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पुस्तक समीक्षा

सामाजिक एवं राजनैतिक जीवन के कटु यथार्थ को व्यंजित करते  ‘दीमक लगे गुलाब’

(प्रियंका ‘सौरभ’ का ग्लोबल ज़माने की लोकल कविताओं का संग्रह; अमेज़न, फ्लिपकार्ट और अन्य ऑनलाइन मंचों पर उपलब्ध है) ‘दीमक लगे गुलाब’ युवा कवयित्री प्रियंका ‘सौरभ’ का ‘निर्भयाएं’ के बाद दूसरा संग्रह है, साहित्य सृजन के क्षेत्र में वे लंबे समय से सक्रिय है। साहित्य और समसामयिक लेखन में प्रियंका ‘सौरभ’ आधुनिक तकनीकी युग की […]

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आओ कुछ जाने

कॉन्वेंट स्कूल का अर्थ समझोगे तो चौंक जाओगे आप भी

उगता भारत ब्यूरो सबसे पहले तो यह जानना आवश्यक है कि ये शब्द आखिर आया कहाँ से है, तो आइये प्रकाश डालते हैं। ब्रिटेन में एक कानून था लिव इन रिलेशनशिप बिना किसी वैवाहिक संबंध के एक लड़का और एक लड़की का साथ में रहना। जब साथ में रहते थे तो शारीरिक संबंध भी बन […]

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इतिहास के पन्नों से

नेहरू और कांग्रेस ने महाराजा हरि सिंह की सुनी होती, तो अनुच्छेद 370 भारतीय संविधान का कभी हिस्सा न बनता

उगता भारत ब्यूरो जम्मू कश्मीर में शेख अब्दुल्ला और जवाहरलाल नेहरु की जुगलबंदी ने जम्मू कश्मीर को एक ऐसी अंधी खाई में धकेल दिया, जिसका परिणाम हम आज अलगाववाद और आतंकवाद के रूप में देखते है. 1947 में जब देश आजाद हुआ तो देसी रियासतों के सामने दो विकल्प थे, या तो वो पाकिस्तानी डोमिनियन […]

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आतंकवाद

“माहौल खराब मत करो”- कहने वाले इस सच्चाई को जरूर समझ ले

डॉ. राजीव मिश्रा अगर आप कभी भी हिन्दू समाज के संकट की चर्चा करेंगे तो आपको अक्सर ऐसे हिन्दू मिलेंगे जो आकर कहते हैं कि “कोई संकट नहीं है” या “माहौल खराब मत करो”। मुझे शायद ही कभी कोई मुस्लिम मिला होगा जो मेरी बात का विरोध करे। हमेशा हिन्दू ही मिलते हैं जो आपकी […]

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महत्वपूर्ण लेख

जनसंख्या वृद्धि रच रही है हमारे विनाश की लीला

संदीप सृजन वर्तमान में विश्व की जनसंख्या साढ़े सात अरब के आंकड़े को पार कर चुकी हैं । और जिस रफ़्तार से जनसंख्या बढ़ रही हैं वह आने वाले समय में पुरे विश्व में भयावह स्थिती का निर्माण करेगी। कारण जनसंख्या वृद्धि की रफ़्तार के सामने प्राकृतिक संसाधन पुरे विश्व में सिमित है। बेलियात के […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

भारत के स्वर्णिम भविष्य के कुशल शिल्पकार थे महान वैज्ञानिक और भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे कलाम

संदीप सृजन “जिस दिन हमारे सिग्नेचर, ऑटोग्राफ में बदल जाएं मान लिजिए आप कामयाब हो गये” इस दिव्य मंत्र से भारत के युवाओं में नई चेतना का संचार करने वाले भारत के सच्चे रत्न थे डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम वह व्यक्ति थे जो बनना तो पायलट चाहते थे लेकिन किन्हीं कारणों […]

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इतिहास के पन्नों से

महाभारत: एक आधुनिक समाज वैज्ञानिक की दृष्टि

-प्रो. कुसुमलता केडिया जब मैं 8 या 9 वर्ष की थी तो मुझे टायफाइड हो गया। उस समय घरवालों ने हमारे नगर के एक प्रसिद्ध पंडित जी को बुलाया और 18 दिनों तक उन्होंने महाभारत की कथा के कई अंश कहे। मैं कुछ समझी कुछ नहीं समझी। बाद में, जब मैं 18 वर्ष की हुई […]

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आओ कुछ जाने

चीन के लिए भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत क्यों थे सबसे बड़ा खतरा ?

चीन के लिए क्यो थे बिपिन रावत सबसे बड़ा खतरा, क्यो बिपिन रावत और मोदी ने मिलके चीन की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी थी* 👆पूरी वीडियो देख के समझिए, क्यो सबसे बड़ा शक चीन के ऊपर ही इस पूरी शाजिश का चीन अपने दो पड़ोसी देशों को अपना निकटतम दुश्मन मानता है। एक है […]

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आज का चिंतन

धर्म रहित राजनीति से होता है सर्वत्र पतन

🔥 ओ३म् भूपेश आर्य प्राचीन काल में हमने देखा कि जितने भी धर्म का पालन करनेवाले राजा हुए, उनका राज्य काफी समय तक चला और सुदृढ़ता युक्त चला। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम, योगीराज श्रीकृष्णजी, महाराज दशरथ, महाराज अश्वपति, राजा विक्रमादित्य, महाराज युधिष्ठिर आदि अनेक धार्मिक राजाओं ने अपने राज्य को धर्म की मर्यादा में रहकर चलाया […]

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आज का चिंतन

वेदों में मानव अधिकारों की अवधारणा

-संजय कुमार आज विश्व मानवाधिकार दिवस है। विश्व के प्रथम/सर्वश्रेष्ठ ज्ञान वेदों में मानवाधिकारों विषय में अत्यंत सुन्दर सन्देश दिया गया हैं। वेदों का सन्देश न केवल सार्वकालिक है अपितु सार्वभौमिक, सर्वग्राह्य, सर्वहितकारी, सर्वकल्याणकारी, भी है। वेदों का यह मंत्र देखिये समानी प्रपा सहवोऽन्भागः समाने योषत्रे सहवो युनाज्मि। सम्यंचोऽग्नि सपर्य्यतारा नाभिमिवा भितः। अथर्व 3।30।6 ईश्वर […]

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