अनिल सिंह उत्तर प्रदेश में विधानसभा का चुनावी समर जारी है, लेकिन इस बार का चुनाव कुछ मायनों में पिछली तमाम राजनीतिक लड़ाइयों से अलहदा है। कम से कम अयोध्या आंदोलन के बाद यह पहला चुनाव है, जिसमें 20 फीसदी मुस्लिम आबादी किसी भी दल के एजेंडे में शामिल नहीं है। कोई भी राजनीतिक दल […]
Author: उगता भारत ब्यूरो
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*पंजाब को और सिख धर्म को एक दूसरे के पर्यायवाची के तौर पर कई बार देखा जाता है इस मूर्खतापूर्ण निष्कर्ष का एक परिणाम यह हुआ कि खालिस्तानी मानसिकता वाले पंजाब पर अपना एकाधिकार समझते हैं* *२६ जनवरी को लाल किले पर जो झांकी निकलती है यह पंजाब के झांकी की फोटो है पंजाब के […]
कामुक अकबर के रंगीन किस्से
भारत के ज्ञात इतिहास में कामुक वृत्ति के दो चरित्र मिलते हैं। एक मांडव का गयासुद्दीन और दूसरा अकबर। इनमें भी अकबर ने गयासुद्दीन को बहुत पीछे छोड़ दिया। गयासुद्दीन कामुक था किंतु अपनी काम-पिपासा के लिए वह अपने मालवा राज्य की हिन्दू प्रजा को ही सताता था। जहां कहीं किसी हिन्दू के घर में […]
स्वामी ओमानन्द सरस्वती भारत के पतनकाल के समय आज से दो सो वर्ष पूर्व भी हरयाणा स्वर्ग के समान ही था । इसकी वैदिकसंस्कृति ज्यों की त्यों अविकृतरूप में थी । केवल पौराणिक प्रभाव के कारण तीर्थ , मूर्तिपूजादि का प्रचलन होगया था । वही अश्वपति के काल का पवित्र चरित्र , शुद्ध , सात्त्विक […]
यह आज हमें पता है कि भारत का वर्तमान स्वरूप 15 अगस्त 1947 की देन है। आज अखंड भारत की कल्पना में हम केवल पाकिस्तान और बांग्लादेश को जोड़ते हैं। परंतु हमें यह स्मरण रखना चाहिए कि बर्मा, श्रीलंका, अफगानिस्तान आदि भी भारत के ही भाग रहे हैं। यदि हम केवल 15 अगस्त 1947 के […]
रामद्रोही और संत कबीरदास
अरुण लवानिया बामसेफियों और 22 प्रतिज्ञाओं वाले अंबेडकरवादियों की छटपटाहट मोदी के सत्तासीन होने के बाद और ही बढ़ गयी है।जितने भी ईश्वरवादी संत हैं उन्हें एक-एक कर नास्तिक, हिंदू द्रोही, डॉ अंबेडकर के विचारों और बुध्द के समीप या बौध्द साबित करने का कुचक्र भी जोर-शोर से चल रहा है। बामसेफियों की प्रचार सामग्रियों, […]
उगता भारत ब्यूरो विभिन्न शोध संगठनों के अध्ययन स्पष्ट रूप से बताते हैं कि यद्यपि हम बाहरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन व्यक्ति की शांति, खुशी सूचकांक और मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य के साथ विपरीत परिणाम हो रहा है। हमने पिछले कुछ दशकों में सभी के जीवन और जीवनशैली में जबरदस्त बदलाव […]
गणतंत्र दिवस पर विशेष रचनाकार- दर्शनाचार्या विमलेश बंसल आर्या यदि वेदानुकूल हो संविधान हमारा। तो स्वर्ग बने स्वराज्य प्यारा।। जैसा कि हम सब जानते हैं आज ही के दिन 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ, आज हम सभी वीर बलिदानियों को नमन करते हुए 73वाँ गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। राष्ट्र की सेवा […]
गुलाम भारत का आजाद फौजी
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर विशेष प्रो. संजय द्विवेदी नेताजी कहा करते थे कि, “सफलता हमेशा असफलता के स्तंभ पर खड़ी होती है। इसलिए किसी को असफलता से घबराना नहीं चाहिए।” इस छोटी सी पंक्ति के माध्यम से नेताजी ने असफल और निराश लोगों के लिए सफलता के नए द्वारा खोल दिए। यही […]
सुयश श्रीकर छत्रपति शिवाजी महाराज के शासन वाले कई किलों पर दरगाह, मजार, मस्जिद और इस्लामी संरचनाएँ बना दी गई हैं। इसके अलावा, देश भर में हिंदू राजाओं के किलों पर ऐसी ढाँचे खड़े कर दिए गए हैं। इससे हिंदू समाज में सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों पर हो रहे कब्जे को लेकर चिंता बढ़ रही […]