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आओ कुछ जाने

संविधान की मूल प्रति में दिए गए चित्रों का आखिर क्या महत्व है ?

डॉ. अजय खेमरिया 26 नबम्बर1949 को हम भारतीयों का संविधान बनकर तैयार हुआ था।आज 71 बर्ष बाद हमारा संविधान क्या अपनी उस मौलिक प्रतिबद्धता की ओर उन्मुख हो रहा है जिसे इसके रचनाकारों ने अपनी भारतीयता के प्रधानतत्व को आगे रखकर बनाया था।आज इस सवाल को सेक्यूलरिज्म के आलोक में विश्लेषित किये जाने की आवश्यकता […]

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इतिहास के पन्नों से देश विदेश

एक ऐसा देश जिसने मजहब तो बदला है पर पूर्वज नहीं

विकास बहुगुणा मुस्लिम बहुल इंडोनेशिया में लोग न केवल बेहतर इंसान बनने के लिए रामायण पढ़ते हैं बल्कि इसके पात्र वहां की स्कूली शिक्षा का भी अभिन्न हिस्सा हैं कुछ साल पहले की बात है। इंडोनेशिया के शिक्षा और संस्कृति मंत्री अनीस बास्वेदन भारत आए थे. इस यात्रा के दौरान उनके एक बयान ने खास […]

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राजनीति

लोकनायक जयप्रकाश नारायण की विरासत और आज की सियासत

डॉ. अजय खेमरिया देश ने अपनी आजादी के स्वर्णिम आंदोलन के बाद जिस महान नेता को लोकनायक के रूप में स्वीकार किया उस जयप्रकाश नारायण यानी जेपी के बिना आजाद भारत का कोई भी राजनीतिक विमर्श आज पूर्ण नही होता है।समकालीन राजनीति में नेतृत्व करने वाली पूरी पीढ़ी वस्तुतः जेपी की छतरी से निकलकर ही […]

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Uncategorised

राजा कृष्णदेव राय ने सात सौ साल पहले जल संकट का हल ऐसे खोजा था

उगता भारत ब्यूरो दक्षिण भारत के विजयनगर (इसकी राजधानी कर्नाटक के हम्पी के नजदीक थी) के प्रसिद्ध राजाओं (1336-1564) ने सिंचाई की सुविधाओं को विकसित करने पर काफी जोर दिया। वे इसे खेती में सुधार के लिए जरूरी मानते थे। विजयनगर के शासकों में सबसे प्रसिद्ध और निपुण राजा कृष्णदेव राय (1509-1530) ने एक बार […]

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यदि कांग्रेस ने सावरकर की बात पर दिया होता ध्यान तो देश का नहीं होता बंटवारा

उदय माहुरकर स्वातंत्र्यवीर सावरकर वह राष्ट्रवादी विभूति थे जिन्होंने आजादी के बाद के कालखण्ड में समाज को एकजुट रखने में भरपूर योगदान दिया। आज आवश्यकता है उनके दीर्घकालिक और तार्किक राष्ट्रवाद के प्रकाश में भीमा-कोरेगांव, जातिवादी दंगों और पत्थर गढ़ी जैसी घटनाओं पर रोक लगाई जाए और उन्हें झूठे प्रचार के जरिए नीचा दिखाए जाने […]

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इतिहास के पन्नों से

मदर टेरेसा (भाग 1)

भारत में गरीबों और बीमारों की सेवा के नाम पर धर्मांतरण कराने वाली ईसाई एजेंट एग्नेस गोंक्सा बोयाजियू उर्फ मदर टेरेसा के नाम के आगे ‘संत’ जोड़ा जा रहा है। पिछले आधी से ज्यादा सदी से भारत और दुनिया भर में मदर टेरेसा का महिमामंडन होता रहा है। जबकि यह बात लगातार सामने आती रही […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

रानी लक्ष्मीबाई : झांसी की वह तलवार जिसके अंग्रेज भी उतने ही मुरीद थे जितने हम हैं

पुलकित भारद्वाज 15 मार्च 1854 गोधूलि बेला में झांसी का सफेद शाही हाथी घुड़सवार दस्तों के साथ राजमहल की तरफ बढ़ रहा था। आमतौर पर झांसी के शाही मेहमानों की अगवानी इसी तरह की जाती थी। लेकिन उस दिन हाथी के ऊपर लगे और लाल मखमल से सजे चांदी के हौद में जो शख्स सवार […]

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महत्वपूर्ण लेख

सनातन धर्म में रिजवी की वापसी एक शुभ संकेत

सनातन मार्ग पर वसीम की वापसी #vijaymanohartiwari मैं लंबे समय से वसीम रिजवी को सुन और पढ़ रहा था। उनका लिखा भी और उनके बारे में लिखा गया भी। मुख्य धारा के मीडिया यानी अखबार और टीवी चैनलों से ज्यादा सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वे छाए हुए थे। यूट्यूब चैनलों में उन्हें अपनी बात खुलकर […]

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आओ कुछ जाने

ज्ञान विज्ञान: ब्रह्मांड की गहराई को देखेगी अब एक नई आंख

मुकुल व्यास अमेरिकी खगोल वैज्ञानिक एडविन हबल ने सबसे पहले यह सिद्ध किया था कि हमारी मिल्की-वे आकाशगंगा के आगे दिखने वाले अनेक ऑब्जेक्ट दरअसल दूसरी आकाशगंगाओं की मौजूदगी दर्शाते हैं। तब से खगोल वैज्ञानिक यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि सबसे पुरानी आकाशगंगाएं कितनी पुरानी हैं, उनका गठन कैसे हुआ और बाद […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

पिछले ढाई हजार वर्ष में हुए हैं भारत के दो दर्जन टुकड़े

इन्द्रेश कुमार प्राय: पाकिस्तान व बांग्लादेश निर्माण का इतिहास तो सभी जानते हैं। शेष इतिहास मिलता तो है परन्तु चर्चित नहीं है। सन 1947 में विशाल भारतवर्ष का पिछले 2500 वर्षों में 24वां विभाजन है। सम्पूर्ण पृथ्वी का जब जल और थल इन दो तत्वों में वर्गीकरण करते हैं, तब सात द्वीप एवं सात महासमुद्र […]

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