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इतिहास के पन्नों से

देश के गौरवशाली इतिहास का उत्तराधिकारी है बिहार

संतोष पाठक 1990 के बाद बिहार में एक बड़ा राजनीतिक परिवर्तन हुआ जिसे लाने वालों ने इसे सामाजिक न्याय का नाम दे दिया। यह दावा किया गया कि बिहार में सदियों से जो सामाजिक स्तर पर भेदभाव किया गया , उसे बदलने का अब सही वक्त आ गया है। देश के गौरवशाली इतिहास का प्रतीक […]

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देश विदेश

पंजशीर घाटी बन चुकी है एक अभेद्य किला

अरुण नैथानी अब जब अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो चुका है और देश में अराजकता का दौर है, एक बुलंद आवाज तालिबान के खिलाफ उठी है। राष्ट्रपति अशरफ गनी के पलायन के बाद अफगानिस्तान के संविधान के मुताबिक उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने खुद को अफगानिस्तान का राष्ट्रपति घोषित किया। वे तालिबानी निरंकुशता के खिलाफ […]

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राजनीति

भारत की वर्तमान शासन प्रणाली गुजर रही है विश्वसनीयता के संकट से

(पत्रिका) (लेखक नीति अनुसंधान एवं पैरवी संस्था ‘कट्स’ के महामंत्री हैं ) प्रधानमंत्री ने करगिल दिवस पर ‘भारत जोड़ो अभियान’ Connect India Campaign का आह्वान किया था। इस आह्वान के दो अर्थ समझ में आते हैं , पहला, सबके बीच विश्वास पैदा करना और दूसरा देश में सबके साथ मिलजुल कर काम करना। हम अपने […]

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भारतीय क्षत्रिय धर्म और अहिंसा

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा विभीषिका दिवस मनाए जाने की घोषणा का औचित्य

राजेन्द्र शर्मा सवाल तो यह है कि क्या ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ की नरेंद्र मोदी की कल्पना, इस भयानक त्रासदी को याद रखने के अब तक के प्रयासों की मुख्यधारा के काम में कुछ जोड़ती है, उसे आगे बढ़ाती है? शायद नहीं। बेशक, यह दिन विभाजन की विभीषिका के स्मरण के लिए है। लेकिन, ऐसी […]

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स्वर्णिम इतिहास

जब जैसलमेर के शासक लूणकरण भाटी को दिया था अफगानिस्तान के शासक ने धोखा

* जब कंधार के तत्कालीन शासक अमीर अली खान पठान को मजबूर हो कर जैसलमेर राज्य में शरण लेनी पड़ी। तब यहां के महारावल लूणकरण थे। वे महारावल जैतसिंह के जेष्ठ पुत्र होने के कारण उनके बाद यहां के शासक बने। वैसे उनकी कंधार के शासक अमीर अली खान पठान से पहले से ही मित्रता […]

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महत्वपूर्ण लेख

काश! इस अमृत महोत्सव में अमृत की कुछ बूंदें सारे वंचितों को मिल सके

लक्ष्मीकांता चावला इन दिनों देश के राजनीतिक गलियारों में और सत्तापतियों में एक होड़ लगी है कि किसी तरह आगामी जनगणना जाति के आधार पर हो। पिछले वर्षों में भी आरक्षण के लिए जातियों के आधार पर कुछ गणना होती रही है और अब जो मांग की जा रही है, उसका रूप कुछ अलग है। […]

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आतंकवाद

सैफ अली ने अपने बेटे का नाम तैमूर क्यों रखा ?

कड़वा सच अफगानिस्तान में लगभग कोई भी हिन्दू और सिक्ख नही बचा है। इसी के साथ वहां से 3 गुरुग्रंथ भी लाए गए। इन्हें केंद्रीय मंत्री ने सम्मान के साथ लिया। कुछ समय पहले एक बहुत बड़ा वर्ग CAA का विरोध कर रहा था। कोई इमरान को यार बता रहा था तो कोई तालिबान के […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

भारत में होने वाली मिथ्या शोधों के परिणाम

मिथ्या शोध आक्रमणकारियों ने विश्वविद्यालय तथा पुस्तकालय जलाये। अंग्रेजों ने भी यह किया। इसके अतिरिक्त जो बचा साहित्य था, उन सभी का सत्य के ठीक उलटा शोध आरम्भ किया तथा पाठ्य क्रम में उसे ही डाला। अभी तक लोग उसी में उलझे हुए हैं। (१) भारतीयों को विदेशी तथा बाहरी को मूल निवासी बनाना-भारतीय शास्त्रों […]

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आतंकवाद

भविष्य में भारत-पाक में बढ़ेगी तकरार

मेजर जन. अशोक के. मेहता (अ.प्रा.) वर्ष 2001 में अफगानिस्तान से खदेड़े जा चुके तालिबान के लिए मुल्क दुबारा फतह करना एक उपलब्धि है। यह वही तालिबान है, जिसने कभी अमेरिका के लिए कहा था : ‘बेशक अमेरिका के पास घड़ियां हैं, लेकिन वक्त हमारा होगा।’ अब स्थितियां घूम-फिर कर वापस उसी बिंदु पर आ […]

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आओ कुछ जाने विधि-कानून

जनहित याचिकाएं ना बने निजी हित साधने का हथियार

अनूप भटनागर समाज के कमजोर और न्याय तक पहुंच से वंचित तबकों के हितों की रक्षा के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा अस्सी के दशक में शुरू की गयी जनहित याचिका, जो पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन के नाम से ज्यादा चर्चित है, प्रणाली आज जनता के मौलिक अधिकारों की रक्षा और इनके प्रति उदासीन कार्यपालिका और भ्रष्ट […]

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