सेंटा का गिफ्ट… सन 1510 गोआ के तात्कालिक मुश्लिम शासक यूसुफ आदिल शाह को पराजित कर पुर्तगालियों ने गोआ में अपनी सत्ता स्थापित की। अगले पच्चीस तीस वर्षों में गोआ पर पुर्तगाली पूरी तरह स्थापित हो गए। फिर शुरू हुआ गोआ का ईसाईकरण। कुछ लोग उनकी कथा के प्रभाव में आ कर धर्म बदल लिए […]
Author: उगता भारत ब्यूरो
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उगता भारत ब्यूरो साल 2050 तक दुनिया की कुल आबादी में हिंदुओं की संख्या तीसरे नंबर पर होगी, जबकि भारत में मुस्लिमों की संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा होगी। पीयू रिसर्च सेंटर की ओर से की गई स्टडी में इस बात का खुलासा किया गया है। स्टडी के मुताबिक, भारत मुस्लिम आबादी के मामले में […]
पृथ्वीराज चौहान राजा सोमेश्वर और कलचुरी की राजकुमारी रानी कर्पुरदेवी के पुत्र थे।पृथ्वीराज विजय के अनुसार उनका जन्म ज्येष्ठ माह के बारहवीं तिथि को हुआ था. वे बहुत सी भाषाओँ के जानकार थे। धनुर्विद्या में महारत हासिल कर रखा था।शब्दभेदी बाण के वे सिद्धहस्त थे।उन्होंने बचपन में शेर का जबड़ा अपने हाथों से फाड़ दिया […]
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का नाम आते ही हिन्दुत्व के आराधक पंडित मदनमोहन मालवीय जी की तेजस्वी मूर्ति आँखों के सम्मुख आ जाती है। 25 दिसम्बर, 1861 को इनका जन्म हुआ था। इनके पिता पंडित ब्रजनाथ कथा, प्रवचन और पूजाकर्म से ही अपने परिवार का पालन करते थे। प्राथमिक शिक्षा पूर्णकर मालवीय जी ने संस्कृत तथा […]
बीते दिनों पंजाब के हरिमंदिर साहिब में संगठित भीड़ ने एक व्यक्ति की ‘गुरुग्रन्थ साहब’ की बेअदबी करने के आधार पर हत्या कर दी है। उसके बाद ऐसा ही कपूरथला अन्तर्गत निजामपुर गुरुद्वारे में ‘निशान साहिब’ की बेअदबी को लेकर भी हुआ है। इस पर देश के अन्दर से व विदेश से तरह-तरह की प्रतिक्रियाएँ […]
आध्यात्मिकता की अनुभूति
लेखक- महात्मा नारायण स्वामी प्रस्तोता- दीपक हाडा, प्रियांशु सेठ संसार के अधिकतर मनुष्य आध्यात्मिकता को अच्छा समझते हैं, परन्तु बहुत थोड़े मनुष्य ऐसे मिलेंगे जो शब्द को अच्छा मानने के साथ इनका प्रायोजन भी समझते हैं। मानव का बाह्य भाग शरीर है तथा भीतरी भाग आत्मा, अत: आध्यात्मिकता शब्द ही (जो आत्मा से सम्बन्धित है) […]
विवेक दर्शन पत्रिका अभी हाल ही में अरब द्वारा तबलीगी जमात को आतंकवादी मानते हुए अरब में ही प्रतिबंधित कर दिया। और यह जब भारत में उनके इन सभी कुकर्मी का हमे साली से पता था तो भी माननीय विपक्ष और तथाकथित सेकुलर इनके बेन को तो छोड़िए किसी भी प्रकार से किसी भी सुविधा […]
मारिया वर्थ स्वामी विवेकानंद ने कहा था, कि हिंदू धर्म छोडने वाला हर व्यक्ति ना सिर्फ हिंदू की संख्या एक से कम करता है, बल्कि दुश्मनों की संख्या एक से बढ़ाता है। हठधर्मी क्रिश्चियनिटी के दम घुटनेवाले माहौल में पली हुई एक महिला के विचार, जो हिंदू धर्म की लचीली स्वतंत्रता और ताजापन को सहारती […]
डॉ. प्रभात कुमार सिंघल धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सप्तपुरी के शहर सांस्कृतिक और भाषाई विविधता के बावजूद भारत की एकता को दर्शाते हैं। ये शहर हमारे देवताओं और अवतारों की जन्म भूमि रही हैं। इन शहरों में धर्म और आध्यात्म की सरिता बहती हैं और श्रद्धालु इनकी यात्रा कर पुण्य लाभ प्राप्त करते हैं। सप्तपुरी […]
लेखक: सहदेव समर्पित, संपादक शांतिधर्मी मासिक, जींद 9416253826 स्वराज्य तभी संभव हो सकता है जब हिन्दू इतने अद्दिक संगठित और शक्तिशाली हो जाएँ कि नौकरशाही तथा मुस्लिम धर्मोन्माद का मुकाबला कर सकें। -स्वामी श्रद्धानन्द मृतप्रायः हिन्दू जाति की रगों मेें नये रक्त का संचार करने वाले, अपनी सिंह-गर्जना से देश और धर्म के दुश्मनों को […]