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देश विदेश

पोप से मोदी की मुलाकात के दीर्घकालिक और अल्पकालिक उद्देश्य

पोप से क्यों मिले मोदी ? दीर्घकालिक और अल्पकालिक उद्देश्य… सवाल यह है कि वेटिकन हिंदुओं के साथ गठबंधन करने को तैयार क्यों होगा, जो पहले एक कटु दुश्मन हुआ करता था ? इसका उत्तर यह है कि इस्लाम और वामपंथ ने पहले ही अपनी ही मांद, अमेरिका और यूरोप में ईसाई धर्म पर कहर […]

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इतिहास के पन्नों से

भारत में सैन्य विज्ञान का एक पूरा कोष है धनुर्वेद

विवेक भटनागर धनुर्वेद एक उपवेद है। इसके अन्तर्गत धनुर्विद्या या सैन्य विज्ञान आता है। दूसरे शब्दों में, धनुर्वेद, भारतीय सैन्य विज्ञान का दूसरा नाम है। शास्त्रों के अनुसार चार वेद हैं और इसी तरह चार उपवेद हैं। इन उपवेदों में पहला आयुर्वेद है। दूसरा शिल्प वेद है। तीसरा गंधर्व वेद और चौथा धनुर्वेद है। इस […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

कालापानी जाने के कारण

लेखक – आचार्य भगवानदेव गुरुकुल झज्जर पुस्तक – कालापानी यात्रा 1966 प्रस्तुतकर्ता – अमित सिवाहा विरक्त और वीरपुरुषों के प्रति मेरी बाल्यकाल से ही श्रद्धा और भक्ति रही । कारण भी मैं यही समझता हूं कि मेरे माता – पिता ने शूरवीर और साधु – संन्यासियों है अतः उनके विषय में मुझे लिखना और पढ़ना […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

यूरोपियन नजरिए से भारत को देखना कितना उचित है

जवाहर लाल कौल भारत को कैसे समझें, यह प्रश्न प्रायः पूछा जाता है। लेकिन इस विषय पर अनंत बहस चलने के बावजूद कोई सार्थक उत्तर नहीं मिल पाता। वास्तव में इस प्रश्न की आवश्यकता ही नहीं होती यदि हम यह जानने का प्रयास करते कि हम अब तक किन मापदण्डों से स्वयं को और अपनी […]

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इतिहास के पन्नों से

आर्थिक और तकनीकी विकास महाभारत काल में था अपने चरम पर

सूर्यकान्त बाली महाभारत का काल भारत के लिए काफी वैभवपूर्ण और आर्थिक समृद्धि का काल रहा है। महाभारत के काल में तकनीकी विकास भी अपने चरम पर रहा है। आम तौर पर तकनीकी की बातों को महाभारत में काव्य होने के कारण आलंकारिक रूप से दिया गया है। प्रसिद्ध लेखक व पत्रकार श्री सूर्यकांत बाली […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

वह था दयानंद

◆ वह था दयानन्द… “तीस करोड नामर्दों में जो अकेला मर्द होकर जन्मा, बरसाती घास-फूस और मच्छरों की तरह फैले हुए मनुष्य जन्तु की मूर्खता की चरमसीमा के प्रमाण स्वरुप मत-मतान्तरों का जिसने मर्दानगी से विध्वंसिनी ज्वाला की तरह विध्वंस किया, मरे हुए हिन्दू धर्म को अपने जादू के चमत्कार से जीवित कर दिया और […]

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इतिहास के पन्नों से

बड़ी गौरवशाली रही है वैदिक गणित की विकास यात्रा

सुद्युम्न आचार्य शब्दों में भी अनेक प्रकार के परिवर्तन होते रहते हैं। ये शब्द समाज की वाणी से मुखरित होकर कालक्रमानुसार अनेक प्रकार के रूप धारण करते रहते हैं। कभी तो इनकी ध्वनियों में बदलाव हो जाता है। यह बदलाव इतना अधिक होता है कि वह समूचा शब्द नया रूप धारण कर लेता है। कभी […]

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समाज

सभ्यता के संस्कार और सिनेमा

जयप्रकाश सिंह उपलब्ध ऐतिहासिक साक्ष्यों से यह स्पष्ट हो जाता है कि मिशनरियों द्वारा सिनेमा के जरिए पश्चिमी आदर्शों को भारत पर थोपे जाने का विरोध करने के लिए दादा साहब ने भारतीय सिनेमा को स्थापित किया। यह एक स्थापित तथ्य है कि औपनिवेशिक शासनकाल में मतांतरण की प्रकिया को राज्याश्रय प्राप्त था। हिन्दू धर्मावलम्बियों […]

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भारतीय संस्कृति

ऋग्वेद में वर्णित रोग और उनका निदान

कृपाशंकर सिंह ऋग्वेद की ऋचाओं में कुछेक रोगों के नाम भी मिलते हैं। इनमें यक्ष्मा, राजयक्ष्मा, हृदय रोग, दनीमा (बवासीर) हरिमा पृष्ठयामगयी आदि रोगों का उल्लेख है। इसमें से यक्ष्मा रोग का वर्णन कई ऋताओं में मिलता है। यक्ष्मा से ऋषियों का वास्तविक आशय किस तरह के रोग का है, यह पूरी तौर पर स्पष्ट […]

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आओ कुछ जाने

सृष्टि विज्ञान का पूरा रहस्य जानते थे हमारे पूर्वज

डॉ. ओमप्रकाश पांडे सृष्टि विज्ञान के दो पहलू हैं। पहला पहलू है कि सृष्टि क्या है? आधुनिक विज्ञान यह मानता है कि आज से 13.7 अरब वर्ष पहले बिग बैंग यानी कि महाविस्फोट हुआ था। उसके बाद जब भौतिकी की रचना हुई, अर्थात्, पदार्थ में लंबाई, चौड़ाई और गोलाई आई, वहाँ से विज्ञान की शुरुआत […]

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