उगता भारत ब्यूरो आखिरकार चुनाव आयोग ने राज्यों की स्थितियों का अवलोकन करने के बाद पांच राज्यों में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी। साथ ही आचार-संहिता लागू हो गई है। कोरोना संक्रमण की तेज रफ्तार के चलते देश में ऊहापोह की स्थिति थी कि क्या चुनाव टाले जायेंगे या नियत समय में ही होंगे। […]
Author: उगता भारत ब्यूरो
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डॉ. इंद्रेश कुमार पंजाब के Nangal (नंगल) और लुधियाना ‘ में कुछ कार्यक्रम थे । प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान वहां आमंत्रित मुख्य अतिथि से खालिस्तान समर्थक एक बंधु ने तीख़ा प्रश्न करते हुए कहा- खालिस्तान की मांग पर आप (हिन्दुओं) को क्या कहना है? मुख्य अतिथि ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया :- जब देश को […]
आयुष्मान भवः
आयुष्मान भवः गायत्री मंत्र – ओ३म् भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्यः धीमहि, धियो यो नः प्रचोदयात्। हे सर्वरक्षक परमात्मा, प्राण स्वरूप, प्राणाधार, दुख:विनाशक, दुख:हर्त्ता, सुख स्वरूप, आनंद ऐश्वर्य के दाता, कीर्ति के प्रदाता, आप सवित हैं, उत्पादक हैं, प्रेरक हैं, प्रकाशक हैं, ज्योतिर्गमय हैं, ज्योत्सना हैं, शुद्ध ज्ञान-विज्ञान स्वरूप, देवों के देव महादेव परमात्मा आप […]
गाजियाबाद। ( ब्यूरो डेस्क ) रामबिलास पासवान भाजपा को ‘भारत जलाओ पार्टी’ कहते थे और उन्होंने दंगाई और सांप्रदायिक कहकर भाजपा के साथ गठबंधन को तोड़कर अलग हो गये थे। फिर वे कांग्रेस और लालू प्रसाद यादव के साथ गठबंधन में रहे। 2009 के लोकसभा चुनाव में बिहार की हाजीपुर सीट से उनकी हार […]
बलवीर पुंज रामजन्मभूमि अयोध्या- जिसका नाम लेने भर से भारत के करोड़ों लोग आस्था के सागर में प्रवाहित हो जाते है। श्रद्धालुओं के मन के भीतर शौर्य, मर्यादा, शालीनता और आत्मसम्मान रूपी तरंगों का संचार होने लगता है। वह नगर- जिसका युगों-युगों से इस भूखंड पर महत्वपूर्ण स्थान रहा है, उसकी सांस्कृतिक जड़े सैकड़ों वर्ष […]
उगता भारत ब्यूरो इतिहास में पढ़ाया जाता है कि ताजमहल का निर्माण कार्य 1632 में शुरू और लगभग 1653 में इसका निर्माण कार्य पूर्ण हुआ। अब सोचिए कि जब मुमताज का इंतकाल 1631 में हुआ तो फिर कैसे उन्हें 1631 में ही ताजमहल में दफना दिया गया, जबकि ताजमहल तो 1632 में बनना शुरू हुआ […]
अनुराग भारद्वाज मैं: ‘अच्छा बताओ. हम क्या बोलते हैं? अशोक महान था या अशोक महान थे?’ वह: ‘एक ही बात है.’ मैं: फिर भी…अक्सर क्या बोला जाता है?’ वह: ‘अशोक महान था.’ मैं: ‘अकबर महान था? या अकबर महान थे?’ वह: ‘फिर वही बात? अकबर भी महान ही था, भाई! हर एक के लिए ऐसे […]
उगता भारत ब्यूरो 4 जुलाई 1944 को बर्मा में भारतीयों के सामने दिया गया नेताजी का ये प्रेरक भाषण शब्दशः प्रस्तुत है दोस्तो ! बारह महीने पहले “ पूर्ण संग्रहण ”(total mobilization) या “परम बलिदान ”(maximum sacrifice) का एक नया कार्यक्रम पूर्वी एशिया में मौजूद भारतीयों के समक्ष रखा गया था ! आज मैं आपको […]
मैं गांधीवादी नहीं हूं : शिव खेड़ा
प्रसिद्ध लेखक शिव खेड़ा से पूछा गया कि क्या आप गाँधीवादी हैं? उनका जवाब पढ़िए: दर्शकों में से एक व्यक्ति ने मुझसे पूछा, क्या आप गाँधीवादी हैं? मैंने अपने जीवन में एक चीज़ सीखी है, किसी प्रश्न का जवाब देने से पहले, आप सवाल को स्पष्ट करो, और दूसरी बात, कभी-कभी एक सवाल का सबसे […]
गांधी और हिंदी भाषा का विकृतिकरण
#विश्वहिन्दीदिवस पर विशेष रूप से प्रकाशित आजादी के पूर्व 1937 में गांधीजी के आदेश पर देश मे धर्मनिरपेक्षता का पाठ पढ़ाने के लिए ‘वर्धा शिक्षा समिति’का पाठयक्रम तैयार किया। इस पाठ्यक्रम में अरबी,फारसी ,उर्दू और हिंदी को जोड़ कर एक नई भाषा तैयार की गई। जिसे “हिंदूस्तानी भाषा” का नाम दिया गया। इस भाषा मे […]