डॉ संजय पंकज आत्मविश्वास और देवत्व से देदीप्यमान आनन, पवित्रता और पुरुषार्थ से चमकती आंखें, गौरव और दर्प से उन्नत सिर, चौड़ी छाती, कसी मांसपेशियां, दिशाओं को भुजाओं में समेट लेने की शक्ति से भरी हुई बाहें और दृढ़ता से धरती पर जमे पैर! यह है नर- नाहर योद्धा संन्यासी स्वामी विवेकानंद का दमकता हुआ […]
Author: उगता भारत ब्यूरो
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उगता भारत ब्यूरो माला में क्यों होते हैं 108 दाने- 12 राशियांत्रिक क्यों होती है। क्या आपने कभी ग़ौर किया है कि जाप की सभी मालाओं में 108 दाने ही क्यों होते हैं? संख्या 108 ही क्यों है, 107 या 109 क्यों नहीं? आख़िर हिंदू धर्म में 108 का इतना ज़्यादा महत्व क्यों है? तो […]
दुनिया में हम जैसा दूसरा कोई नहीं
शालिनी तिवारी अद्वितीय यानी जिसके जैसा दूसरा न हो। इसे ही अंग्रेजी में यूनिक ( Unique ) भी कहा जाता है। खैर यह बिल्कुल सच भी है कि दुनियाँ का प्रत्येक प्राणी अद्वितीय है।यकीन मानिए आप जैसा न कोई इस दुनियाँ में हुआ है और आने वाले वक्त में न होगा ही। जरा गौर कीजिए, […]
तारकेश कुमार ओझा आधुनिकता के उच्चतम शिखर पर जहां आज भी मानव जीवन के चिह्न नदारद हो वहां सदियों पहले मानवीय दिनचर्या की उपस्थिति किसी को भी देवत्व प्रदान करने के लिए पर्याप्त है, क्योंकि अत्यंत दुर्गम क्षेत्र में सामान्य जीवन यापन व सात्विक क्रियाकलाप कोई सहज कार्य नहीं। हम बात कर रहे हैं पश्चिम […]
#डॉविवेकआर्य सारे देश की आशा है, हिंदी आपकी भाषा है। 10 जनवरी आर्य भाषा ‘हिंदी दिवस’ पर हार्दिक शुभकामनायें स्वामी दयानंद ने 1857 के स्वाधीनता संग्राम को असफल होते देखा था और उसके असफल होने का मुख्य कारण भारतीय समाज में एकता की कमी होना था। स्वामी दयानंद ने इस कमी को समाप्त करना आवश्यक […]
सारे देश की आशा है, हिंदी आपकी भाषा है
राष्ट्रभाषा हिन्दी और देवनागरी लिपि #विश्वहिन्दीदिवस 10 जनवरी आर्य भाषा ‘हिंदी दिवस’ पर हार्दिक शुभकामनायें लेखक- डॉ० भवानीलाल भारतीय प्रस्तोता- प्रियांशु सेठ, डॉ० विवेक आर्य सहयोगी- डॉ० ब्रजेश गौतमजी अपने विचारों को दूसरे तक प्रेषित करने में हमें भाषा की आवश्यकता पड़ती है। स्वामी दयानन्द जब धर्म प्रचार के क्षेत्र में आये तब उनके सामने […]
वैदिक मंत्रों की शिक्षा में उपयोगिता
उगता भारत ब्यूरो वैदिक मंत्रों का जाप करने से छात्रों को पढ़ाई से होने वाले तनावों से निपटने और परीक्षा में बेहतर अंक मिलने में मदद मिलती है। बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (BITS) पिलानी के हैदराबाद कैम्पस की एक रिसर्च में यह दावा किया गया है। इतना ही नहीं, वैदिक मंत्रों के जाप से छात्र […]
वैदिक संस्कृति में प्रकृति प्रेम
अशोक “प्रवृद्ध वैदिक संस्कृति का प्रकृति से अटूट सम्बन्ध है। वैदिक संस्कृति का सम्पूर्ण क्रिया -कलाप प्राकृत से पूर्णतः आवद्ध है। वेदों में प्रकृति संरक्षणअर्थात पर्यावरण से सम्बंधित अनेक सूक्त हैं। वेदों में दो प्रकार के पर्यावरण को शुद्ध रखने पर बल दिया गया है – आन्तरिक एवं बाह्य। सभी स्थूल वस्तुऐं बाह्य एवं शरीर […]
उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधयत।।ओ३म्।। उठो, जागो और अपने अस्तित्व को पहचानो सावधान! सावधान!! सावधान!!! अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए, सावधान! एक समय था जब सनातन संस्कृति का ध्वजवाहक भारत का अस्तित्व 83 लाख वर्ग किलोमीटर तक फैला हुआ था, वर्तमान में वह मात्र 32 लाख वर्ग किलोमीटर में सिमट कर रह गया […]
विवेक दर्शन पत्रिका जब प्यार किया तो डरना क्या – प्यार ..किस किस से….. प्रतापसिंह इस्लाम की खूबसूरती इसमें है कि पूरा कुनबा एक साथ एक ही “थाली” में खाये और उपयोग करे भारतीय इतिहास में जब भी अमर प्रेम कहानियों का जिक्र होता है तो सलीम और अनारकली का नाम जरूर आता है। इस […]