प्रियांशु सेठ (वाराणसी) प्रसिद्ध योगगुरु बाबा रामदेव ने बयान दिया कि “ज्योतिष विद्या ने क्यों नहीं कोरोना काल के बारे में पहले जानकारी दी। सारे मुहूर्त भगवान ने बना रखे हैं। ज्योतिषी काल, घड़ी, मुहूर्त के नाम पर बहकाते रहते हैं। बैठे-बैठे ही किस्मत बनाते हैं। किसी ज्योतिष ने यह नहीं बताया कि कोरोना आने […]
Author: उगता भारत ब्यूरो
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कोणार्क सूर्यमन्दिर उपासना के अंतर्निहित भावों और देवस्थलों को स्थूल रूप देने के पीछे स्त्री पुरुष संयोग के सूक्ष्म और प्रकट तरीकों के कारण और कुछ प्रकार हम पिछली कड़ी में देख चुके हैं। दार्शनिक चित्रण, मंत्र, स्थापत्य, मिथकीय चित्रण और आधुनिक स्थापत्य में भी निर्माण के दर्शक पर पड़ने वाले सकल स्त्री या पुल्लिंग […]
महान बलिदानी- बंदा बैरागी 9 जून/बलिदान-दिवस आज बन्दा बैरागी का बलिदान दिवस है। कितने हिन्दू युवाओं ने उनके अमर बलिदान की गाथा सुनी है? बहुत कम। क्यूंकि वामपंथियों द्वारा लिखे गए पाठयक्रम में कहीं भी बंदा बैरागी का भूल से भी नाम लेना उनके लिए अपराध के समान है। फिर क्या वीर बन्दा वैरागी का […]
डॉ. कौशल कांत मिश्रा कोरोना की दूसरी वेव में हमने देश के स्वास्थ्य ढांचे को पूरी तरह से चरमराते हुए देखा। बेड, ऑक्सिजन और दवाओं की कमी की वजह से कई लोगों ने अपनों को खोया। कोरोना का कहर जिस तरह बरपा, उससे हमें यह बात तो समझ आ गई है कि जीडीपी के 2 […]
अवधेश कुमार जो मानकर चल रहे थे कि पश्चिम बंगाल में अपेक्षित सफलता नहीं मिलने के बाद बीजेपी चुनाव पूर्व उत्तर प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन करेगी, उन्हें निराशा हाथ लगी है। भारतीय राजनीति में उत्तर प्रदेश का महत्व हमेशा रहा है। कांग्रेस जब से राज्य में सिमट गई, राष्ट्रीय स्तर पर भी उसकी शक्ति कमजोर […]
प्रणव प्रियदर्शी अमेरिका में पिछले साल नवंबर में हुए राष्ट्रपति चुनावों में प्रचार का दौर वैसा रोमांचक, नाटकीय और यादगार नहीं रहा, जैसा मतों की गिनती का आम तौर पर औपचारिक माना जाने वाला दौर। लेकिन सबसे ज्यादा हैरतअंगेज रहा चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद संसद की बैठक में जीत-हार के फैसले पर मुहर […]
प्रणय कुमार निःसंदेह योग एवं आयुर्वेद को देश-दुनिया तक पहुँचाने में स्वामी रामदेव का योगदान अतुल्य एवं स्तुत्य है। उन्होंने योग और आयुर्वेद को शास्त्र एवं संस्थाओं से बाहर निकाल जन-जन तक पहुँचाने का अभूतपूर्व कार्य किया। इससे आम जन के धन और स्वास्थ्य की रक्षा हुई। उनके कार्यक्रमों को देख-सुन, उनके शिविरों में […]
कोणार्क सूर्यमन्दिर चेतावनी: मन्दिर यात्रा अब उस क्षेत्र में प्रवेश कर चुकी है जहाँ गम्भीर और पूर्वग्रहमुक्त पाठन की माँग है। कुछ शब्द, सामग्री और चित्रादि सम्वेदनशील जन को लज्जास्पद लग सकते हैं। हालाँकि गणित, स्थापत्य, ज्यामिति, साहित्यादि के कारण इसके रोचक होते जाने की भी आशंका है 😉 स्वविवेक से निर्णय लें कि इस […]
“लोग क्या कहेंगे” इस बात की व्यक्ति इतनी चिंता करता है, कि वह सही काम को सही समझते हुए भी नहीं कर पाता। और गलत काम को गलत समझते हुए भी नहीं छोड़ पाता। हर व्यक्ति सोचने विचार करने में स्वतंत्र है। योजनाएं बनाने और आचरण करने में स्वतंत्र है। वह अपनी इच्छा और बुद्धि […]
वैश्विक भाषा बन चुकी है हिंदी
संजय द्विवेदी बात अगर नई तकनीक और प्रौद्योगिकी की करें तो उसने हिंदी की ताकत और ऊर्जा का विस्तार ही किया है। हिंदी साहित्य को वैश्विक परिदृश्य पर स्थापित करने और एक वैश्विक हिंदी समाज को खड़ा करने का काम नयी प्रौद्योगिकी कर रही है। साहित्य और मीडिया की दुनिया में जिस तरह की बेचैनी […]