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कहानी

जीवन राग —————– नाचती हवाओं का संगीत

संजय पंकज   चिड़ियों की चहक से नींद खुली तो आंखों को मलते हुए अपने छोटे से बगीचे में आ गया। अभी सूरज निकला नहीं था, पूरब का आसमान लाल भी नहीं हुआ था, कुछ तारे टिमटिमा रहे थे तब भी दिशाओं में धुंध उजाला फैल गया था, सामने का सब कुछ साफ-साफ दिखने लगा […]

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आज का चिंतन

————– कहु सीता बिधि भा प्रतिकूला

विमल कुमार परिमल भारतीय संस्कृति की निर्माण-प्रक्रिया में रामकथा की लोकप्रियता और जनस्वीकार्यता एक महत्वपूर्ण अवयव है. इसी तरह रामकथा के विकास में सीता की अहम भूमिका है. सर्वोत्तम गुण सम्पन्न नारी के पर्याय के रूप में सीता का नाम आता है. यह अलग बात है कि लोकप्रचलित रामकथा में राम का नायकत्व अधिक प्रभावी […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

तालिबान सिर पर आ चुका है और हिंदुओं को कोई होश नहीं है।

हिंदुओं के अंदर खतरे को भांप लेने की क्षमता एकदम शून्य है… तालिबान सिर पर आ चुका है और हिंदुओं को कोई होश नहीं है। तालिबान की फोर्स में सबसे ज्यादा पश्तून नस्ल के लड़ाके हैं… पश्तून यानी पठान । अहमद शाह अब्दाली भी पश्तून ही था (आज के तालिबानियों का पूर्वज) 1761 में जब […]

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आतंकवाद देश विदेश

*अफगानिस्तान खंड खंड होगा/ पंजशील बनेगा नया देश* *नॉर्दन एलाइज का है एजेंडा/ मैं भी हू इस पर अभियानी*

  आचार्य श्री विष्णु गुप्त तालिबान और पाकिस्तान की बत्ती जल्द ही गुल होने वाली है। उसकी हिंसा और मानवता को शर्मसार करने वाली नीति को जैसे को तैसा के रूप में चुनौती मिलने वाली है। अफगानिस्तान में अभी भी कार्यवाहक राष्ट्रपति सलाह ही वैध शासक है। अफगानिस्तान की बनने वाली तालिबान सरकार अवैध ही […]

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देश विदेश

जब तक अफगानिस्तानी अपनी लड़ाई खुद नहीं लड़ेंगे तब तक तालिबानियों से उन्हें कोई नहीं बचा सकता ?

  अशोक मधुप प्रसिद्ध कवि रविंद्रनाथ टैगोर की एक कहानी है काबुलीवाला। काबुल का रहने वाले एक पठान हिंदुस्तान में घूम-घूम कर मेवा बेचने का काम करता है। लेखक की छोटी बेटी से वह घुल-मिल जाता है। लेखक की बेटी मिनी को बिल्कुल अपनी बेटी की तरह प्यार करता है। काबुलीवाला माफ करना, हमने तो […]

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विविधा

आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए विदेशी नहीं, घरेलू खपत बढ़ाएं जाने की आवश्यकता

  भरत झुनझुनवाला कोरोना संकट के अलग-अलग समय अलग-अलग देशों में उत्पन्न होने के कारण आज बड़े उद्यमी विदेशों से आयातित माल पर निर्भर नहीं होना चाहते हैं। उन्हें भय रहता है कि यदि कच्चा माल सप्लाई करने वाले देश में कोरोना का संकट आ गया और माल समय से नहीं पहुंचा तो उनका स्वयं […]

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इतिहास के पन्नों से

ऐसे हुई थी भगत सिंह के क्रांतिकारी साथी बटुकेश्वर दत्त की बेकदरी

  इतिहास ने जिसे भुला दिया ….. बटुकेश्वर दत्त ! नाम याद है या भूल गए ?? हाँ, ये वही बटुकेश्वर दत्त हैं जिन्होंने भगतसिंह के साथ दिल्ली असेंबली में बम फेंका था और गिरफ़्तारी दी थी। अपने भगत पर तो जुर्म संगीन थे लिहाज़ा उनको सजा-ए-मौत दी गयी । पर बटुकेश्वर दत्त को आजीवन […]

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आओ कुछ जाने

आइए जानते हैं कि बीजेपी गुजरात की सत्ता में कैसे आई ?

बीजेपी सत्ता में आई उसमें गुजरात का बहुत बड़ा योगदान है …गुजरात को मीडिया के लोग हिंदुत्व की प्रयोगशाला कहते थे …गुजरात पहला राज्य है जहां बीजेपी सत्ता में आई और जिस जमाने में बीजेपी के सिर्फ दो संसद सदस्य थे उसमें से एक मेहसाना से थे। आपको जानकर बड़ा आश्चर्य होगा कि गुजरात में […]

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महत्वपूर्ण लेख

क्या सर्वोच्च न्यायालय राजनीति के अपराधीकरण पर लगा पाएगा रोक ?

  जयशंकर गुप्त क्या हमारी सरकार और हमारे राजनीतिक दल सुप्रीम कोर्ट के आदेश-निर्देशों के अनुरूप इस मामले में कोई ठोस पहल करेंगे ! दरअसल, सभी दल चुनाव सुधारों की बात तो जोर-शोर से करते हैं लेकिन मौका मिलते ही अपनी चुनावी जीत सुनिश्चित करने के लिए उन सभी बुराइयों का लाभ लेने में जुट […]

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इतिहास के पन्नों से

आजाद हिंद फौज का सपना था कुतुब मीनार पर ध्वज फहराए जो अधूरा रह गया ?

  अखिलेश झा दिल्ली चलो… यह नारा था आजाद हिंद फौज का, नेताजी सुभाष चंद्र बोस का। अंग्रेजों के चंगुल से देश को छुड़ाने निकली उस फौज का मार्चिंग सॉन्ग भी बनाया गया, इसी नारे को। उस गीत में कहा गया था, ‘चलो दिल्ली…चलो दिल्ली… चलो दिल्ली, जवानो, हिंद को आजाद करवाएं’। उसमें दिल्ली की […]

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