ने सरकार को इस पूरे मामले की जांच के लिए नए सिरे से एस.आइ.टी. गठित करने के आदेश दिए हैं। गुड़ खाना और गुड़ियानी से परहेज, धर्मनिरपेक्ष […]
नरेंद्र नाथ कभी बंगाल में वामदलों की सरकार ने रवींद्रनाथ टैगोर की पुस्तक ‘सहज पाठ’ को स्कूली पाठ्यक्रम से बाहर कर दिया था, पर अब उन्हें अपना राजनीतिक अस्तित्व बचाने के लिए ‘सहज पाठ’ का ही आसरा दिख रहा है। यह उनके प्रचार अभियान का हिस्सा बन चुका है। उधर केरल के चुनाव में […]
नरेंद्र नाथ देश की राजनीति में धर्म का दखल नया नहीं है और न ही इसके आधार पर ध्रुवीकरण की कोशिश या इसे चुनावी लाभ-हानि से जोड़ने की परंपरा नई है। फिर भी इस बार पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान जिस तरह से धर्म का बेपर्दा इस्तेमाल देखा गया, ऐसा शायद ही […]
संजीव सिंह हम सभी ने इतिहास पढ़ा है कि मुगल सल्तनत की स्थापना 1526 में ज़हीर-उद-दीन मुहम्मद बाबर ने की थी। अगले दो शताब्दियों तक भारतीय उपमहाद्वीप के अधिकांश हिस्सों पर मुगलों का शासन रहा। आम धारणा यह है कि बाबर को भारत आने का निमंत्रण भेजा गया था और यह कार्य मेवाड़ के […]